मुख्यमंत्री श्री चौहान शीतलदास की बगिया में छठ पूजा महापर्व में हुए शामिल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि छठ पूजा महापर्व बिहार से शुरू हुआ और धीरे-धीरे पूरे देश का महापर्व बन गया है। बिहार गर्व करने लायक प्रदेश है, यहाँ के लोगों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। मध्यप्रदेश में भी बिहार के लोग निवासरत हैं। मध्यप्रदेश हम सबका अपना प्रदेश है। प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए छठ पूजा के इस महापर्व पर सरकार आपके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज शीतलदास की बगिया में भोजपुरी एकता मंच समिति द्वारा आयोजित छठ पूजा महापर्व में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। पूर्व राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शीतलदास की बगिया घाट पर दीप दान किया। उन्होंने समाजसेवियों एवं समिति के सदस्यों को विशेष कार्य के लिए सम्मानित भी किया।
प्रकृति की पूजा का महापर्व
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि छठ पूजा प्रकृति की पूजा का महापर्व है। उन्होंने महापर्व की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि छठ मैया से प्रार्थना है कि सब सुखी हों, सब निरोगी रहें, सबका मंगल और कल्याण हो। सुख-समृद्धि, रिद्धि-सिद्धि सबके जीवन में आए। उन्होंने कहा कि इस महापर्व में महिलाएँ 72 घंटे का व्रत रखकर आराधना करती हैं। यह अद्भुत परम्परा है, मैं इस परम्परा को प्रणाम करता हूँ।
दो व्रत और लें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि छठ पूजा के महापर्व पर दो व्रत और लें। खुशी के हर मौके पर एक पेड़ अवश्य लगाएँ और जिन्होंने कोविड-19 वैक्सीन का दूसरा डोज़ नहीं लगवाया है, वह जरूर लगवा लें। हमें अपने देश और प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर को आने से रोकना है। आपके व्रत की यह तपस्या ही कोरोना की तीसरी लहर से बचा सकती है।
पूर्व राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि यह पर्व सूर्य भगवान की आराधना के लिए जाना जाता है। सूर्य भगवान की जरूरत पूरे विश्व को है। सूर्य का व्यापक रचना में महत्व है। उन्होंने कहा कि छठ पूजा महापर्व प्रकृति की पूजा का प्रतीक है। भारत में प्रकृति की पूजा की परम्परा हजारों साल पुरानी है। छठ पूजा के पीछे महिलाओं का बड़ा योगदान है। महिलाएँ सशक्त एवं जागरूक होंगी तो समाज तरक्की करेगा। पूर्व विधायक श्री सुरेन्द्र नाथ सिंह, कार्यक्रम के संयोजक एवं अध्यक्ष श्री कुंवर प्रताप सिंह, श्री राहुल कोठारी, श्री अरूण श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।