भोपाल । राज्य सरकार ने सत्ता संभालते ही अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत निर्धारित कर अपने वचन-पत्र के महत्वपूर्ण वचन को पूरा किया है। इसी के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों की शिक्षा व्यवस्था, छात्रवृत्ति, छात्रावास आदि के लिये पुख्ता व्यवस्थाएँ भी सुनिश्चित की गई हैं।
प्रदेश में पिछड़ा वर्ग पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में दो लाख से अधिक विद्यार्थियों को 301 करोड़ 87 लाख रुपये छात्रवृत्ति स्वीकृत कर वितरित की गई है। पिछड़ा वर्ग पोस्ट-मेट्रिक कन्या छात्रावास भवन निर्माण योजना में इन्दौर जिले में 500 सीटर छात्रावास भवन तैयार हो गया है। दमोह जिले में एक 100 सीटर पिछड़ा वर्ग कन्या छात्रावास भवन का निर्माण इसी वर्ष पूर्ण किया गया। जबलपुर में 500 सीटर पिछड़ा वर्ग कन्या छात्रावास भवन का निर्माण प्रगति पर है। उज्जैन में अतिरिक्त रूप से एक 100 सीटर पिछड़ा वर्ग कन्या छात्रावास भवन का निर्माण प्रारम्भ किया गया है। पिछड़ा वर्ग पोस्ट-मेट्रिक बालक छात्रावास भवन निर्माण योजना में उज्जैन जिले में अतिरिक्त रूप से एक 100 सीटर पिछड़ा वर्ग बालक छात्रावास भवन का निर्माण प्रारम्भ किया गया है।
मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक स्व-रोजगार योजना में 512 हितग्राही को 10 करोड़ 25 लाख की अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक आर्थिक कल्याण योजना में 102 हितग्राही को 2 करोड़ 35 लाख की अनुदान राशि स्वीकृत की गई है।
अन्य पिछड़ा वर्ग के 16 अभ्यर्थियों को राज्य लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल करने पर राज्य सरकार ने तीन लाख की प्रोत्साहन राशि दी है। विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना में 50 छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया जाता है। अभी तक इस वर्ष 2019-20 में 36 विद्यार्थियों को कुल 8 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। पिछड़े तथा अल्पसंख्यक वर्ग के करीब 21 हजार शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को निःशुल्क रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अल्पसंख्यक मेरिट कम मीन्स छात्रवृत्ति योजना और प्री तथा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में एक लाख 31 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों के ऑनलाइन प्राप्त आवेदन भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को स्वीकृति के लिये ऑनलाईन भेजे गए हैं। प्रधानमंत्री जन-विकास कार्यक्रम में अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिये भोपाल में तीन 50 सीटर तथा एक 100 सीटर कन्या छात्रावास भवन संचालित किए जा रहे हैं। खरगोन, बुरहानपुर तथा श्योपुर शहरों में 100-100 सीटर अल्पसंख्यक कन्या छात्रावासों का निर्माण पूर्ण कराया गया है। महू केन्ट में 100 सीटर अल्पसंख्यक कन्या छात्रावास का निर्माण प्रचलन में है।
राज्य शासन ने सभी विभागों में गठित साक्षात्कार एवं पदोन्नति समिति में अनुसूचित जाति-जनजाति के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व भी अनिवार्य कर दिया है। इस वर्ग के शिक्षित बेरोजगारों को यूपीएससी, पीएससी, रेलवे तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षा के लिये कोचिंग की स्थायी व्यवस्था कर दी गई है। प्रशिक्षणार्थियों को आवासीय सेवा उपलब्ध कराने के लिये भोपाल, जलबपुर, सागर, रीवा, होशंगाबाद, उज्जैन, इंदौर, शहडोल, मुरैना तथा ग्वालियर को निर्देशित किया गया है। इसी प्रकार, आईआईएम, आईआईटी और एनआईटी में चयनित इन वर्गों के छात्र-छात्राओं की पूरी फीस का भुगतान राज्य सरकार कर रही है। इस तरह राज्य सरकार इन वर्गों को विकास की मुख्य-धारा में शामिल करने के लिये प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। इसके लिये सकारात्मक पहल भी शुरू कर दी गई है।