भोपाल । ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाये। ओव्हर-लोडिंग, ओव्हर-स्पीडिंग करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही हो। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान श्री डी.सी. सागर गुरूवार को पुलिस मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सड़क सुरक्षा प्रबंधन के लिये आयोजित राज्य-स्तरीय वर्चुअल कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
श्री सागर ने कहा कि आमजन के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। एडीजी ने बीते दिनों शिवपुरी, सतना, बैतूल, कटनी एवं कुछ अन्य जिलों में हुई सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने नोडल अधिकारियों और जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समितियों के सदस्यों को उन परिवारों की पीड़ा को महसूस करने को कहा जिन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में अपनों की जान गवाई है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से संबंधित नोडल एजेंसियाँ आपसी समन्वय बनायें। श्री सागर ने अपेक्षा की कि समस्त संबंधित एजेंसियाँ एकजुट होकर काम करें ताकि दुर्घटनाओं की रोकथाम प्रभावी ढंग से की जा सके और असमय होने वाली मृत्यु से लोगों बचाया जा सके।
यातायात प्रभारी अपनी जिम्मेदारी निभाएँ
एडीजी श्री सागर ने जिलों के यातायात प्रभारियों को जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए कहा कि यदि वे पूर्ण समर्पण से नियमानुसार कार्य करें, तो 80 प्रतिशत दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि ओव्हर-लोडिंग और ओव्हर-स्पीडिंग वाले वाहनों के साथ किसी भी प्रकार की रियायत नहीं बरती जाये। आवश्यक जाँच-पड़ताल करें, नियमानुसार कार्यवाही करें और लोगों को जागरूक करें। श्री सागर ने कहा कि पूर्ण कर्त्तव्यनिष्ठा से कार्य कर खाकी वर्दी का सम्मान बरकरार रखते हुए पुलिस के जन-सेवा के सूत्र वाक्य को सार्थक करें।
नोडल एजेंसियाँ मिशन मोड में समर्पित भाव से कार्य करें
श्री सागर ने सड़क सुरक्षा के लिये सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार गठित समिति की नोडल एजेंसियों- परिवहन, शिक्षा, लोक स्वास्थ्य, आबकारी एवं सड़क निर्माण से संबंधित विभागों से समर्पित भाव से कार्य करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि सभी नोडल एजेंसियों का कर्त्तव्य है कि वे लोगों के जीवन को बचाने में अपना शत-प्रतिशत योगदान दें। श्री सागर ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को जानकर दुर्घटना से पहले ही रोकथाम के पर्याप्त उपाय सुनिश्चित करें। इससे दुर्घटनाओं में कमी लायी जाकर लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियाँ आवश्यक कार्य-योजना बनाकर कार्य किया जाना सुनिश्चित करें।
जिला समितियाँ क्रैश इन्वेस्टिगेशन करें
एडीजी श्री सागर ने कहा है कि जिला-स्तरीय समितियों को सड़क दुर्घटना स्थलों पर जाकर तत्परतापूर्वक क्रैश इन्वेस्टिगेशन करना होगा। इससे दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। साथ ही रोकथाम के समुचित उपाय किये जाने में आवश्यक सहायता मिल सकेगी। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के चिन्हांकित ब्लैक-स्पॉट्स को हटाने के लिये उठाये गये सुधारात्मक कदमों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर भेजने के निर्देश दिये।
दुर्घटना-रहित यातायात के लिये सुधारात्मक उपाय अपनाना जरूरी – प्रो. तिवारी
वर्चुअल वर्कशॉप के द्वितीय सत्र में सड़क सुरक्षा प्रबंधन एवं यातायात अभियांत्रिकी विषय पर संबोधित करते हुए मेनिट कॉलेज केअभियंता प्राध्यापक श्री राहुल तिवारी ने कहा कि दुर्घटना-रहित यातायात के लिये सुधारात्मक उपाय अपनाना जरूरी है। उन्होंने सड़कों के निर्माण में एलाइनमेंट, जंक्शन, क्रॉस सेक्शन एवं इंटर-चेंजेस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई। श्री तिवारी ने कहा कि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये ट्रैफिक को प्रॉपर चैनेलाइज करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सेल्फ एक्सप्लेनिंग रोड्स, सड़कों की मॉर्किंग और मार्ग संकेतकों के प्रति आमजन को जागरूक कर दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है।