मध्यप्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने बताया है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश और पर्यावरण संरक्षण के लिये वर्ष 2021 में सशक्त शुरूआत की गई। प्रदेश में 1500 मेगावॉट के सौर पार्क- आगर (550 मेगावॉट), शाजापुर (450 मेगावॉट) और नीमच (500 मेगावॉट) के लिये विकासकों का चयन और विद्युत उत्पादन दरें निर्धारित की गईं। चयनित विकासकों के साथ अनुबंध का निष्पादन और भूमि-पूजन भी किया जा चुका है।
इन सौर परियोजनाओं से मार्च-2023 तक विद्युत उत्पादन मिलने लगेगा। परियोजनाओं से प्रदेश में लगभग 5250 करोड़ रुपये का निजी निवेश होगा। राज्य डिस्काम कम्पनी को 25 वर्ष में लगभग 7600 करोड़ रुपये की बचत होगी। परियोजनाओं में स्थापना के दौरान लगभग 4500 और संचालन में 400 व्यक्ति को रोजगार मिलेगा। देश की सबसे कम न्यूनतम दरें भी बिडिंग के दौरान प्राप्त हुई हैं। साथ ही 600 मेगावॉट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना ओंकारेश्वर, छतरपुर जिले की बिजावर तहसील में 950 मेगावॉट और मुरैना जिले की कैलारस एवं जौरा तहसील में 1400 मेगावॉट क्षमता की सौर परियोजनाएँ स्थापित की जा रही हैं। इन सोलर पार्कों के विकास में भी आगर, शाजापुर, नीमच सौर परियोजनाओं की भाँति ही सफलता की उम्मीद की जा रही है।
मंत्री श्री डंग ने कहा कि सौर, पवन, बॉयोमॉस आदि स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं से कार्बन उत्सर्जन नहीं होता। इससे जलवायु पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। विकास बिना ऊर्जा के संभव नहीं है। ग्रीन ऊर्जा हमारी भविष्य की विकास जरूरतों को पूरा करने के साथ पर्यावरण को भी स्वच्छ रखेगी। प्रदेश में अब तक सौर ऊर्जा परियोजना से कुल स्थापित क्षमता 2431.87 मेगावॉट, पवन ऊर्जा से 2444.15 मेगावॉट, बॉयोमॉस ऊर्जा परियोजना से 119.53 मेगावॉट और लघु जल विद्युत परियोजना से 99.90 मेगावॉट हो चुकी है। गत वर्ष अस्तित्व में आये सौर पार्कों द्वारा उत्पादन शुरू होने के बाद मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा का देश में अति महत्वपूर्ण उत्पादक राज्य बन जायेगा।
मंत्री श्री डंग ने कहा कि ऊर्जा के प्रति आम नागरिकों को जागरूक करने के लिये प्रदेश में अनूठा ऊर्जा साक्षरता अभियान भी नवम्बर में आरंभ किया गया है। अभियान में करोड़ों नागरिकों को ऊर्जा और सौर ऊर्जा के सदुपयोग और बचत के प्रति जागरूक किया जा रहा है। लोग ऊर्जा साक्षरता अभियान की वेबसाइट www.usha.mp.gov.in के माध्यम से लगातार जुड़ रहे हैं।
पी.एम. कुसुम-अ (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाअभियान) में किसानों को स्वयं की भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिये 295.58 मेगावॉट क्षमता के लेटर ऑफ अवार्ड जारी किये गये। वहीं कुसुम-ब योजना में किसानों को दिन में नि:शुल्क बिजली उपलब्ध कराने और अतिरिक्त आय का स्रोत प्रदान करने के लिये कार्यवाही शुरू की गई। सोलर फोटो वोल्टाइक पॉवर पैक के तहत 2800 किलोवॉट क्षमता के पॉवर प्लांट स्थापित किये जा चुके हैं। आलोच्य अवधि में 512 किलोवॉट क्षमता के लेटर ऑफ इंटेंट जारी किये गये। ऊर्जा विकास निगम द्वारा केन्द्र शासन के सोलर सिटी कार्यक्रम के तहत साँची को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का काम शुरू कर दिया गया है। साँची में अक्षय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादित बिजली द्वारा शहर की बिजली की आवश्यकता को पूरा किया जायेगा।