नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि देश में सभी क्षेत्रों में तेजी से बदलाव हो रहा है लिहाजा केंन्द्र और राज्यों की सरकारों को मिलकर ‘टीम इंडिया ’के रूप में कार्य करना चाहिए।
श्री नायडू ने राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ के आह्वान ने देश को तात्कालिकता और दिशा की एक नयी भावना प्रदान की है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको स्थानीय संस्कृति, त्योहारों और खाद्य पदार्थ किस्मों के संरक्षण के प्रयासों का समर्थन करना चाहिए। आपको स्वस्थ खाद्य पदार्थों और स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहित करना चाहिए। आपको स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन देने वाले स्थानीय कला रूपों और कार्यक्रमों के संरक्षण को प्रोत्साहित करना चाहिए।’’
श्री नायडू ने राज्यपालों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि प्रशासनिक कार्यों में और जहां कहीं भी सार्वजनिक संपर्क की जरूरत हो, उन स्थानों पर स्थानीय भाषाओं को उनका नियत स्थान मिले। उन्होंने राज्यपालों से मातृभाषाओं को संरक्षित करने और बढ़वा देने के लिए राज्य सरकारों को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करने और उन्हें कम से कम प्राथमिक विद्यालय स्तर पर शिक्षा के माध्यम के रूप में उपयोग सुनिश्चित कराने को कहा।
उपराष्ट्रपति ने राज्यपालों का ध्यान कुछ औपनिवेशिक प्रथाओं की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि इन प्रथाओं की समीक्षा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गणमान्य लोगों को महामहिम के रूप में संबोधित करना और विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में टोपी और गाउन के पहनावे में थोड़ सुधार लाकर उसे भारतीय संस्कृति के अनुरूप बनाया जा सकता है।
इस दो दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने की। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद और जल शक्ति मंत्री गजेंद, सिंह शेखावत सहित कई मंत्री उपस्थित हुए।