भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में राज्य में कोरोना की स्थिति, उपचार प्रबंधन,लॉक डाउन की स्थिति के संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग कर विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना नियंत्रण सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जो व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए हैं वे स्वस्थ हों, इसके साथ ही टेस्टिंग और उपचार के कार्य को निरंतर गंभीरता से पूर्ण किया जाए। जन जागरूकता बढ़ाने का कार्य निरंतर जारी रहे। कंटेनमेंट इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाए। किसी भी स्थिति में वायरस की चैन निर्मित नहीं होना चाहिए। यह चैन टूटना ही चाहिए। जन-प्रतिनिधियों से परामर्श कर वायरस नियंत्रण के प्रभावी प्रयास करें।
कलेक्टर्स करें बाहरी व्यक्तियों को पास देकर रवाना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य से बाहर जाने के इच्छुक व्यक्तियों को पास जारी करने के संबंध में जिलों को विस्तृत निर्देश भेजे जा रहे हैं। इसी तरह अन्य राज्यों से जो लोग मध्य प्रदेश लौटना चाहते हैं उन्हें भी आवश्यक सुविधाएं जिलों में प्रदान की जाए।बैठक में जानकारी दी गई कि मध्य प्रदेश के उज्जैन और अन्य स्थानों से लोग अपने राज्यों में रवाना हुए हैं ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश से जाने के इच्छुक व्यक्तियों को एक साथ अनुमति न दें। भीड़ की स्थिति न बने।इसी तरह बाहर से आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग भी अवश्य की जाए।
तीन जिलों की विस्तृत जानकारी ली
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वायरस के संपर्क की कड़ी तोड़ने के लिए प्रत्येक जिले में निरंतर सजग रहने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के बुरहानपुर मंदसौर और नीमच जिलों में वायरस की स्थिति की विस्तृत जानकारी भी प्राप्त की। बैठक में बताया गया कि बुरहानपुर में 12 कंटेनमेंट क्षेत्र बनाए गए हैं यहाँ 24 सर्वे दल कार्य कर रहे हैं। समाजसेवियों और धर्मगुरुओं से चर्चा कर जिला प्रशासन विभिन्न व्यवस्थाएँ कर रहा है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लॉक डाउन का सख्ती से सभी थाना क्षेत्रों में पालन किया जा रहा है। इसी तरह मंदसौर में रोग नियंत्रण का कार्य अच्छा चल रहा है। मंदसौर में 240 व्यक्ति होम क्वॉरेंटाइन और 419 व्यक्ति संस्थागत क्वारेंटाइन का लाभ ले रहे हैं। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक भी नियमित हो रही है। नीमच में भी जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आवश्यक उपाय किए गए हैं। जन जागरूकता बढ़ रही है और गंभीर रोगियों की संख्या में कमी आई है। पॉजिटिव रोगियों की संख्या में भी कमी हो रही है।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया प्रदेश में 5 मई तक 3049 प्रकरण सामने आए हैं। इनमें एक्टिव प्रकरण 1873 हैं। एक हजार व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ हुए हैं । प्रदेश के 35 जिलों में कुल 805 कंटेनमेंट क्षेत्र हैं।कुल सत्रह लाख से अधिक आबादी इन क्षेत्रों में है ।करीब पांच हजार लोग संस्थागत आईसोलेशन में हैं। इन व्यवस्थाओं से वायरस नियंत्रण आसान हो रहा है।प्रदेश में 3143 सर्वे टीम कार्य कर रही हैं।इनकी भूमिका से जन जागरूकता बढ़ रही है । भोपाल और इंदौर नगरों में भी स्थिति में सुधार हो रहा है
बढ़ेगी टेस्टिंग क्षमता
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री संजय शुक्ला ने जानकारी दी कि इस सप्ताह नवीन उपकरण आने से 4 जिलों में टेस्टिंग सुविधा में वृद्धि होगी। वर्तमान में राज्य में लगभग 3000 व्यक्तियों की प्रतिदिन टेस्टिंग का कार्य हो रहा है यह शीघ्र ही 3700 और 4000 के मध्य हो जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिला कलेक्टर तीन बिंदुओं पर गंभीरता से कार्य करें। उन्होंने निर्देश दिए वायरस की पहचान शीघ्र हो, सैंपल लेने का कार्य गति पकड़े और समुचित उपचार के लिए अस्पतालों में अमला मुस्तैद रहे।
दीर्घकालिक योजना भी बने
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 के अनुभव को देखते हुए राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में एक दीर्घकालिक योजना का निर्माण भी किया जाए। इसमें अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था, आईसीयू और आकस्मिक उपचार के लिए जरूरी इंतजाम शामिल होना चाहिए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी भी उपस्थित थे।