नए अधिनियम के पश्चात पहली निजी मंडी मध्यप्रदेश में स्थापित की जाए

भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा नया मंडी अधिनियम बनाए जाने के बाद देश में सबसे पहले निजी मंडी मध्यप्रदेश में स्थापित हो, इसके लिए प्रदेश में तैयार किए गए मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम (संशोधन) विधयेक-2020 के पारित होने के पश्चात उस पर तत्परता से अमल किया जाएगा। यह अधिनियम प्रदेश के किसानों एवं व्यापारियों दोनों के लिए लाभदायक होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठकमध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम (संशोधन) विधेयक-2020 के प्रावधानों पर चर्चा कर रहे थे। बैठक में किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, किसान कल्याण तथा कृषि विकास राज्य मंत्री श्री गिर्राज दण्डौतिया, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री के.के. सिंह, प्रमुख सचिव श्री अजीत केसरी उपस्थित थे।

अब निजी क्षेत्र में स्थापित हो सकेंगी मंडियां

निजी मंडी स्थापना के लिए शुल्क

मार्केट

आवेदन शुल्क

(रूपये में)

लाइसेंस शुल्क

(रूपये में)

परफॉरमेंस गारंटी

(रूपये में)

न्यूनतम क्षेत्रफल

प्राइवेट मार्केट यार्ड

5,000

50,000

10 लाख

2 हेक्टेयर

प्राइवेट मार्केट सब यार्ड

5,000

25,000

5 लाख

डायरेक्ट क्रय

(विपणन संग्रहण) केन्द्र

1,000

10,000

5 लाख

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नए अधिनियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति, जो किसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्था का डिफाल्टर न हो तथा जिसके पास आवश्यक बुनियादी संरचना हो, प्राइवेट मार्केट यार्ड, प्राइवेट मार्केट उप यार्ड तथा डायरेक्ट क्रय केन्द्र स्थापित कर सकेगा। इसके लिए उसे शासन से लाइसेंस लेना होगा।

उसी दिन किसानों को भुगतान अनिवार्य

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि इस अधिनियम की एक विशेषता यह है कि व्यापारी को किसान की फसल खरीदने के बाद उसी दिन फसल का भुगतान करना होगा। कृषक को भुगतान के बाद ही व्यापारी कृषि उपज का परिवहन कर सकेगा।

21 अतिरिक्त परिभाषाएं शामिल

प्रमुख सचिव श्री अजीत केसरी ने बताया कि संशोधित मंडी अधिनियम में पुराने अधिनियम की 2 परिभाषाओं को विलोपित किया गया है तथा 21 नई परिभाषाएं सम्मिलित की गई हैं। पुराने अधिनियम में 24 परिभाषाएं थीं। अब ‘मंडी क्षेत्र’ के स्थान पर ‘मंडी प्रांगण’ परिभाषित होंगे (निर्वाचन कार्य के प्रयोजन को छोड़कर)। मंडी समितियों के अधिकार मंडी प्रांगणों तक ही सीमित होंगे। आयातित उपज पर मंडी प्रभार नहीं लगेगा।

मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम संशोधन विधेयक 2020 के मुख्य बिंदु

नियम 2020 के प्रमुख प्रावधान

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