मध्यप्रदेश में किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में उर्वरको की उपलब्धता
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में किसानों के लिए यूरिया एवं अन्य उर्वरकों की सभी जिलों में सेवा सहकारी समितियों एवं विपणन संघ के गोदामों में पर्याप्त उपलब्धता है। किसान भाई अपनी आवश्यकता के अनुसार उर्वरक सेवा सहकारी समितियों अथवा विपणन संघ के केंद्रों से प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी उर्वरक की कोई कमी नहीं है।
इस खरीफ वर्ष में प्रदेश में 13 जुलाई तक 10.26 लाख मीट्रिक टन यूरिया का वितरण किया गया है, जो गत वर्ष से 3.03 लाख मीट्रिक टन अधिक है। गत वर्ष विपणन संघ के माध्यम से इस अवधि तक 4.7 लाख मीट्रिक टन तथा सहकारिता क्षेत्र से 2.44 लाख मैट्रिक टन यूरिया वितरित किया गया। वहीं इस बार इसी अवधि में विपणन संघ के केंद्रों से 6.17 लाख मैट्रिक टन तथा सहकारिता क्षेत्र से 4.09 लाख मैट्रिक टन यूरिया का किसानों को वितरण किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सभी जिलों को गत वर्ष से अधिक मात्रा में उर्वरकों की आपूर्ति की गई है। भारत सरकार से जुलाई माह के लिए प्रदेश को 2.06 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन किया गया है। अतिरिक्त आवंटन के लिए भी भारत सरकार ने अवगत करवा दिया है, जिसके अनुसार 11 हजार 400 मीट्रिक टन स्वदेशी और 31 हजार 764 मीट्रिक टन आयातित यूरिया प्रदेश को प्राप्त होगा। जुलाई माह के लिए 15 जिलों से अतिरिक्त यूरिया की माँग प्राप्त हुई है, जिसके अनुसार आपूर्ति की कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि गत 6 जुलाई को केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा से नई दिल्ली में मुलाकात कर प्रदेश के लिए अतिरिक्त यूरिया आवंटन का अनुरोध किया गया था, जिसे केन्द्रीय मंत्री ने स्वीकार करते हुए शीघ्र ही कोटा बढ़ाने और रैक प्वाइंटस की संख्या में वृद्धि की सहमति प्रदान की थी। इस संदर्भ में केन्द्र सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि इस वर्ष कोविड-19 के संकट के कारण इंदौर, खण्डवा और छिंदवाड़ा में रैक प्वाइंट पर रैक अनलोडिंग में अधिक समय लगने की समस्या आयी थी, लेकिन उसका तुरंत समाधान किया गया। खण्डवा रैक प्वाइंट के लिए जीएसएफसी की रैक 13 जुलाई को लग गई है। इसी तरह रतलाम, मेघनगर और धार में भी आपूर्ति की जा रही है। कृभको ने बड़वानी जिले में सड़क मार्ग से यूरिया आपूर्ति की है। इंदौर में एनएफएल की रैक भी 13 जुलाई को लग जाने से समाधान हुआ है। एक अन्य हाफ रैक ट्रांजिट में है जो बड़वानी, खरगौन और धार जिले में आपूर्ति करेगी। कृभको की तरफ से बुरहानपुर और खरगौन में आपूर्ति की जाएगी। सीहोर और विदिशा के लिए भी इसी सप्ताह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी आवश्यकता के अनुरूप यूरिया आपूर्ति की जा रही है।छिंदवाड़ा, सिवनी, बड़वानी, छतरपुर, नरसिंहपुर, बैतूल, होशंगाबाद और खरगौन के विक्रय केन्द्रों के निरीक्षण के बाद लायसेंस निलंबित करने और एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की गई है।
धान, मक्का, कपास की बोवनी जल्दी हो जाने से 1.21 लाख मीट्रिक टन यूरिया की अतिरिक्त माँग हुई है। भारत सरकार से 1.50 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की अतिरिक्त माँग की पूर्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल पर लंबित शिकायतों का निपटारा भी किया गया है। उर्वरक की आपूर्ति की शिकायतों और सहकारी समितियों से संबंधित शिकायतों को प्राथमिकता से दूर किया गया है।