मध्यप्रदेश में फिर से लागू होगी भामाशाह योजना : मुख्यमंत्री श्री चौहान
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए राजस्व प्राप्तियाँ आवश्यक हैं। इनमें वृद्धि होना चाहिए। राजस्व प्राप्तियों की वर्तमान स्थिति में सुधार के लिए मंत्रीगण विभागीय अधिकारियों से प्रति सप्ताह समीक्षा करें। आज एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राजस्व प्राप्तियों की जानकारी प्राप्त की। कोविड-19 के हालातों में अर्थव्यवस्था दुरस्त करने के उद्देश्य से विभिन्न मदों में राजस्व बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए रणनीति बनाकर कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि ईमानदार टैक्स पेयर्स को सम्मानित करने की भामाशाह योजना पुनः प्रारंभ की जाए। ईमानदारी से कर चुकाने वाले लोगों को प्रोत्साहन देना भी जरूरी है। गत वर्ष इस योजना पर ध्यान न दिए जाने से अनेक करदाता निरुत्साहित हो गए हैं। ज्यादा टैक्स जमा करने वालों का सम्मान होने से टैक्स जमा करने के लिए सभी वर्ग प्रेरित होते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इसी वर्ष से इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। प्रदेश में राजस्व प्राप्तियों के संबंध में समीक्षा के लिए एक पखवाड़े के बाद पुन: बैठक होगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समीक्षा बैठक में वाणिज्यिक कर, आबकारी, वन, खनिज, ऊर्जा, परिवहन, स्टांप एवं पंजीयन आदि विभागों से संबंधित करों की प्राप्ति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कर अपवंचन करने वालों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रहण के पूरे प्रयास हर स्थिति में हों। प्रयास यह हो कि गत वर्ष की स्थिति में तो आ ही जाएं। यदि राजस्व संग्रहण से जुड़े शासकीय विभागों के मुख्यालय और फील्ड के किसी भी दफ्तर में कोरोना पॉजिटिव रोगी पाया जाता है तो इस स्थिति में पूरा कार्यालय बंद करने की आवश्यकता नहीं है। एक दिन कार्यालय बन्द कर आवश्यक सेनेटाईजेशन और अन्य प्रोटोकाल के पालन के साथ राजस्व संग्रहण की गतिविधियाँ जारी रखी जाएं। कार्यालय पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अगले कुछ माह कोरोना के साथ ही जीना है। आर्थिक गतिविधियों को रोकने का कोई औचित्य नहीं है। पुरानी रिकवरी करते हुए अनियमित्ताओं पर नियंत्रण के प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समाधान योजना, कर अपवंचन प्रवर्तियों के रोकने के प्रयासों, वेट/स्टेट जीएसटी की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। निर्देश दिए कि गड़बड़ियाँ रोकने की कार्रवाई करते हुए और बेहतर वसूली की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आबकारी आय की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश में कहीं भी किसी भी डिस्टलरीज से अवैध रूप से शराब कहीं न जाए। इसे रोकने के लिए तकनीक आधारित पद्धति विकसित की जाए। इससे आय वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गौण खनिजों से संबंधित अनियमितताओं की खबरें मिलती हैं। ऐसी अनियमित्ताओं को रोका जाए। इसके लिए पृथक समिति भी राज्य स्तर पर गठित करने का विचार है। वाहनों के बकाया कर की वसूली भी की जाए। राज्य में बसों के नियमित संचालन के अलावा सरल योजना के अमल, अन्य प्रांतों के वाहनों से कर प्राप्त करने, लाइफ टाइम टैक्स, परिवहन निगम की भूमि के संबंध में भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ऊर्जा, वन क्षेत्र में भी राजस्व प्राप्ति की जानकारी प्राप्त की।
वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, श्रम एवं खनिज मंत्री श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, वन मंत्री श्री विजय शाह और राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत के साथ ही मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।