भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी। कोविड-19 के मरीजों को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति हर हलात में सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश में विद्यमान प्लांट्स की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ अन्य राज्यों से समन्वय का प्रयास निरंतर जारी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास पर आयोजित बैठक में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है पर हर स्थिति में व्यवस्थाओं का सुचारु संचालन आवश्यक है। सितम्बर माह के अंत तक 150 टन ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाएगी। नए ऑक्सीजन प्लांट के लिए भी कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे से की फोन पर चर्चा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे से प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति के संबंध में फोन पर बात की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि श्री ठाकरे ने आश्वस्त किया है कि ऑक्सीजन की समस्या महाराष्ट्र में भी है पर वे पूरे प्रयास करेंगे कि मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी रहे।
ऑक्सीजन आपूर्ति गुजरात और उत्तरप्रदेश से होगी वैकल्पिक व्यवस्था
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश को 20 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति महाराष्ट्र से है। यह आपूर्ति आईनॉक्स कंपनी द्वारा की जाती है। यह कंपनी आवश्यकता होने पर गुजरात और उत्तरप्रदेश के अपने प्लांट से मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में हमारे पास 50 टन ऑक्सीजन उपलब्ध थी इसको बढ़ाकर हमने अपनी क्षमता 120 टन कर ली है और 30 सितम्बर तक यह क्षमता 150 टन हो जाएगी। प्रदेश में विद्यमान ऑक्सीजन प्लांटों की क्षमता वृद्धि के निर्देश भी दिए गए हैं। यदि ये प्लांट 100 प्रतिशत क्षमता पर कार्य करेंगे तो हमें अतिरिक्त ऑक्सीजन प्राप्त हो सकेगी। प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी की स्थिति नहीं आएगी। किसी प्रकार की चिंता की आवश्यकता नहीं है।
ऑक्सीजन का दुरुपयोग न हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि ऑक्सीजन का दुरुपयोग न हो। मरीज को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन उपलब्ध हो। ऑक्सीजन का अपव्यय और दुरुपयोग रोकने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण तथा निगरानी की व्यवस्था की जा रही है।
प्रदेश में लगेगा 200 टन क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए दूरगामी योजना पर भी कार्य कर रहा है। आईनॉक्स कंपनी का ऑक्सीजन प्लांट प्रदेश में लगाने की अनुमति दी जा रही है। होशंगाबाद के मोहासा बावई में यह प्लांट लगेगा। इसमें 200 टन ऑक्सीजन का उत्पादन होगा।
कोविड के मरीज बढ़ रहे हैं : सावधानी आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य में कोविड के मरीज बढ़ रहे हैं यह वास्तविकता है। परन्तु हर स्थिति में व्यवस्थाएं ठीक चलती रहें उसके लिए राज्य शासन प्रतिबद्ध है। अस्पताल में बिस्तर बढ़ाने की आवश्यकता भी है। इस दिशा में भी राज्य सरकार कार्यरत है। चिकित्सा महाविद्यालयों तथा जिला चिकित्सालयों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। निजी अस्पतालों में कोविड के प्रभावी इलाज की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश लॉक से अनलॉक की ओर बढ़ा है। अर्थव्यवस्था को पुन: लॉक नहीं कर सकते। आर्थिक गतिविधियां बंद नहीं हो सकती। इस परिस्थिति में सावधानी बरतना बहुत आवश्यक है। उन्होंने प्रदेशवासियों से मॉस्क का उपयोग हर स्थिति में करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मॉस्क और परस्पर दूरी कोरोना से बचाव का प्रभावी उपाय है।
फीवर क्लीनिक-कमांड कंट्रोल सेंटर को बनाया जाए प्रभावी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लक्ष्य आधारित रणनीति क्रियान्वित की जा रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी जिलों में फीवर क्लीनिक पर आवश्यक जांच और उपचार की व्यवस्था हो। फीवर क्लीनिक को और अधिक सशक्त किया जा रहा है। सभी जिलों में सोमवार तक कोविड कमांड तथा कंट्रोल सेंटर आरंभ करने के निर्देश दिए गए। इससे होम आईसोलेशन में जो मरीज हैं उनकी मॉनीटेरिंग की व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। कमांड कंट्रोल सेंटर पर एम्बूलेंस की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। अगर किसी भी मरीज को जरूरत पड़े तो उसे तत्काल अस्पताल भेजा जा सके। श्री चौहान ने कहा कि होम आइसोलेशन व्यवस्था सुदृढ़ कर इसे प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
निवास पर आयोजित बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री संजय शुक्ला तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।