भोपाल, 10 दिसम्बर 2021
मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि बच्चों का जीवन, समग्र विकास और आरोग्यता, समर्थ, सक्षम और समृद्ध राष्ट्र निर्माण का महत्वपूर्ण पहलू है। हर बच्चा स्वस्थ हो, शिक्षा प्राप्त करें, विकास पथ पर निरंतर आगे बढ़ें, यह किसी एक विभाग, संस्था अथवा समूह मात्र की जिम्मेदारी नहीं, हर नागरिक का दायित्व है और यह विकास के लिए सबसे बड़ी जरूरत भी है।
राज्यपाल श्री पटेल मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में बाल पोषण विमर्श को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि समाज के आर्थिक, सामाजिक और भौगोलिक दृष्टि से पिछड़े, वंचित वर्गों में प्रचलित भ्रामक मान्यताओं को दूर करने और बाल पोषण में आहार, स्तनपान के महत्व के प्रति जन-जागृति और बाल पोषण के कार्य नये दृष्टिकोण से किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध और अनुसंधान में यह पाया गया है कि व्यक्ति के जीवन निर्माण के पहले एक हजार दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस अवधि में पोषण आहार, पारिवारिक सहायता और देखभाल से बच्चों के अमूल्य जीवन को बचाया जा सकता है। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गुजरात में मुख्यमंत्रित्व काल में संजीवनी योजना में प्राथमिक शाला के बच्चों को दूध उपलब्ध कराकर पोषण के प्रयासों का उल्लेख किया। राज्यपाल श्री पटेल ने बताया कि 3 महीने के दौरान बच्चों के पालकों ने बच्चों के स्वास्थ्य में बहुत सुधार पाया। बाल पोषण के लिए छोटे स्तर पर किए गए प्रयास से बड़े बदलाव हो सकते हैं। जरूरत सरकार, समाज और पालकों की सामूहिक जिम्मेदारी की है, जिससे बच्चों की उचित देखभाल, हिफाजत और उनका समग्र विकास हो सके। उन्होंने आयोग से सिकल सेल रोग उन्मूलन के प्रति जन-जागृति के प्रयासों में सहयोग के लिए भी कहा।
अध्यक्ष मानव अधिकार आयोग श्री नरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि स्वस्थ और सशक्त समाज के निर्माण के प्रयासों में कुपोषण बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि बाल पोषण के लिए माँ के गर्भ के समय से ही प्रयास किए जाना जरूरी है। इसके लिए पोषण के प्रयासों के साथ ही आहार संस्कारों का विकास जरूरी है। स्वागत उदबोधन और विषय प्रवर्तन, आयोग के सदस्य श्री सरबजीत सिंह ने किया। आभार प्रदर्शन, सदस्य श्री मनोहर ममतानी ने किया।
राज्यपाल श्री पटेल का शॉल, श्रीफल भेंट कर स्वागत किया गया। उन्होंने दीप जला कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आयोग की “बाल पोषण अधिकार” पुस्तक अतिथियों को भेंट की गई। अतिथियों का स्वागत पौधा भेंट कर किया गया।