भोपाल ।
मध्यप्रदेश सरकार की कृषि क्षेत्र की प्राथमिकता को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में वार्षिक साख योजना में कृषि में निवेश को सबसे अधिक महत्व दिया है। प्रदेश के लिए वार्षिक साख योजना में 1,89,250 करोड़ रूपये का परिव्यय निर्धारित किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 14,073 करोड़ रूपये अर्थात् 8.03 प्रतिशत ज्यादा है। इस वर्ष वार्षिक साख योजना का 71 प्रतिशत कृषि क्षेत्र में निवेश किया जायेगा।
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वार्षिक साख योजना में कृषि निवेश पर सर्वाधिक जोर दिया गया है। कृषि में पूँजी निर्माण को प्राप्त करने के उद्देश्य से कृषि ऋण के लिए अधिक सीमा निर्धारित की गई है। हितधारकों के साथ क्षेत्रवार विश्लेषण और परामर्श के बाद ही जल संसाधन विकास, सिंचाई, भूमि विकास, पशुपालन एवं डेयरी विकास, उद्यानिकी आदि क्षेत्र में क्रेडिट प्रवाह निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान किसानों की आय को बढ़ाने और खेती को लाभ का धंधा बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिये सतत प्रयास कर रहे हैं। इसी उद्देश्य से वार्षिक साख योजना में कृषि, पशुपालन और उद्यानिकी क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। प्रदेश के आर्थिक विकास में अन्नदाता किसान जितने मजबूत होंगे, प्रदेश उतना ही संपन्न होगा।
वार्षिक ऋण योजना में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के लिये 1,76,217 करोड़ रूपये का निवेश प्रस्तावित किया है। कृषि क्षेत्र में बड़ा हिस्सा 1,34,236 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है। इसमें 96,864 करोड़ रुपये के फसल ऋण तथा 27,548 करोड़ रुपये के कृषि अवधि ऋण शामिल हैं। कृषि क्षेत्र में निवेश प्रदेश में कुल बोया रकबे, कुल सिंचित क्षेत्र फसल की तीव्रता को देखते हुए निर्धारित किया गया है। योजना के अंतर्गत प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में एमएसएमई के लिये 32,076 रुपये का निवेश निर्धारित किया गया है। यह कुल परिव्यय का 16.95 प्रतिशत है। हाउसिंग सेक्टर के लिये वार्षिक ऋण योजना में प्रदेश को 7,131 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित है। यह कुल लक्ष्य का 3.77 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बैंकों की राज्य स्तरीय समिति की बैठक में कहा है कि बैंकों की वार्षिक साख योजना में एस.एच.जी. कंपोनेंट को पृथक से दर्शाया जाए।