“मास्क ही कोरोना से बचाव का वैक्सीन है, इसका उपयोग अवश्य करें” – मुख्यमंत्री श्री चौहान
“मास्क ही कोरोना से बचाव का वैक्सीन है, इसका उपयोग अवश्य करें” – मुख्यमंत्री श्री चौहान
भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क ही एक तरह की वैक्सीन है। प्रत्येक व्यक्ति अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करे। यह बचाव का बहुत बड़ा अस्त्र है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आव्हान किया कि मास्क के अलावा बार-बार साबुन से हाथ धोने या सेनेटाईज करने की आदत भी कोरोना से बचाने में काफी मददगार है। इसे हर नागरिक जरूर अपनाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस दुनिया के सामने एक नई चुनौती है। बीमारी के स्वरूप, प्रभाव और इलाज का कुछ पता नहीं। इसकी घातकता से संपूर्ण विश्व दहशत में है। ऐसे में चिकित्सा अमले ने जिस साहस, धैर्य और जीवन को जोखिम में डालकर समर्पण से कार्य किया तथा लोगों का विश्वास टूटने नहीं दिया, वह मानवता के इतिहास में अभूतपूर्व है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश की आठ करोड़ जनता की ओर से सभी डॉक्टर्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ का अभिनंदन कर आभार माना। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस समर्पण की तुलना दधीचि के प्रसंग से करते हुए कहा कि संकटकाल में मेडिकल अमले की भूमिका के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना सरकार और समाज का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मिंटो हाल में चिकित्सा क्षेत्र के कोरोना योद्धाओं के सेवा सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
कोरोना के विरूद्ध युद्ध में नहीं आने देंगे संसाधनों की कमी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वित्तीय संकट अवश्य है, पर कोरोना के विरुद्ध युद्ध में किसी भी तरह के संसाधनों और धन की कमी नहीं होने दी गई। डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता हो या उपकरणों व सामग्री की व्यवस्था, आपूर्ति का क्रम निरंतर जारी रहेगा। नये मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की ओर हम निरंतर अग्रसर हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर कदम और परिस्थिति में सरकार कोरोना योद्धाओं के साथ है।
आपदा में भी बनेगा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप कोरोना महामारी के संकट का देश ने सूझबूझ के साथ सामना किया। लॉकडाउन के परिणामस्वरूप व्यवस्थाओं को बनाए रखने में मदद मिली। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस आपदा को अवसर में बदलने का आव्हान किया। कोरोना के विरुद्ध यह लड़ाई लम्बी अवश्य है पर हमारी रणनीति सटीक है। धैर्य, हिम्मत, सावधानी के साथ मन में उत्साह लिए हम निरंतर प्रयासरत रहेंगे और इस आपदा में भी आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण की ओर लगातार अग्रसर होते रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर कोविड-19 महामारी काल में योगदान देने वाले चिकित्सा क्षेत्र के कोरोना योद्धाओं से संवाद भी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान की ओर से समस्त चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को सेवा सम्मान और डिजिटल प्रशस्ति प्रमाण-पत्र जारी किए गए। कार्यक्रम मध्यप्रदेश गान से आरंभ हुआ।
प्रभावित एक लाख व्यक्ति हुए स्वस्थ
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लगभग प्रतिदिन कोरोना की समीक्षा कर निरंतर स्थिति की निगरानी के साथ-साथ चिकित्सा अमले का उत्साहवर्धन भी किया है। डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश में भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप संक्रमण रोकने के सुदृढ़ उपाय किए जा रहे हैं। प्रदेश में कोरोना से प्रभावित 1 लाख 24 हजार व्यक्तियों में से 1 लाख लोग पूर्णत: स्वस्थ हो गए। यह बड़ी उपलब्धि है। श्री चौधरी ने बताया कि जांच और संसाधनों की क्षमता वृद्धि की दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं। प्रदेश में टेस्टिंग क्षमता एक दिन में तीस हजार तक बढ़ाई जा चुकी है। वर्तमान में 716 फीवर क्लीनिक संचालित हैं। बिस्तरों की उपलब्धता भी पर्याप्त है।
मुख्यमंत्री ने किया ‘सुख का दाता दुख का साथी’ पंक्ति को चरितार्थ
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश गान की प्रथम पंक्ति ‘सुख का दाता दु:ख का साथी’ को चरितार्थ किया है। उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति और प्रयासों के कारण ही प्रदेश में आज कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। श्री सारंग ने चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ का आभार मानते हुए कहा कि भगवान ने सर्वाधिक भाग्यशाली डॉक्टरों को बनाया है क्योंकि डॉक्टर में लोगों की जान बचाने की क्षमता है। पीड़ित मानवता की सेवा से मिलने वाला सुख सर्वाधिक डॉक्टरों के भाग्य में ही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोविड-19 महामारी काल में योगदान देने वाले चिकित्सा क्षेत्र के कोरोना योद्धाओं से वीडियों कान्फ्रेंसिंग द्वारा बातचीत की।
