मध्यप्रदेश 822 खिलाड़ियों का बीमा कराने वाला पहला राज्य
मध्यप्रदेश 822 खिलाड़ियों का बीमा कराने वाला पहला राज्य
राज्य स्तरीय गुरूनानक देवजी प्रांतीय ओलम्पिक खेल का रंगारंग शुभारंभ
भोपाल। मध्यप्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत की उदघोषणा के साथ टी.टी. नगर स्टेडियम में 7 दिवसीय राज्य स्तरीय गुरूनानक देवजी प्रांतीय ओलम्पिक खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ। जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री जीतू पटवारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री अरूण यादव तथा पद्मश्री ओलम्पियन तीरंदाज सुश्री दीपिका कुमारी ने इस मौके पर रंगीन गुब्बारे छोड़े। मल्लखम्ब खिलाड़ियों की शानदार प्रस्तुति के साथ ही प्रदेश के दस संभागों से आये खिलाड़ियों ने आकर्षक मार्च पास्ट किया। समारोह में ‘खेलो इंडिया’ यूथ गेम्स के पदक विजेता खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया।
विधायकों को 5 लाख तक अनुदान स्वीकृत करने के अधिकार
खेल और युवा कल्याण मंत्री श्री जीतू पटवारी ने कहा कि ग्रामीण प्रतिभाओं को खेलों में पर्याप्त अवसर दिलाने के लिए मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की पहल पर प्रदेश में गुरूनानक देवजी प्रांतीय ओलम्पिक खेल की शुरूआत हुई है। राज्य सरकार ने वचन-पत्र में किए वायदे को पूरा किया है। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्रवार प्रत्येक विधायक को लोकप्रिय खेलों के विकास के लिए 5 लाख रूपये तक अनुदान की स्वीकृति के अधिकार दिये जाएंगे।
श्री पटवारी ने खेल विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और उपलब्धियाँ गिनाते हुए कहा कि अकादमी के 822 खिलाड़ियों का बीमा कराने वाला मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है। खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि में कई गुना वृद्धि की गई है। खिलाड़ियों को शासकीय नौकरी में 5 फीसदी आरक्षण दिये जाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ‘खेलो इंडिया’ यूथ गेम्स के पदक विजेता खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि दोगुनी कर उन्हें सौगात दी।
जीतने के लिये हार से सामना होना जरूरी
जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा ने खिलाड़ियों से कहा कि वे संघर्ष से घबराएं नहीं क्योंकि जीतने के लिए हार से सामना होना भी जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री की खिलाड़ियों के प्रति भावना की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कैबिनेट की बैठक में पर्वतारोही सुश्री मेघा परमार और भावना डेहरिया को बुलाकर उनका सम्मान किया। उन्होंने खिलाड़ियों को प्रांतीय ओलम्पिक में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस प्रतियोगिता के माध्यम से खिलाड़ियों को ‘हम भी ओलम्पियन हैं’ का गर्व महसूस करने का अवसर दिया है।
बिना जुनून मंजिल नहीं पा सकते खिलाड़ी
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि बिना टेलेन्ट और जूनुन के खिलाड़ी अपनी मंजिल नहीं पा सकते। उन्होंने प्रांतीय ओलम्पिक में भागीदारी कर रहे खिलाड़ियों से कहा कि काफी संघर्ष के बाद आप यहां तक पहुँचे हैं। यहाँ अपनी उत्कृष्ट खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर सफलता प्राप्त करें। समारोह को पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री अरूण यादव ने भी संबोधित किया।
खिलाड़ी के भीतर कान्फिडेंस जरूरी
पद्मश्री ओलम्पियन तीरंदाज सुश्री दीपिका कुमारी ने प्रदेश में खिलाड़ियों को मिल रही खेल सुविधाओं के लिए राज्य सरकार की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने खिलाड़ियों को खेलों में कैरियर बनाने के संबंध में टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा कि मैने जब वर्ष 2007 में तीरंदाजी खेल की शुरूआत की थी, तब इतनी खेल सुविधाएँ और उपकरण नहीं थे लेकिन मैने हार नहीं मानी। आज मैं इस मुकाम पर हूँ। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को अवसर का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। खिलाड़ी के भीतर कान्फीडेंस जरूरी है। कोच के अलावा साथी खिलाड़ियों से भी अनुभव शेयर कर सीखना चाहिए, इससे खेल में निखार आयेगा।
ओलम्पिक का उद्देश्य कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स के लिये प्रतिभाएं तैयार करना
संचालक खेल और युवा कल्याण डॉ. एस.एल. थाउसेन ने कहा कि प्रांतीय ओलम्पिक खेल के लिए शासन की परिकल्पना का उद्देश्य पारम्परिक खेलों के अलावा कॉमनवेल्थ, एशियन और ओलम्पिक के लिए प्रदेश की प्रतिभाओं को तैयार करना और उन्हें प्रतिभा प्रदर्शन के अधिकतम अवसर प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि आज से 7 फरवरी तक राज्य स्तरीय गुरूनानक देव जी प्रांतीय ओलम्पिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें दस संभागों के खिलाड़ी दस खेलों में भागीदारी कर रहे हैं। उन्होंने अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रथम समूह में 1 से 3 फरवरी तक व्हालीबाल, फुटबाल, कुश्ती, बैडमिंटन और कबड्डी की प्रतियोगिताएँ प्रारंभ हुईं। पहले नॉक आउट मुकाबले खेले गए।