मध्यप्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत इस वर्ष तीन गुना काम
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में इस वर्ष मनरेगा योजना के अंतर्गत 7 लाख 81 हजार कार्य खोले जा चुके हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना हैं। इन कार्यों में अभी तक 79 लाख 80 हजार श्रमिकों को रोजगार दिलाया गया है। गत वर्ष आज की स्थिति में 47 लाख 75 हजार मजदूरों को मनरेगा के अंतर्गत कार्य दिया गया था। इस वर्ष बड़ी संख्या में मजदूरों को कार्य दिये जाने के साथ ही किए जा रहे कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं बहुत उपयोगी हैं। मनरेगा के अंतर्गत धार जिले के सूलीबर्डी गांव में फॉसिल पार्क, श्योपुर जिले के रायपुरा में बावड़ी जीर्णोद्धार, ग्वालियर जिले के बन्हेरी में गो-शाला निर्माण तथा बालाघाट जिले में नहर गहरीकरण के कार्य अनूठे एवं अद्भुत हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के मनरेगा के मजदूरों से उनके कार्य स्थल से ही चर्चा कर रहे थे। वी.सी में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकासराज्यमंत्री श्री राम खिलावन पटेल, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, एसीएस श्री मनोज श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
गौ-शाला के शुभारंभ के लिए खुद आऊंगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान को ग्राम बन्हेरी जिला ग्वालियर के श्री अजब सिंह एवं हरी रावत ने बताया कि वे ग्राम में तैयार की जा रही है गो-शाला में कार्य कर रहे हैं। उन्हें समय पर कार्य की मजदूरी भी प्राप्त हो गई है। मनरेगा से बनाई जा रही इस गौशाला में 1500 गौवंश को रखने की व्यवस्था रहेगी। गो-शाला के साथ ही मंदिर सरोवर का निर्माण भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि गो-शाला के शुभारंभ के लिए वे स्वयं बन्हेरी आएंगे।
मनरेगा से तैयार की नक्षत्र वाटिका
बैतूल जिले के ग्राम कान्हाबाड़ी की कान्ति देवी ने मुख्यमंत्री को बताया कि गाँव में मनरेगा से नक्षत्र वाटिका तैयार की गई है जिसमें 27 नक्षत्र, 12 राशि एवं 9 ग्रहों के पौधे रोपित किए गए हैं। वाटिका में एक्यूप्रेशर ट्रेक एवं पाथ-वे भी बनाया गया है। इसमें गांव की महिलाओं ने मिस्त्री का कार्य किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्य के लिए कान्ति देवी सहित सभी को बधाई दी।
पहले महाराष्ट्र में काम करते थे अब यहीं करेंगे
कसाराघाट कल्याण महाराष्ट्र से वापस लौटे प्रवासी मजदूर श्री रामचरण ने बताया कि वे लॉकडाउन के दौरान अपने गांव रोशिया जिला खंडवा लौट आए। लौटते ही उनका एवं उनकी पत्नी बिन्दु बाई का जॉब कार्ड बन गया। अब वे दोनों मनरेगा में खंती खुदाई (कंटूर ट्रेंचिंग) का कार्य कर रहे हैं। आगे भी अपने गांव में रहकर ही काम करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आश्वस्त किया कि भविष्य में भी उन्हें काम मिलता रहेगा।
काम मिला, मजदूरी मिली, राशन मिला, मास्क भी मिला
मुरैना जिले के ग्राम धनेला के राजू जाटव ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि उन्हें मनरेगा में काम मिला है, समय पर मजदूरी मिल रही है, फ्री राशन मिला और मास्क भी मिला। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी की है, वे अपने बच्चों को अवश्य पढ़ाएं।
317 सिंचाई नहरों का गहरीकरण
मुख्यमंत्री श्री चौहान को बालाघाट जिले के ग्राम पाला के सुमित खरे ने बताया कि गावँ में वे मनरेगा में नहर गहरीकरण का कार्य कर रहे हैं। पहले नागपुर में मिस्त्री का कार्य करते थे। एसीएस श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि बालाघाट जिले में मनरेगा से 317 सिंचाई नहरों के गहरीकरण का कार्य किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्य की प्रशंसा की।
‘फॉसिल पार्क’ देखने जरूर आऊंगा
ग्राम सुलीबर्डी जिला धार के अनसिंग गंगाराम ने बताया कि गांव में मनरेगा से ‘फॉसिल पार्क’ बनाया गया है, जिसमें वे मजदूरी कर रहे हैं। एसीएस श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि क्षेत्र में बड़ी संख्या में फॉसिल (जीवाश्म) उपलब्ध हैं, जिन्हें इस पार्क में संग्रहित किया गया है। यहां डायनासोर के अंडों सहित अन्य दुर्लभ जीवाश्म (फॉसिल) हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह अद्भुत कार्य है। मैं इसे देखने जरूर आऊंगा। उन्होंने कार्य के लिए संबंधित सभी को बधाई दी।
900 साल पुरानी बावड़ी का जीर्णोद्धार किया
मुख्यमंत्री श्री चौहान को ग्राम रायपुरा-श्योपुर के मनरेगा मजदूर बाबूलाल बैखा एवं हरीश शर्मा ने बताया कि वे बावड़ी जीर्णोद्धार का कार्य कर रहे हैं। ये बावड़ी 900 साल पुरानी गौड़ राजवंश काल की है। बावड़ी अत्यंत सुंदर एवं विशाल है। श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि श्योपुर जिले में इस प्रकार की 9 बावड़ियों के जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मनरेगा द्वारा किए गए ये कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
प्रदेश में मनरेगा कार्यों संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य
प्रदेश में 2020-21 में 20.50 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट। इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत के तहत 40 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त प्रावधान।
प्रदेश में अब तक 7 लाख 81 हजार कार्य खोले गये।
इनमें से एक लाख 52 हजार कार्य प्रगतिरत।
पिछले वर्ष की तुलना में दुगने श्रमिकों का नियोजन।
एक दिन में अधिकतम 25 लाख 30 श्रमिकों का नियोजन हुआ, जो अपने आप में रिकार्ड है।
प्रदेश में अब तक 79 लाख 80 हजार श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये।
जल संरक्षण और जल दोहन के कार्यो को प्राथमिकता।
4 हजार गौशालाऐं और इनके साथ 5 एकड़ भूमि चरगाह के लिए विकसित हो रही हैं।
मानसून में भी श्रमिकों का अधिक से अधिक नियोजन हो, इस दृष्टि से कार्यो की प्लानिंग।
14.90 श्रमिकों को नवीन जॉबकार्ड उपलब्ध कराये गये, जो पिछले 12 वर्ष में सर्वाधिक हैं।
प्रत्येक जिले एवं विकासखण्ड स्तर पर रोजगार सूचना एवं सहायता केन्द्र स्थापित।
प्रत्येक श्रमिक को नि:शुल्क दो मास्क देने की व्यवस्था।
इस वित्तीय वर्ष में अब तक 13.82 करोड़ मानव दिवस सृजित।
अब तक 2 हजार 889 करोड़ का भुगतान मजदूरी के रूप में किया गया।