प्रियंका ने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के परिजनों से की मुलाकात, लोकतंत्र में आवाज उठाना जुल्म नहीं
प्रियंका ने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के परिजनों से की मुलाकात, लोकतंत्र में आवाज उठाना जुल्म नहीं
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख़्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपनी पार्टी को मजबूत बनाने की अपील करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने जेल में बंद सीएए के प्रदर्शनकारियों के परिजनों से बुधवार को मुलाकात कर कहा लोकतंत्र में आवाज उठाना कोई जुल्म नहीं है।
केन्द्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों पर प्रियंका ने संविधान तोड़ने का प्रयास करने का आरोप मढा। उन्होंने दोनों ही सरकारों को गरीब विरोधी और जन विरोधी करार दिया। बिलरियागंज में अपनी एसयूवी की छत से जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आपके साथ जो हुआ, वह गलत है और अन्याय है।
प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़ी होगी। उन्होंने कहा, ”मैंने महिलाओं के बारे में सुना। मैं बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, लखनऊ और वाराणसी गयी और उन जगहों पर गयी, जहां पुलिस और प्रशासन ने अत्याचार किया। मैं यहां (आजमगढ) की रिपोर्ट लूंगी। मैं उन पुलिस वालों के नाम भेजूंगी, जिन्होंने अत्याचार किया है।”
लोगों को संबोधित करने से पहले प्रियंका उन प्रदर्शनकारियों के परिजनों से मिलीं, जो चार फरवरी को सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल हुए थे। प्रियंका से मिलने वाली एक महिला ने कहा कि हमने उन्हें पूरी बात बतायी और यह भी बताया कि हम क्या चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे नेता ताहिर मदनी और जिनके खिलाफ झूठे मुकदमे लगाये गये, उन्हें रिहा किया जाए। इससे पहले, सुबह प्रियंका ने ट्वीट किया, ”लोकतंत्र में आवाज उठाना जुल्म नहीं है और मेरा कर्तव्य है कि जिनके साथ जुल्म हो रहा है, मैं उनके साथ खड़ी हूं ।”
प्रियंका ने ट्वीट के साथ एक फोटो भी लगाया है, जिसमें कैफी आजमी का शेर है, ”सब उठें, मैं भी उठूं, तुम भी उठो, तुम भी उठो। कोई खिड़की इसी दीवार में खुल जाएगी।” सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के ‘लापता’ वाले पोस्टर आठ फरवरी को उनके लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ़ में चिपके हुए थे, जिनमें सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर पुलिस कार्रवाई के परिप्रेक्ष्य में सांसद की अनुपस्थिति पर सवाल उठाये गये थे।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने उक्त पोस्टर लगाये थे। उनमें अखिलेश के मुंह पर काली पट्टी बांधे दिखायी गयी थी। सिविल लाइंस क्षेत्र सहित शहर के विभिन्न हिस्सों में पोस्टर लगे थे । कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता नदीम ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सपा नेता मुसलमानों के शुभचिन्तक होने का दावा करते हैं लेकिन उन्होंने महिला प्रदर्शनकारियों पर पुलिसिया कार्रवाई पर खुद को केवल ट्वीट करने तक सीमित रखा है।
उन्होंने दावा किया कि पिछले साल आम चुनाव संपन्न होने के बाद से अखिलेश कभी आजमगढ़ नहीं आये । बिलरियागंज में कई मुस्लिम महिलाओं ने मंगलवार को मौलाना जौहर पार्क में धरना शुरू किया। यह धरना सीएए और एनआरसी के खिलाफ था लेकिन उन्हें पुलिस ने जबरन हटा दिया। पुलिस ने बताया कि 35 नामजद लोगों और सौ से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है । इनमें से 20 को गिरफ्तार किया गया है।