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मध्यप्रदेश में अनेक योजनाओं के माध्यम से खोले जा रहे हैं जनजातीय बंधुओं के विकास के नए द्वार – राज्यपाल मांगू भाई पटेल

 

“पूजे न शहीद गए तो फिर यह बीज कहाँ से आएगा, धरती को माँ कह कर, मिट्टी माथे से कौन लगाएगा।” इन शब्दों के उच्चारण के साथ आज इंदौर के नेहरू स्टेडियम में आयोजित स्मृति कार्यक्रम में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय गौरव एवं अस्मिता के प्रतीक जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया।

स्मृति कार्यक्रम में राज्यपाल श्री पटेल और मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जननायक टंट्या मामा के स्मृति में चलाई गई गौरव कलश यात्रा का स्वागत एवं पूजन किया। उन्होंने क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा के वंशजों को नमन कर उनका सम्मान भी किया।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर उन्हें हर्ष और गौरव का अनुभव हो रहा है। राज्यपाल श्री पटेल ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को धन्यवाद दिया कि उन्होंने जननायक टंट्या मामा की स्मृति तथा उनकी शहादत को सम्मान करने के लिए भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि टंट्या मामा के बलिदान को समर्पित गौरव कलश यात्रा हजारों किलोमीटर घूम कर आज इंदौर आई। इस यात्रा में लाखों लोग शामिल हुए, यह स्वयं ही टंट्या मामा की प्रसिद्धि को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय के हित और सर्वांगीण विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा दिन-रात प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाओं के माध्यम से जनजातीय बंधुओं के विकास के लिए नए द्वार खोले जा रहे हैं।

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