भोपाल । मध्यप्रदेश केमुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संकट के प्रतिकूल दौर में जहाँ लॉकडाउन के दौरान गेहूँ उपार्जन एक बड़ी चुनौती थी। सरकार द्वारा 15 अप्रैल को प्रदेश में उपार्जन कार्य प्रारंभ किया गया तथा लगभग सवा माह की अवधि में ही 15 लाख 29 हजार किसानों ने 1 करोड़ 20 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचा तथा उन्हें समय पर भुगतान किया गया। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इनमें 13 लाख 80 हजार लघु, मध्यम एवं सीमांत किसान हैं जो इस समय सबसे ज्यादा जरूरतमंद हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में गेहूँ उपार्जन के माध्यम से इन किसानों की समय पर सहायता के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अमले सहित संबंधित विभागों तथा अन्य सभी संबंधितों को बधाई दी है तथा उनके कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि इतनी संख्या में गत वर्षों में कभी भी लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने अपना गेहूँ समर्थन मूल्य पर नहीं बेचा। ऐसे किसानों के पास धनाभाव एवं भंडारण की सुविधा न होने से सामान्य रूप से वे अपनी उपज कम दामों पर खुले बाजार में बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं, परंतु लॉकडाउन के समय उनके लिए वह सहारा भी नहीं था। ऐसे में सरकार ने उनकी परेशानी को समझा तथा लॉकडाउन की विपरीत परिस्थिति के बावजूद प्रदेश में गेहूँ उपार्जन का कार्य प्रारंभ किया गया।
लॉकडाउन के दौरान गेहूँ उपार्जन बड़ी चुनौती
प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उपार्जन कार्य प्रारंभ करना तथा सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य सभी सावधानियों के साथ किसानों का गेहूँ पूरी मात्रा में समय पर उपार्जित करना, एक बड़ी चुनौती से कम नहीं था। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सारे प्रशासकीय अमले ने दिन-रात मेहनत करके इसे आसान बनाया। सर्वप्रथम बहुत कम संख्या में किसानों को एस.एम.एस. किये गये। फिर धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ाई गई। जिससे बिना भीड़-भाड़ के पूरी सावधानियों का पालन करते हुये उपार्जन किया जा सका।
15 लाख 29 हजार किसानों ने 120 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ बेचा
श्री शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में कुल पंजीकृत किसान 19 लाख 46 हजार हैं, जिनमें से अभी तक कुल 15 लाख 29 हजार किसानों ने 120 लाख मेट्रिक टन से अधिक गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचा है। किसानों को 16 हज़ार करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान भी किया जा चुका है। शेष भुगतान भी शीघ्र हो जाएगा। क्रय किये गये गेहूँ की 85 प्रतिशत मात्रा का परिवहन एवं सुरक्षित भंडारण भी किया जा चुका है।
इस वर्ष 13 लाख 80 हजार लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों द्वारा गेहूँ विक्रय
श्री शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के कुल पंजीकृत किसानों में से 13 लाख 80 हजार लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने अपना गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचा है। इनमें से 3 लाख 81 हजार सीमांत किसानों ने, 5 लाख 41 हजार छोटे किसानों ने तथा 4 लाख 68 हजार मध्यम किसानों ने अपना गेहूँ बेचा है। इसके अलावा 1 लाख 39 हजार बड़े किसानों ने अभी तक गेहूँ बेचा है, जिनमें 5 से 10 हेक्टेयर वाले 1 लाख 18 हजार तथा 10 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले 21 हजार किसानों ने अपना गेहूँ बेचा है।
गत वर्ष 8 लाख 62 हजार लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने गेहूँ बेचा
गत वर्ष 2019-20 में कुल 8 लाख 62 हजार लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने अपना गेहूँ बेचा था। इनमें से 2 लाख 12 हजार सीमांत किसानों ने, 3 लाख 24 हजार छोटे किसानों ने तथा 3 लाख 26 हजार मध्यम किसानों ने अपना गेहूँ बेचा। इनके अलावा 5 से 10 हे. वाले 90 हजार तथा 10 हे. से अधिक भूमि वाले 14 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना गेहूँ बेचा।
विक्रय करने वाले लघु, सीमांत एवं मध्यम किसानों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि
इस वर्ष गेहूँ उपार्जन के अंतर्गत गेहूँ बेचने में लघु, सीमांत एवं मध्यम किसानों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। गत वर्ष गेहूँ बेचने वाले सीमांत किसानों का प्रतिशत 34 था, जो इस वर्ष बढ़कर 75 हो गया है। इसी प्रकार छोटे किसानों का प्रतिशत 49 था, जो बढ़कर 83 हो गया है। मध्यम किसानों का प्रतिशत गत वर्ष 59 था, जो इस वर्ष बढ़कर 79 हो गया है।
इस वर्ष लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने 86.57 एम.टी. गेहूँ बेचा
इस वर्ष लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने 86.57 एम.टी. गेहूँ बेचा है। इनमें से सीमांत किसानों ने अभी तक कुल 9 लाख 26 हजार एम.टी, छोटे किसानों ने 28 लाख 38 हजार एम.टी तथा मध्यम किसानों ने 48 लाख 93 हजार एम.टी गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचा है। इसके अलावा 5 से 10 हे. के बड़े किसानों ने 25 लाख 31 हजार एम.टी तथा 10 हे. से अधिक भूमि वाले किसानों ने 08 लाख 65 हजार एम.टी. गेहूँ विक्रय किया है।