भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में किसानों के विकास के लिए कृषि उत्पादक समूहों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। प्रदेश के हर किसान को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जाए। केन्द्र सरकार द्वारा घोषित पैकेज के अंतर्गत विभिन्न विभाग त्वरित गति से प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति हेतु भिजवाएं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा कृषि, पशुपालन, सहकारिता, उद्यानिकी, मछुआ कल्याण आदि विभागों को घोषित पैकेज के संबंध में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के.के. सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, प्रमुख सचिव कृषि श्री अजीत केसरी, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री उमाकांत उमराव आदि उपस्थित थे।
01 हजार कृषि उत्पादक समूह बनाए जाने का लक्ष्य
बताया गया कि प्रदेश में कृषि उत्पादक समूह बनाए जाने की नवीन केन्द्र पोषित योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक 01 हजार कृषि उत्पादक समूह बनाए जाने का लक्ष्य है। इसके अंतर्गत अधोसंरचना विकास पर 2 हजार करोड़, शासकीय इक्विटी 15 लाख रूपये प्रति कृषक उत्पादक समूह तथा शासकीय क्रेडिट गारंटी 02 करोड़ रूपये प्रति कृषि उत्पादक समूह होगी। वर्तमान में प्रदेश में 6 हजार 857 किसान समूह कार्यरत हैं, जिनसे 2.25 लाख किसान जुड़े हैं। इनके द्वारा मुख्यत: बीज, ग्रीडिंग, प्रोसेसिंग, ट्रेडिंग, जैविक खेती, दुग्ध उत्पादन, सब्जी उत्पादन आदि का कार्य किया जाता है।
अंतर्राज्यीय व्यापार में ई-नाम पोर्टल का उपयोग हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि अंतर्राज्यीय व्यापार में ई-नाम पोर्टल का उपयोग किया जाए। अभी इसका उपयोग नाममात्र के लिए हो रहा है। बताया गया कि वर्तमान में भारत सरकार की ई-नाम पोर्टल पर अंतर्राज्यीय व्यापार की सुविधा उपलब्ध है। कृषि विपणन बोर्ड के कार्य को भी अधिक प्रभावी बनाए जाने के निर्देश दिए गए।
कस्टम प्रोसेसिंग योजना प्रारंभ की जाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि अभियांत्रिकी के अंतर्गत भारत सरकार के सुझाव अनुसार कस्टम प्रोसेसिंग योजना प्रारंभ की जाए। इसके अंतर्गत किसानों को उनके खेत पर ही अनाज की प्राइमरी प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग आदि की सुविधा प्रदान की जाए। इससे किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल पाएगा।
भूसे की कटाई की व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नरवाई जलाना किसानों के साथ वातावरण के लिए भी अत्यंत हानिकारक होता है। फसल कटाई के बाद किसानों को भूसे की कटाई के लिए यंत्र उपलब्ध कराए जाएं। इससे न केवल जानवारों के लिए भूसा उपलब्ध होगा अपितु किसानों को भूसे का अच्छा भाव भी मिल सकेगा।
किसानों को न लेना पड़े साहूकारों से कर्ज
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही अन्य कई योजनाएं उनके कल्याण के लिए चलाई जा रही है। हर किसान को किसान क्रेडिट कार्ड आवश्यक रूप से उनके ऋण की आवश्यकता के लिए उपलब्ध कराया जाए, जिससे उन्हें साहूकारों से कर्ज न लेना पड़े।
हर्बल खेती को बढ़ावा दें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार के पैकेज अनुसार 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आगामी दो वर्षों में औषधीय पौधों की खेती एवं विपणन के लिए क्षेत्रीय मंडियों का नेटवर्क तैयार किया जाना है। इस संबंध में कार्रवाई की जाए। बताया गया कि प्रदेश में 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हर्बल खेती का विस्तार प्रस्तावित है।
छोटे मछुआरों को काम-धंधा एवं रोजगार मिले
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश में मछली पालन को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए, जिससे मछुआरों को अधिक से अधिक कामधंधा एवं रोजगार मिले। इसके लिए मछली उत्पादक समूहों का गठन भी किया जा सकता है। बताया गया कि प्रदेश में गांधी सागर डेम की मछली की अन्य प्रदेशों में बहुत मांग है।
पशुपालन में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाए
केन्द्र शासन की घोषणा अनुसार प्रदेश में पशुपालन में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 15 हजार करोड़ की लागत से पशुपालन अधोसंरचना विकास फण्ड बनाया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री जे.एन कंसोटिया ने बताया कि योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश में पशुपालन क्षेत्र के निजी उद्यमियों को दुग्ध प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं पशु आहार अधोसंरचना में निजी निवेश के लिए बढ़ावा दिया जाए।