नागरिक अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों का आस्थापूर्वक करें पालन : उपराष्ट्रपति नायडू
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को देश के नागरिकों का आह्वान किया कि यदि वे प्रतिबद्धता के साथ अपने दायित्वों को निभाये तथा राष्ट्रीय उद्देश्यों एवं संवैधानिक मूल्यों के प्रति संकल्पबद्ध रहे तो देश का तेजी से विकास हो सकता है और यह अधिक परिपक्व लोकतंत्र बन सकता है।
नायडू ने संविधान दिवस के अवसर पर संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुये देशवासियों से संविधान की मान्यताओं और मर्यादाओं के संरक्षण और संवर्धन के प्रति पुन: संकल्पबद्ध होने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “यदि हम प्रतिबद्धता के साथ अपने दायित्वों को निभाये तथा राष्ट्रीय उद्देश्यों एवं संवैधानिक मूल्यों के प्रति संकल्पबद्ध रहें तो देश का तेजी से विकास हो सकता है और यह अधिक परिपक्व लोकतंत्र बन सकता है। इसी लिए माननीय प्रधानमंत्री ने ‘‘रिफार्म, परफार्म और ट्रांफार्म (सुधार, कार्य प्रदर्शन और बदलाव)’’ का स्पष्ट संदेश दिया है।”
उन्होंने कहा, “लोकतांत्रिक गणराज्य में सचेत नागरिकों के सक्रिय और सार्थक प्रयास आवश्यक शर्त हैं। अत: संविधान में निहित आदर्शों और मर्यादाओं की पूर्ति के लिये जरूरी है कि नागरिक अपने अधिकारों के साथ साथ मूल कर्तव्यों का आस्थापूर्वक पालन करें और अपने निजी, सामुदायिक एवं व्यवसायिक जीवन में नागरिक कर्तव्यों को आत्मसात करें।”
नायडू ने संविधान दिवस के अवसर पर संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं की पूर्ति का संकल्प लेने का आह्वान करते हुये कहा, “सदियों से गुलामी के बंधन में जकड़े इस देश को आधुनिक और प्रगतिशील संवैधानिक दृष्टि देने के लिये डा. अंबेडकर के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूं।”