गोडसे पर दिए विवादित बयान पर प्रज्ञा ठाकुर ने संसद में मांगी माफी, कहा-मेरे बयान को गलत समझा गया
गोडसे पर दिए विवादित बयान पर प्रज्ञा ठाकुर ने संसद में मांगी माफी, कहा-मेरे बयान को गलत समझा गया
नई दिल्ली। संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे पर दिए विवादित बयान के बाद भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सफाई दी है। अपने बयान पर माफ़ी मांगते हुए प्रज्ञा ने लोकसभा में कहा कि अगर मैंने किसी की भावना को आहत किया है तो मैं माफी मांगती हूं। उन्होंने कहा, संसद में दिए गए मेरे बयानों को विकृत किया जा रहा है। मैं राष्ट्र के लिए महात्मा गांधी के योगदान का सम्मान करती हूं।
बयान के बाद कांग्रेस नेता द्वारा आतंकी कहे जाने पर प्रज्ञा ने कहा कि सदन के एक सदस्य ने मुझे ‘आतंकवादी’ बताया। यह मेरी गरिमा पर हमला है। अदालत में मेरे खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ है। मैं सदन में मेरे द्वारा की गई किसी भी टिप्पणी से किसी भी प्रकार से किसी कोई ठेस पहुंची हो तो उसके लिए मैं खेद प्रकट कर क्षमा चाहती हूँ।
प्रज्ञा ठाकुर द्वारा सदन में बयान देने के बाद लोकसभा में विपक्षी नेताओं ने हंगामा किया। विपक्षी नेताओं ने महात्मा गांधी की जय और गोडसे मुर्दाबाद के नारे लगाए। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदन के अंदर यह घटना घटी है। इसीलिए यह चर्चा सारी मीडिया में छाई हुई है कि एक चुने हुए नुमाइंदे ने सदन में महात्मा गांधी की हत्या करने वाले को देशभक्त कहा। पूरे विश्व में इसकी निंदा हो रही है।
विपक्ष के हंगामे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, न केवल यह राष्ट्र बल्कि दुनिया महात्मा गांधी के सिद्धांतों का अनुसरण करती है। हमें इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। यदि हम राजनीतिकरण करते हैं, तो यह दुनिया के सामने होगा। इसलिए मैंने कहा कि टिप्पणी दर्ज नहीं की जाएगी। यह सदन महात्मा गांधी की हत्या के मामले को महिमामंडित करने की अनुमति नहीं देता है चाहे वह इस सदन में हो या बाहर। कल रक्षा मंत्री ने सरकार की ओर से स्पष्टीकरण दिया था। सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भी माफी मांगी है।
विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच उन्होंने कहा कि विपक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, वाम दलों समेत विपक्षी दल के सदस्य आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। गौरतलब है कि प्रज्ञा ने बुधवार को लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान उस वक्त विवादित टिप्पणी की थी जब द्रमुक सदस्य ए राजा बोल रहे थे। प्रज्ञा की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं किया गया था।