भोपाल । स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री इंदर सिंह परमार ने शिक्षकों से आव्हान किया है कि वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिये कृत-संकल्पित हों। शिक्षकों पर भावी पीढ़ियों के निर्माण का गुरुतर दायित्व है। श्री परमार सोमवार को मंत्रालय में आयोजित वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्री-प्रायमरी कक्षाओं से शासकीय विद्यालयों का संचालन प्रारंभ किये जाने से हम पालकों को शासकीय विद्यालयों की ओर आकृष्ट कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे प्री-प्रायमरी स्कूल के लिये विस्तृत कार्य-योजना तैयार की जाये। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री ने शिक्षकों द्वारा पालकों के साथ सार्थक संवाद करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इसके लिये अभिभावक-शिक्षक बैठकों का नियमित अंतराल पर आयोजन किया जाना चाहिये।
राज्य मंत्री श्री परमार ने कहा कि जब विद्यार्थी कक्षा-8 उत्तीर्ण कर कक्षा-9 में प्रवेश लेता है, तब सर्वथा नया और भिन्न परिवेश उसके सामने होता है। ऐसे में बच्चों को शिक्षकों के स्नेहयुक्त मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। इस संबंध में कक्षा-9 के विद्यार्थियों के लिये संचालित ब्रिज कोर्स जैसी योजनाएँ सार्थक सिद्ध हो सकती हैं। विद्यार्थियों के हित में इस प्रकार की योजनाओं के लिये पहल की जानी चाहिये।
बैठक में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र श्री लोकेश कुमार जाटव, उप सचिव श्री के.के. द्विवेदी एवं श्री प्रमोद सिंह तथा अपर संचालक डॉ. कामना आचार्य और श्री डी.एस. कुशवाहा भी मौजूद थे।