भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 11 जुलाई को मुरैना में शाम 4 बजे पथ-व्यवसाइयों से संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान के कार्यक्रम के सभी 378 नगरीय निकायों में लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त फेसबुक लाइव प्रसारण भी होगा। पथ-व्यवसायी को 10 हजार रुपये की कार्यशील पूँजी उपलब्ध कराई जायेगी। अभी तक 14 हजार 525 पथ-व्यवसाइयों को 14 करोड़ 52 लाख 50 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। पंजीकृत व्यवसाइयों के आवेदनों के सत्यापन के बाद सभी पात्रों को कार्यशील पूँजी उपलब्ध कराई जायेगी।
अभी तक 8 लाख 70 हजार से अधिक पथ-व्यवसाइयों का पंजीयन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान पथ व्यवसाइयों के इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। पथ-व्यवसाइयों को योजना के बारे में जानकारी देने और उनके अनुभवों को सुनने के लिये संवाद का कार्यक्रम रखा गया है। पथ-विक्रेता को ऑनलाइन पहचान-पत्र एवं वेंडिंग प्रमाण-पत्र दिये जा रहे हैं।
योजना की प्रगति
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पंजीयन करवाने वाले पथ-व्यवसाइयों में नाई, बाँस की डलिया, कबाड़ीवाला, लोहार, पनवाड़ी, मोची, चाय की दुकान, सब्जी-भाजी, फूल विक्रेता, वस्त्र विक्रेता, हाथकरघा, आइस्क्रीम पार्लर सहित 35 प्रकार के व्यवसाय शामिल किये गये हैं। योजना सभी 378 नगरीय निकायों में लागू है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन पर 1200 रुपये का विशेष अनुदान
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के चलते लोगों के घरों तक सीमित रहने के कारण शहरी पथ-विक्रेताओं का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के शहरी पथ-विक्रेताओं की बड़ी आबादी को कार्यशील पूँजी उपलब्ध करवाने के लिये प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म-निर्भर निधि (पी.एम. स्वनिधि) योजना की घोषणा की है। योजना में पंजीकृत शहरी पथ-विक्रेताओं को 10 हजार रुपये की क्रियाशील पूँजी उपलब्ध करवाई जा रही है। योजना में केन्द्र द्वारा 7 प्रतिशत का ब्याज अंशदान दिया जायेगा। शेष ब्याज का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। योजना में डिजिटल ट्रांजेक्शन पर वर्ष में 1200 रुपये का विशेष अनुदान दिया जायेगा। समय से या शीघ्र भुगतान करने पर हितग्राही अधिकतम 200 प्रतिशत यानि कुल 20,000 रुपये तक कार्यशील पूँजी ऋण एवं ब्याज अनुदान के लिये पात्र होगा। अनुबंध निष्पादन मात्र 50 रुपये के स्टाम्प पर करने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना को देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में लागू किया है।