प्रदेश की 94 हजार शासकीय माध्यमिक शालाओं में प्रबंधन समिति के सदस्यों ने ली शपथ

प्रदेश की 94 हजार शासकीय माध्यमिक शालाओं में प्रबंधन समिति के सदस्यों ने ली शपथ
मंत्री डॉ. चौधरी ने नीलबड़ शाला में समिति के सदस्यों को दिलाई शपथ
भोपाल। मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने शासकीय माध्यमिक शाला, नीलबड़ में नवगठित शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों को शाला को उत्कृष्ट बनाने की शपथ दिलाई। इस स्कूल के साथ आज प्रदेश की 94 हजार शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में नवगठित शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों ने भी अपनी-अपनी शाला को उत्कृष्ट बनाने की शपथ ग्रहण की।

मंत्री डॉ. चौधरी ने शाला प्रबंधन समितियों के सदस्यों से कहा कि शालाओं में ऐसा माहौल बनायें, जिससे बच्चे शाला में आने और पढ़ने के लिये लालायित रहें। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य रचनात्मक गतिविधियों के लिये भी तैयार करें। शाला छोड़ चुके बच्चों को फिर से शाला में लाने की हर संभव कोशिश करें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित शिक्षा-प्रदर्शनी देखी और बच्चों की परिकल्पना की सराहना की। उन्होंने समिति के सदस्यों के साथ-साथ शिक्षकों से भी कहा कि बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभाओं को पहचानें और उन्हें उभरने के अवसर प्रदान करें।

प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने बताया कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये अभिभावकों, जन-प्रतिनिधियों एवं शिक्षा संबंधी स्थानीय संस्थाओं के व्यक्तियों को शाला प्रबंधन समिति में शामिल किया गया है। इन समितियों का कार्यकाल 2 वर्ष का रहेगा। समितियों का गठन शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत किया गया है।

संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्रीमती आईरिन सिंथिया जे.पी. ने बताया कि शाला प्रबंधन समितियों का गठन विशेष नवाचार के अन्तर्गत किया गया है। ये समितियाँ 18 सदस्यीय हैं इनमें 14 सदस्य विद्यार्थियों के पालक/अभिभावक हैं और 2 सदस्य स्थानीय जन-प्रतिनिधि हैं। शाला के प्रधान पाठक को समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है तथा सबसे वरिष्ठ महिला शिक्षक को समिति में सदस्य मनोनीत किया गया है।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद शाला के छात्र-छात्राओं को संविधान की उद्देशिका का वाचन कराया गया। समारोह में बच्चों की सत्रान्त सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की गई। बच्चों ने अनेकता में एकता की थीम पर आकर्षक नृत्य, गायन एवं नृत्य-नाटिका प्रस्तुत की।

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