भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के समस्त महिला स्व-सहायता समूहों का आर्थिक सशक्तीकरण किया जाए। इसके लिए संबंधित विभाग रोडमैप बनाए, प्राथमिकताएं तय करें तथा समयबद्ध कार्यक्रम निर्धारित करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में महिला स्व-सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तीकरण संबंधी बैठक ले रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव महिला बाल विकास श्री अशोक शाह, प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी आदि उपस्थित थे।
अभियान चलाकर स्व-सहायता समूहों का गठन करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में निष्क्रिय समूहों को सक्रिय करें, उनका बैंक लिंकेज करवाएं। श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में अभी 71 हजार समूहों के बैंक खाते नहीं खुले हैं तथा 22707 समूह निष्क्रिय हैं। प्रदेश में 2 लाख 10 हजार महिला स्व सहायता समूहों के गठन का लक्ष्य है।
देश दुनिया में जो बेहतर हो रहा है प्रदेश में लागू करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने तथा उन्हें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में अधिक से अधिक सक्रिय करने के लिए देश-दुनिया में जो भी बेहतर हो किया जाए।
एक्शन प्लान बनाकर कार्य करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है हमारे स्व-सहायता समूहों की आमदनी बढ़े तथा उनका आर्थिक सशक्तीकरण हो। इसके लिए शीघ्र ही एक्शन प्लान बनाया जाए तथा उस पर कार्य किया जाए।
प्रदेश में किए गए उत्कृष्ट कार्य
अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने प्रदेश में स्व सहायता समूहों के उत्कृष्ट कार्यों के विषय में बताया कि उनके द्वारा क्लस्टर आधारित मसाला फसल एवं सब्जी उत्पादन, उन्नत कृषि – जैविक खाद एवं जैविक कीट-नाशक का प्रयोग, मचान विधि से सब्जी उत्पादन, समूह उत्पादित सब्जियों का आजीविका फ्रेश के माध्यम से विपणन, एनडीडीबी डेरी सर्विसेज के सहयोग से दुग्ध वैल्यू चैन संबंधी कार्य (सागर, राजगढ़, आगर में, 19,876 हितग्राही द्वारा प्रतिदिन 18 हजार लीटर तक दुग्ध उत्पादन), 5 प्लांट्स में टेक होम राशन का निर्माण, कृषि सखियों द्वारा अन्य प्रदेशों – उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब में महिला समूहों को प्रशिक्षण (724 सखियों द्वारा 2.95 करोड़ रूपये की आय), समुदाय द्वारा सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र संचालन, 13 जिलों में उत्कृष्ट रूप से संचालित प्रारम्भिक ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम (03 बार भारत सरकार से पुरस्कृत) आदि प्रमुख हैं।
तेजस्विनी समूहों द्वारा उत्कृष्ट कार्य
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि महिला स्वसहायता समूहों द्वारा तैयार की गयी सामग्री की प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर मार्केटिंग की समुचित व्यवस्था की जाए जिससे उन्हें अच्छा लाभ मिल सके। प्रमुख सचिव श्री अशोक शाह ने बताया कि प्रदेश में तेजस्विनी महिला समूहों द्वारा कोदो कुटकी सामग्री निर्माण, दुग्ध संग्रह विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री निर्माण आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया गया है। उन्होंने आग्रह किया कि तेजस्विनी महिला स्व सहायता समूहों को आजीविका मिशन में हस्तांतरित न करते हुए पूर्ववत संचालित किए जाने की अनुमति दी जाए। इस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा तुरंत अनुमति दी गयी।