भय दूर करना – बड़ी चुनौती
मनीष जी- कैसे हैं आप। कोरोना के शुरुआती दौर में आपके सामने सबसे बड़ी चुनौती कौन-सी थी। यह बातचीत मुख्यमंत्री श्री चौहान और सागर मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक मेडिसिन डॉ. मनीष जैन के बीच की है। डॉ. जैन ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि टीम को मोटिवेट करना और भय दूर करना सबसे बड़ी चुनौती थी। इसके लिए हमारे सीनियर्स और मैंने स्वयं पहल और हिम्मत कर मरीजों के वार्ड में जाना शुरु किया। इससे टीम वर्क में काम शुरु हुआ। डॉ. जैन ने बताया कि मरीजों का मनोवल बनाए रखना भी बड़ी चुनौती थी। सामान्यत: दूसरी बीमारियों में परिजन मरीज के साथ बने रहते हैं, उसका मनोवल बढ़ाते हैं। इस बीमारी में मरीज अकेला था। अत: वीडियो कॉलिंग व्यवस्था आरंभ कर इस दिशा में प्रयास किया।
छह महीने से आइसोलेशन में हूँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भिण्ड के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजीत मिश्रा से पूछा की घर वाले कोरोना से डरकर यह तो नहीं कहते कि छोड़ो-छाड़ो डॉक्टरी-कुछ और कर लेना। इस पर डॉ. मिश्रा ने बतया कि घर पर वृद्धजनों की बीमारी के प्रति संवेदनशीलता और उन्हें संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए मैंने स्वयं छ: माह से स्वयं को घर में आइसोलेट किया हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ये समर्पण की अद्भुत मिसाल है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि प्रवासी मजदूरों से संक्रमण फैलने की संभावना के समय आईआईटीटी रणनीति बहुत प्रभावशाली रही।
‘जल्द ही जीतेंगे कोरोना से’
कुमारी अंशुल मिश्रा इन्दौर में एपीडिमियोलॉजिस्ट हैं। कोविड के आंकड़ों का विश्लेषण तथा राज्य व राष्ट्रीयस्तर पर रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी उनकी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुमारी अंशुल से पूछा की डाटा देखकर मन में क्या भाव आता है। अंशुल ने कहा कि अध्ययन के दौरान महामारियों के बारे में पड़ा अवश्य था पर महामारी से डील करने का यह पहला अनुभव है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के यह पूछने पर कि अब क्या संकल्प है मन में। अंशुल ने कहा कि- ‘जल्द ही जीतेंगे कोरोना से’।
हम बचेंगे तभी दूसरों को बचा पायेंगे
मरीज के सबसे अधिक निकट संपर्क में तो नर्सिंग स्टाफ ही आता है। ऐसे में कोरोना मरीजों के इलाज में डर नहीं लगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यह बात इन्दौर की नर्स सुश्री जयश्री कुलकर्णी से पूछी। सुश्री जयश्री ने कहा कि पूरी सावधानी, हिम्मत और अपनी सकारात्मकता बनाये रखते हुए इलाज किया। हमें ही तो मरीजों का डर दूर करना था। सुश्री जयश्री ने बताया कि योगा, प्रणायाम और पौष्टिक भोजन पर विशेष ध्यान रखा क्योंकि हम बचेंगे तभी दूसरों को बचा पायेंगे। इन्दौर की डाटा मैनेजर अपूर्वा तिवारी ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से कहा कि आपका कार्य महत्वपूर्ण है। इससे हमें आगे की रणनीति बनाने का आधार मिलता है।
एक दिन में किए 2900 टेस्ट
दीपक बाथम गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में लैब अस्सिटेंट हैं। इन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि पहले प्रतिदिन केवल 60-70 सेंपल टेस्ट कर पाते थे। अब दो हजार से बाइस सौ टेस्ट रोज हो रहे हैं। दीपक ने बताया कि उन्होंने अधिकतम एक दिन में 2900 टेस्ट किए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीपक से कहा कि आवश्यक सावधानियों का पालन जरूर करें।
लड़ाई लंबी है : मोर्चे पर डटे रहना जरूरी
गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के डॉ. लोकेन्द्र दवे ने कोरोना योद्धाओं की ओर से उत्साहवर्धन के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार माना। डॉ. दवे ने कहा कि शासन पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करा रहा है उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान को आश्वस्त किया कि सभी चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ समर्पित भाव से निरंतर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध और समर्पित है। डॉ. दवे ने कहा कि कोरोना के विरुद्ध ल़ड़ाई लम्बी जरूर है पर योजनाबद्ध तरीके से मोर्चे पर डटे रहने से जीत हासिल होगी। मानसिक रूप से मजबूत रहना और सभी सावधानियों जैसे मास्क, सोशल डिस्टेसिंग, सेनेटाईजेशन का सतत् व सतर्क उपयोग जरूरी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जबलपुर कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा तथा देवास जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री शीतला पटेल से भी बातचीत की। अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश का रिकवरी रेट 80 प्रतिशत हो गया है। कोरोना से पीड़ित होने के बाद स्वस्थ हुए व्यक्तियों की संख्या एक लाख से अधिक हो गई है। कार्यक्रम को चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री निशांत वरवड़े ने भी संबोधित किया। फेसबुक, यूट्यूब, वेबकास्ट तथा प्रमुख न्यूज चेनल्स पर कार्यक्रम का प्रसारण हुआ, जिससे लाखों की संख्या में लोग जुड़े।