मध्यप्रदेश में 15 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीनेशन की गति बरकरार
अब तक 19 लाख से अधिक को लगा वैक्सीन डोज
मध्यप्रदेश में 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष के किशोर-किशोरियों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षा देने के लिए शुरू हुआ विशेष अभियान जारी है। अब तक 19 लाख से अधिक बच्चों को वैक्सीन की प्रथम डोज लगाई जा चुकी है। अभियान के प्रथम दिन साढ़े 7 लाख बच्चों को वैक्सीन लगाकर मध्यप्रदेश ने देश में रिकार्ड कायम किया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेशवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाना राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश में 18 से 60 वर्ष आयु वर्ग के नागरिकों के टीकाकरण में सभी के प्रयासों से हम निर्धारित लक्ष्य के करीब पहुँच चुके हैं। अब तक 5 करोड़ 46 लाख 92 हजार 758 को वैक्सीन की प्रथम डोज और 5 करोड़ 5 लाख 5 हजार 995 को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं। प्रदेश में जिस गति से टीकाकरण का कार्य हो रहा है, उससे शीघ्र ही हम लक्षित समूह को वैक्सीनेट करने में सफल होंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीन लगाने का जो अभियान शुरू किया है, उसमें भी मध्यप्रदेश में पूरी सजगता के साथ कार्य हो रहा है। लक्षित समूह के 48 लाख बच्चों को वैक्सीन लगाने में स्वास्थ्य विभाग के साथ स्कूल शिक्षा विभाग महती भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चों को वैक्सीन के माध्यम से दी जा रही सुरक्षा में म.प्र. के जन-भागीदारी मॉडल का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिला, विकासखण्ड, वार्ड और पंचायत स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स के सदस्यों से कहा है कि कोरोना को पराजित करने के लिए टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में हम सबको मिलकर प्रयास करना है। बच्चों का टीकाकरण युद्ध-स्तर पर हो।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश में 150 करोड़ से अधिक कोरोना के टीके लग चुके हैं। हम सबको मिलकर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला करना है। टीकाकरण कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने का एक प्रमुख उपाय है। सांसद, विधायक, समाज-सेवी, धर्मगुरु, जन-अभियान परिषद, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, लायंस क्लब, रोटरी क्लब आदि सभी सामाजिक, धार्मिक और जनहित के कार्यों में लगे सभी संगठनों को टीकाकरण और कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के कार्यों में जोड़ना है। अभी 15 से 18 वर्ष तक में सभी बच्चों के शत-प्रतिशत टीकाकरण तक अपने सर्वोत्तम प्रयास में कमी नहीं आने दें। टीकाकरण ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।