भोपाल । क्लस्टर आधारित एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएँ फिर से शुरू करने पर विचार करें। इस संबंध में जल्द रिपोर्ट दें। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने यह निर्देश स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की समीक्षा के दौरान दिये। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट लगाने में नगरीय निकाय पर कोई व्यय भार नहीं आयेगा। यूनिट लगाने के लिये कुल लागत का 35 प्रतिशत केन्द्र सरकार, 23.3 प्रतिशत राज्य सरकार और शेष राशि यूनिट लगाने वाला जन निजी भागीदार देगा।
नगरीय निकाय बढ़ायें आय
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने कहा कि नगरीय निकाय केवल सरकारी अनुदान पर ही नहीं चल सकते। उन्हें आय के साधन बढ़ाने होंगे। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों के अध्यक्ष, कमिश्नर और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों से निकाय की आय बढ़ाने के संबंध में प्रस्ताव लें। इन प्रस्तावों का अध्ययन कर तुलनात्मक चार्ट तैयार करें, जिससे आगामी कार्यवाही की जा सके। स्टाम्प ड्यूटी पर निकायों का शेयर प्रतिमाह मिलना चाहिये। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि खाली जमीन के मॉनीटाइजेशन पर भी विचार कर सकते हैं। विकास कार्यों के लिये निकाय द्वारा लोन लेने के प्रावधानों का भी परीक्षण किया जाये।
मंत्री श्री सिंह ने स्वच्छता मिशन की समीक्षा के दौरान राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा आवंटित राशि की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शेष राशि प्राप्त करने के लिये तत्काल प्रस्ताव तैयार करें।
आयुक्त नगरीय प्रशासन और विकास श्री निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत चल रहे कार्यों की जानकारी ली। बैठक में नगर निगम आयुक्त भोपाल भी उपस्थित थे।