-मंत्री श्री सकलेचा
ग्वालियर डीआरडीओ लेब की टीम करेगी उद्यमियों का सहयोग
“रक्षा क्षेत्र में एमएसएमई के लिए अवसर” विषय पर कार्यशाला संपन्न
मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा है कि प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और निवेश के समन्वय से मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा। श्री सखलेचा शुक्रवार को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में “रक्षा क्षेत्र में एमएसएमई के लिए अवसर” विषय पर कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सांसद श्री शंकर लालवानी, डीआरडीओ के सचिव डॉ. जी.सतीश रेड्डी, सचिव एम एस एम ई एवं उद्योग आयुक्त श्री पी. नरहरि ,मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम, भोपाल के प्रबंध संचालक श्री व्ही गढ़पाले सहित अन्य विभागीय अधिकारी, निवेशक एवं एमएसएमई से संबंधित उद्यमी उपस्थित थे।
प्रदेश का युवा प्रगतिशील विचारों का धनी है- मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यशाला को दिये वर्चुअल संदेश में कहा कि मध्यप्रदेश विभिन्न सम्पदाओं से भरा है। यहाँ निवेश की असीम संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही एमएसएमई क्षेत्र में 1800 से ज्यादा इंडस्ट्रीज का भूमि पूजन किया गया था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश के युवा प्रगतिशील विचारों के धनी है। इन विचारों का उपयोग यदि डीआरडीओ और एमएसएमई द्वारा किया जाए तो ना केवल हमारी उत्पादन क्षमता बढ़ेगी बल्कि रोजगार के नए अवसर निर्मित किए जा सकेंगे। राज्य शासन डीआरडीओ और निवेशकों को इस दिशा में प्रयास हेतु हरसंभव सहयोग प्रदान करेगा।
प्रदेश में बनाया जाएगा मानव संसाधन प्रशिक्षण क्लस्टर- मंत्री श्री सखलेचा
मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि एमएसएमई और टेक्नोलॉजी के समन्वय से हम प्रदेश को उद्योग के क्षेत्र में नई सौगातें दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि उद्यमिता, वित्त और प्रौद्योगिकी के समन्वय से मध्य प्रदेश ना केवल आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि मध्यप्रदेश में एक भी बेरोजगार नहीं बचेगा। मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि प्रदेश में क्लस्टर के माध्यम से उद्योगपतियों को भूमि प्रदान किए जाने से उद्योगों को एक नई गति मिल रही है। उन्होंने डीआरडीओ के सचिव डॉ. जी.सतीश रेड्डी से डीआरडीओ की विभिन्न लैब के माध्यम से मध्यप्रदेश के उद्योगपतियों को आवश्यक सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के उद्योग जगत को एक नई तेजी प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में जो भी कम्पोनेंट हम आयात कर रहे हैं उनकी जानकारी मध्यप्रदेश के उद्योगपतियों को दी जाए जिससे वे जान सकें कि किन-किन क्षेत्रों में वे कार्य करके रक्षा क्षेत्र में आयात की जगह निर्यात को बढ़ावा दे पाएंगे। मंत्री श्री सखलेचा ने बताया कि मानव संसाधन प्रशिक्षण के लिए क्लस्टर बनाने हेतु राज्य शासन द्वारा केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी और नवाचार के समन्वय से हम एक नए युग की शुरुआत कर सकते हैं जिससे प्रदेश का उद्योग जगत नई ऊंचाईयों छू सकेगा।
मध्यप्रदेश में उद्योगमित्र माहौल से अभिभूत-डीआरडीओ सचिव डॉ रेड्डी
डीआरडीओ सचिव डॉ. जी.सतीश रेड्डी ने कहा कि वे देशभर में हो रही कार्यशाला में जाते हैं लेकिन उन्होंने पहली बार इंदौर शहर की कार्यशाला में एक साथ 600 उद्यमियों को देखा है, जो यह दर्शाता है कि मध्य प्रदेश में उद्योग क्षेत्र के विकास में कितनी अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि अब वे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से कह सकते हैं कि देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकता है और मध्य प्रदेश का इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। सचिव डॉ रेड्डी ने कहा कि मध्यप्रदेश की इंडस्ट्रीज को डीआरडीओ लैब्स से जोड़ने के लिए ग्वालियर स्थित डीआरडीओ लैब के डायरेक्टर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया जाएगा जो मध्य प्रदेश इंडस्ट्री एसोसिएशन के साथ मिलकर जरूरी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, अनुसंधान तथा अन्य तरह की सहायता उद्यमियों को प्रदान कर पाएंगी। उन्होंने कोरोना सहित विभिन्न विपदाओं में डी आर डी ओ के योगदान को भी बताया। कार्यशाला को सांसद श्री शंकर लालवानी ने भी सम्बोधित किया।
सचिव श्री पी. नरहरि ने कहा कि जहाँ अनेक प्रकार के उद्योग स्थापित होते हैं वहाँ कभी दरिद्रता नहीं पनपती। उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से वर्तमान में मध्यप्रदेश में एमएसएमई की क्या स्थिति है और विभाग द्वारा किन गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है तथा एमएसएमई में भविष्य में किन-किन क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं आदि विषयों पर चर्चा की। उन्होंने एमएसएमई विकास नीति 2021 के महत्वपूर्ण प्रावधानों के बारे में भी जरूरी जानकारी दी।