भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग से जिला कलेक्टरों और कमिश्नर्स से विभिन्न जिलों में हुई बारिश के संदर्भ में गेहूँ के शतप्रतिशत सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा एक तरफ कोविड-19 और अब निसर्ग तूफान की वजह से तेज हवाओं के साथ बारिश के कारण कुछ स्थानों पर खुले में रखे गेहूँ का सुरक्षित भंडारण एक चुनौती है। हालांकि बहुत कम मात्रा में गेहूँ गोदामों तक न पहुंचने की बात सामने आई है, लेकिन किसानों को उनके उपार्जित गेहूँ का पूरा भुगतान किया जाएगा। चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि उपार्जित गेहूँ के परिवहन का कार्य जिन जिलों में पूरा हो गया है, वहां के वाहनों को अन्य जिलों में परिवहन कार्य में संलग्न करें। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी इस अवसर पर उपस्थित थे।
गेहूँ उपार्जन में मध्यप्रदेश देश में दूसरे क्रम पर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गेहूँ के बंपर उत्पादन और उपार्जन के लिए किसानों सहित संबंधित सरकारी विभागों के अधिकारियों और जिला कलेक्टरों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में गेहूँ उपार्जन का ऐतिहासिक कार्य हुआ है। यह आज एक करोड़ 25 लाख 60 हजार मीट्रिक टन हो चुका है। पंजाब के बाद मध्य प्रदेश अभी दूसरे क्रम पर है। यह गर्व की बात है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा 26 जिलों में शत-प्रतिशत गेहूँ उपार्जन और परिवहन का कार्य विपरीत परिस्थितियों में संभव कर दिखाया गया। विपरीत परिस्थितियों में और संकट में सफलता प्राप्त करने का अपना आनंद है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कहीं भी गेहूँ खराब न हो इसके लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए। केरल में मानसून दस्तक दे चुका है। ऐसे में आने वाले दिनों में भी जहां खुले में गेहूँ रखा है उसे सुरक्षित रखने का कार्य किया जाए। जो शेष स्कंध है डनेज शीट बिछाकर रखने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए कि किसानों को उन्हें मिलने वाली राशि का भुगतान भी सुनिश्चित करें। चने के उपार्जन और परिवहन के संबंध में भी मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए। तिवड़ा मिश्रित चने की अनुमति प्राप्त होने के बाद यह कार्य भी पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि अन्य विभाग के अमलों का उपयोग करते हुए, अधिकारी दल बनाकर कार्यों को पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टिड्डी दल पर नियंत्रण के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। प्रदेश के 21 जिलों में टिड्डी दल की समस्या से 18 जिले निजात पा चुके हैं। शेष तीन जिलों शिवपुरी, बैतूल, रीवा में आवश्यक उपाय अपनाए जा रहे हैं। टिड्डियों के खात्मे के लिए फायर ब्रिगेड और दवाओं के छिड़काव का कार्य किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में चना, सरसों और मसूर के उपार्जन की भी व्यवस्थाएं पुख्ता रखने के निर्देश दिए।
कोरोना पर रखें नजर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस के एक संभावित पीक को देखते हुए स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल सभी सावधानियां पूरी तरह बरती जाना चाहिए। जन जागरूकता अभियान निरंतर चलना चाहिए। शिक्षण संस्थाएं अभी बंद हैं। कक्षा 12वीं की परीक्षाओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। सभी कलेक्टर अपने जिलों में आर्थिक गतिविधियों के संचालन के साथ संक्रमण न हो पाए इसके लिए प्रत्येक आवश्यक उपाय लागू करना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़ने, जिलों के अस्पतालों में टेस्टिंग, उपचार और अन्य व्यवस्थाओं के लिए प्रशासनिक अमले को बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संकट की स्थिति में पुलिस बल ने भी बहुत लगन से कार्य किया है। इन सेवाओं के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पुलिस बल को भी बधाई दी।
