प्रदेश में लगेंगे 17 लाख से अधिक बांस के पौधे, लाभान्वित होंगे बांस उत्पादक
बांस मिशन की गतिविधियों का करें विस्तार – मुख्यमंत्री श्री चौहान
भोपाल। वन विभाग वर्ष 2020 में 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में बांस रोपण करेगा। इसमें 2400 हेक्टेयर वन क्षेत्र और 1600 हेक्टेयर कृषकों की निजी भूमि शामिल है। प्रदेश में इस वित्त वर्ष में 17 लाख 56 हजार बांस के पौधे लगाए जाएंगे, जिस पर करीब 25 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। यह जानकारी आज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मध्यप्रदेश बांस मिशन की समीक्षा बैठक में दी गई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में निर्देश दिए कि बांस उत्पादकों को अधिक लाभ देने के उद्देश्य से गतिविधियों का विस्तार किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बांस के अनेक उपयोग हैं। न सिर्फ आवास निर्माण, फर्नीचर बल्कि खान-पान में भी बांस का उपयोग होता है। बांस उत्पादकों को लाभान्वित करने के लिए गतिविधियों में वृद्धि की जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रति हेक्टेयर बांस उत्पादन त्पादन पर मिलने वाले लाभ में वृद्धि के लिए योजना बनाकर कार्य करने को कहा। उन्होंने मिशन की गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए। प्रदेश में बांस वृक्षारोपण से हितग्राही को वर्तमान में वार्षिक मजदूरी 12 से 19 हजार के बीच प्राप्त होती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसे बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चूंकि बांस का पौधा विकसित होने में अधिक समय लेता है, इसलिए बांस रोपण से जुड़े हितग्राहियों को अधिक लाभ देने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएं। कैम्पा योजना में बांस वनों के सुधार के कार्य में सहयोगी संयुक्त वन प्रबंध समितियों को अतिरिक्त उत्पादन का आर्थिक लाभ दिया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आने वाले मानसून में वृक्षारोपण की कार्य योजना को भी अंतिम रूप दिया जाए। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष वन विभाग और वन विकास निगम ने राज्य में 3 करोड़ 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है।
बताया गया कि वन विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास ने मनरेगा में बांस रोपण परियोजनाओं के क्रियान्वयन और प्रबंधन के लिए संयुक्त रूप से कार्य करने की योजना बनाई है। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जिलों में भेजे जा रहे हैं। योजना में बांस रोपण के लिए संयुक्त वन प्रबंधन समिति और स्व-सहायता समूहों के बीच सहमति का अनुबंध भी किया गया है। मनरेगा योजना के अंतर्गत 500 हेक्टेयर वन क्षेत्र में बांस रोपण किया जाएगा। उत्पाद का 80 प्रतिशत स्व-सहायता समूहों और 20 प्रतिशत संयुक्त वन प्रबंध समिति को मिलेगा।
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में लगभग छह लाख 50 हजार हेक्टेयर बांस का रकबा है। प्रदेश में तीन जुलाई 2013 को मध्यप्रदेश राज्य बांस मिशन (सोसायटी) गठित हुई। बांस शिल्पियों के मामलों में सलाह देने के लिए मिशन के अंतर्गत मध्यप्रदेश बांस एवं बांस शिल्प विकास बोर्ड का गठन किया गया। प्रदेश में बांस वनों की उत्पादकता बढ़ाने और बांस उत्पाद के विपणन की कठिनाईयाँ दूर करने के लिए मिशन कार्य कर रहा है। प्रस्तावित बांस रोपण में राज्य बांस मिशन 22 जिलों, कैम्पा शाखा 3 जिलों, वन विकास निगम 8 जिलों, संयुक्त वन प्रबंधन 5 जिलों, विकास शाखा 2 जिलों, ग्रीन इंडिया मिशन 5 जिलों में रोपण का कार्य करेंगे। बांस रोपण में मनरेगा और कैम्पा के तहत लगभग 200 स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को जोड़ा जाएगा। गत वित्त वर्ष की 13 करोड़ 27 लाख की राशि इस वित्त वर्ष में उपयोग में लाने की अनुमति केन्द्र शासन ने दी है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वन बल प्रमुख डॉ. यू. प्रकाशम और प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य बांस मिशन डॉ. अभय कुमार पाटील उपस्थित थे।