‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत PM मोदी ने उत्तराखंड में 6 बड़ी परियोजनाओं का किया उद्घाटन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत उत्तराखंड में आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए छह बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में हरिद्वार के जगजीतपुर में 68 एमएलडी के जल-मल शोधन संयंत्र का निर्माण, 27 एमएलडी के मौजूदा जल-मल शोधन संयंत्र का उन्नयन और हरिद्वार के सराय में 18 एमएलडी का जल-मल शोधन संयंत्र का निर्माण शामिल है।
उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने लोगों को बधाई देते हुए कहा, आज मां गंगा की निर्मलता को सुनिश्चित करने वाली 6 बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया। इसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और मुनि की रेती में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और म्यूजियम जैसे प्रोजेक्ट भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक मां गंगा देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं। इसलिए गंगा की निर्मलता आवश्यक है, गंगा जी की अविरलता आवश्यक है। बीते दशकों में गंगा जल की स्वच्छता को लेकर बड़े बड़े अभियान शुरू हुए थे। लेकिन उन अभियानों में न तो जन भागीदारी थी और न ही दूरदर्शिता।
प्रधानमंत्री ने कहा, अगर पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते, तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती। लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े। हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया।
उन्होंने कहा, सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया। पहला- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया दूसरा- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें। तीसरा- गंगा नदी के किनारे बसे 100 बड़े शहरों और 5,000 गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना। चौथा- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना।
प्रधानमंत्री ने कहा,आज सरकार के इस चौतरफा काम का परिणाम हम सब देख रहे हैं। आज नमामि गंगे परियोजना के तहत 30 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम चल रहा है या पूरा हो चुका है। नमामि गंगे अभियान को अब नये स्तर पर ले जाया जा रहा है। गंगा जी के स्वच्छता के अलावा अब गंगा जी से सटे पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के विकास पर भी फोकस है। सरकार द्वारा उत्तराखंड के साथ ही सभी राज्य के लोगों को जैविक खेती से जोड़ने की योजना बनाई गई है।