विपरीत स्थितियों में सफलता का आनंद
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि किसी भी नगर में संक्रमण न फैले, व्यवस्थाएं सुविचारित हों। नागरिकों और व्यापारियों को राहत दें, इसके लिये दुकानों के समय और दिन निर्धारित कर बाजारों में आवश्यक प्रबंध हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्दश दिए कि कोरोना वायरस से प्रभावित रोगियों की संख्या पर निरंतर नजर रखी जाये। यह संतोष की बात है कि अनलॉक-वन से वायरस के स्प्रेड होने की बात सामने नहीं आयी है। फिर भी सैम्पलिंग, स्क्रीनिंग के कार्य नियमित किये जाएं। प्रत्येक नागरिक जागरूक रहे। दुकानदार सेनेटाईजर की व्यवस्था रखें। मास्क के उपयोग की अनिवार्यता और सामाजिक दूरी का भी पालन हो। प्रदेश में लगभग 85 हजार बैड की व्यवस्था है, ताकि किसी संकट की आशंका होने पर निपटा जा सके। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ने यह सिद्ध किया है कि पॉजिटिव केस भी ठीक हो जाते हैं। अच्छी व्यवस्थाओं के फलस्वरूप ही देश में मध्यप्रदेश का रिकवरी रेट दूसरे नंबर पर है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को संकट की स्थिति में कार्य का जुनून भी होता है। विपरीत परिस्थितियों में सफल हो जायें, तो सफलता का विशेष अर्थ होता है। जनता की बेहतर सेवा करें और प्रदेश के नागरिकों को महामारी से बचायें।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार जिलों को आवश्यक निर्देश भिजवाये गये हैं। त्रिआयामी रणनीति में पॉजीटिव के सम्पर्क में आये व्यक्ति की ट्रेसिंग, सार्थक एप के उपयोग, सर्विलेंस, निरंतर सर्वे की व्यवस्था और फीवर क्लीनिक के संचालन से वायरस नियंत्रण में मदद मिली है। श्री सुलेमान ने बताया कि 35 जिलों में आईसीयू और ऑक्सीजन बैड के वर्क आर्डर दे दिये गये हैं। इस माह के अंत तक कलेक्टर्स इन व्यवस्थाओं को पूरा कर रहे हैं।
प्रमुख सचिव खाद्य श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि आज दिनाँक तक 1 करोड़ 25 लाख मेट्रिक टन से अधिक गेहूँ का उपार्जन हो गया है। परिवहन के बाद अधिकांश भंडारण भी हो गया है। हाल की बारिश से बड़ी क्षति नहीं हुई है। उपार्जित गेहूँ की सुरक्षा के लिए पूर्व से जिलों को आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश थे, जिनका पालन भी हुआ है।
कलेक्टर भोपाल ने बताया कि कोरोना का कहीं भी मेजर स्प्रेड नहीं है। भोपाल में आईआईटीटी रणनीति कारगर हो रही है। लगभग 30 प्रतिशत दुकानें अलग-अलग दिन खोलने की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर इंदौर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में तो काफी छूट पूर्व में ही दे दी गई है। उद्योग के क्षेत्र में उत्पादन को गति मिल रही है। करीब 75 प्रतिशत उत्पादन हो भी रहा है। अभी सराफा, वस्त्र और बर्तन व्यवसायियों के लिये रोटेशन से व्यवस्था की जाना है। उज्जैन कलेक्टर ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और व्यापारी संगठनों से चर्चा कर रोड के एक तरफ की दुकानें एक दिन और दूसरी तरफ की दुकानें दूसरे दिन खोलने की व्यवस्था की गई है। इससे ज्यादा भीड़ नहीं हो रही है। अधिकारियों की टीम भी गठित की गई है, जो व्यवस्था का निरीक्षण करती रहती हैं। जबलपुर कलेक्टर ने कहा कि सिटी बस सेवा प्रारंभ की जा रही है। अन्य स्थानों के लिये बसें चलाने के लिये प्रायवेट बस एसोसिएशन अभी तैयार नहीं है। कलेक्टर ग्वालियर ने कहा कि नगर के सभी वार्ड में आर्थिक गतिविधियाँ संचालित हैं। सैलून शॉप भी प्रारंभ किये गये हैं। कुल 104 केन्द्रों में 12वीं की परीक्षा के लिये जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं।