प्रदेश में नहीं है खाद उर्वरक की कमी, किसान वैकल्पिक उर्वरक भी अपना रहें
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों के लिए खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही सुव्यवस्थित वितरण भी आवश्यक है। प्रदेश में खाद, उर्वरक की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद आगामी व्यवस्था बेहतर बनी रहे। इस संबंध में केंद्र सरकार से प्रदेश के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद एवं उर्वरक आपूर्ति का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज निवास पर रबी 2021-22 के लिए उर्वरक व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों को खाद एवं उर्वरक की कमी नहीं होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खाद और उर्वरक के सभी विकल्पों के बारे में किसानों को जानकारी दे और उपलब्ध स्टॉक की नियमित मानीटरिंग की जाए। प्रदेश में किसान वैकल्पिक उर्वरक अपना रहे हैं। गत वर्ष के विक्रय के आधार पर भंडारण किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी अनावश्यक राशनिंग न हो, इससे यह भाव उत्पन्न होता है कि कहीं आगे चलकर उर्वरक की दिक्कत न हो जाए। खाद की उपलब्धता का प्रचार भी सोशल मीडिया द्वारा किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खाद की कालाबाजारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। जो व्यक्ति कालाबाजारी में लिप्त पाए जाएंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खाद उर्वरक वितरण से जुड़े कार्यों में संलग्न अमले द्वारा कोरोना से बचाव की सावधानियाँ बरतने एवं वैक्सीन का दूसरा डोज़ लगवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव कृषि एवं सहकारिता श्री अजीत केसरी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री शैलेंद्र सिंह और अन्य अधिकारी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।
कलेक्टर डैशबोर्ड पर दिखेगा जिले का उर्वरक स्टेट्स
कलेक्टर डैशबोर्ड पर जिले की सभी उर्वरकों की स्थिति दिखाई देगी। इस व्यवस्था के लिए जिलों को मार्गदर्शन दिया गया है। कलेक्टर लॉगिन के लिए ट्रेनिंग माड्यूल समस्त जिलों को भेजा गया है।
टॉप 20 यूरिया क्रेता का सत्यापन
भारत सरकार के उर्वरक विभाग से खरीफ 2021 में टॉप-20 यूरिया क्रेता सत्यापन के निर्देश प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में इसके पालन में कार्यवाही की जा रही है। भारत सरकार ने मध्यप्रदेश में की जा रही व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रमुख निर्देश
खाद वितरण कार्य सुचारू रूप से संचालित किया जाए।
सभी जिला प्रशासन से अपेक्षा है कि एनपीके उर्वरक उपयोग करने के लिये प्रचार-प्रसार का अभियान चलाएँ।
डीएपी के स्थान पर एसएसपी के उपयोग पर भी जोर दिया जाए।
सभी जिलों में अधिक से अधिक विक्रय केन्द्र चालू करें। कहीं भी भीड़-भाड की स्थिति न बनें।
मार्कफेड, सहकारी समिति और निजी विक्रेता के स्तर पर उर्वरकों के भौतिक स्टॉक का सतत सत्यापन कराया जाए।
जिलों में व्यवस्था इस प्रकार हो कि गत अक्टूबर 2020 में सहकारी समितियों, डबल लॉक केन्द्रों से जितना उर्वरक विक्रय हुआ है, उस अनुसार भण्डारण किया जाए।
पीओएस में स्टॉक पहुँचने की स्वीकृति तुरंत करवाई जाए, जिससे उर्वरक विक्रय से संबंधित कार्य में कठिनाई न हो।
आवश्यकतानुसार डेस्कटॉप एवं मोबाइल वर्जन का उपयोग किया जाए।
टॉप 20 यूरिया विक्रेताओं का सत्यापन कार्य समय-सीमा में कराएँ।
उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भण्डारण, अवैध परिवहन एवं अवैध निर्माण पर कठौर वैधानिक कार्यवाही की जाए।
स्टॉक उपलब्धता का सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे कृषकों को जानकारी रहे।