भोपाल । पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि ग्राम विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है। ग्रामों के चहुमुखी विकास के लिये ग्रामसभाओं की महती भूमिका होती है। गॉवों में होने वाले विकास कार्यों का चयन एवं समीक्षा ग्रामसभा के माध्यम से हो। ग्राम सभाओं के आयोजन की वीडियोग्राफी भी करवाई जाये।
मंत्री श्री सिसौदिया ने उक्त निर्देश विकास आयुक्त कार्यालय विंध्याचल भवन में विभागीय समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि वर्ष में होने वाली 4 ग्राम सभाओं के अतिरिक्त भी आवश्यकतानुसार प्रत्येक दो माह में ग्राम सभा आहूत की जाये। ग्राम सभा का पर्याप्त प्रचार-प्रसार एवं मुनादी करवाये, जिससे अधिक से अधिक ग्रामवासी ग्राम सभा में उपस्थित हो सकें। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा में मनरेगा अन्तर्गत किये जाने वाले कार्य, कार्यरत मजदूरों व जॉबकार्ड धारियों के नाम आदि पढ़ कर सुनाये जाये।
अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि विगत वर्षों की तुलना में मनरेगा अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में लेवर नियोजन सर्वाधिक हुआ है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत मनरेगा मजदूरों को मास्क, सेनेटाइजर आदि भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इस योजना में प्रदेश में किये जाने वोल नवाचारों में श्रम सिद्धी अभियान की भी जानकारी दी गई।
श्री सिसोदिया ने कहा कि श्रमिकों को ग्राम स्तर पर सभी सुविधाएँ मुहैया कराई जाएगी। स्व-सहायता समूहों के क्लस्टर बनाकर उनके द्वारा निर्मित उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रत्येक मिडिल स्कूल और हाई स्कूल में वाउन्ड्रीवाल बनाई जाएगी। गौ-शालाओं को गौ-संवर्धन योजना से जोड़ा जायेगा।
मंत्री श्री सिसोदिया ने निर्देश दिए कि मनरेगा अंतर्गत अधिक से अधिक स्थाई सम्पत्तियों का निर्माण किया जाये। ग्रामों में बनने वाली सीमेंट-कांक्रीट रोड में आवश्यकतानुसार दोनों तरफ मुरमीकरण कर शोल्डर भरे जाने का प्रावधान से संबंधित कार्रवाई से अवगत कराया जाये। मनरेगा अंतर्गत कार्य-स्थलों में श्रमिकों को दी जाने वाली अन्य सुविधाएँ जैसे झूलाघर, मेडिकल किट आदि व्यवस्थाओं का सतत निरीक्षण किया जाये। जॉब-कार्ड श्रमिक के पास ही हो यह सुनिश्चित किया जाये। श्रम सिद्धि अभियान अंतर्गत किए जाने वाले सर्वे में सोशल ऑडिट के विलेज सोशल एनीमेटर (वी.एस.ए.) एवं स्व-सहायता समूह के सदस्यों को संलग्न किया जाये तथा एक पंचायत का सर्वे कार्य दूसरे पंचायत की टीम से कराया जाये। मनरेगा अंतर्गत पंचायत भवनों एवं शाला भवनों में आवश्यकतानुसार एवं प्रावधान अनुसार बाउण्ड्री-वॉल निर्माण तथा पौध-रोपण के कार्य किए जायें। मनरेगा अंतर्गत शालाओं में किचन-शेड के साथ डायनहाल का भी आवश्यकतानुसार निर्माण किया जाये।
निर्माणाधीन गौशालाओं के कार्य में तेजी लाते हुए इन्हें शीघ्र पूरा कराया जाए। निर्मित गौशालाओं के संचालन का कार्य शीघ्र स्व-सहायता समूहों से अनुबंध कर उन्हें सौंपा जाये। समूह को आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से गौ-उत्पादों के उत्पादन व विक्रय को प्रोत्साहित किया जाये। मनरेगा के कार्यों में स्व-सहायता समूहों की अधिक से अधिक सहभागिता बढ़ाई जाये।
मंत्री श्री सिसोदिया ने मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अमेजान, फ्लिपकार्ट जैसे निजी प्लेटफार्म का उपयोग कर समूह उत्पादों का विपणन संबंधी प्रयास किए जायें। वी.सी. सखी एवं कृषि सखी की संख्या बढ़ाई जाकर उनका सशक्तिकरण किया जाये। आजीविका भवन की किस्त शीघ्र पंचायत राज्य संचालनालय द्वारा नियुक्त की जाये। मनरेगा के जॉब-कार्ड के सत्यापन में स्व-सहायता समूह सदस्यों की सेवाएँ भी ली जायें। क्लस्टर आधारित सामूहिक आजीविका गतिविधियों के प्रस्ताव तैयार किये जायें तथा सेनेटरी नेपकिन के निर्माण, प्रचार-प्रसार तथा उपयोग को बढ़ावा दिया जाये। मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता योजना में विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक प्रकरण बैंकों को प्रस्तुत किए जायें।