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किसानों की एक-एक इंच भूमि तक पानी पहुंचाने के प्रभावी प्रयास करेंगे- मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी विजनरी लीडर और मैन ऑफ आइडिया है। उन्होंने कोविड की चुनौती को अवसर में बदला है तथा नए आत्मनिर्भर भारत का मंत्र एवं संकल्प लिया है। हम उसे पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाएंगे। इसके लिए खेती, किसान एवं गाँवों के अधिकाधिक विकास की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षमताएं बढ़ाने के लिए विशेष कार्य हुए हैं। गत वर्षों में हमने प्रदेश में सिंचाई क्षमता को 7.5 लाख हैक्टेयर से 42 लाख हैक्टेयर तक पहुंचाया है, इसमें नाबार्ड का महत्वपूर्ण योगदान है। आगामी समय में हम प्रदेश में किसानों की एक-एक इंच भूमि तक पानी पहुंचाने के प्रभावी प्रयास करेंगे।

नाबार्ड द्वारा मध्यप्रदेश को वित्तीय सहायता

वर्ष

राशि (करोड़ में)

2008-09

3375

2010-11

3723

2012-13

7706

2014-15

11663

2015-16

12851

2016-17

13875

2017-18

16630

2018-19

20600

2019-20

22000

2020-21

27500

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि नाबार्ड द्वारा आज मध्यप्रदेश के लिए 1425 करोड़ रूपये की लिफ्ट इरीगेशन” को स्वीकृति दी गई है। साथ ही अन्य परियोजनाओं के लिए 4 हजार करोड़ का ऋण भी स्वीकृत किया है। इसके लिए मैं नाबार्ड की पूरी टीम का पूरे हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में नाबार्ड के 39वें स्थापना दिवस के अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के महिला स्व-सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संघों के प्रतिनिधियों, प्रगतिशील किसानों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविंद सिंह भदौरिया, महाप्रबंधक नाबार्ड डॉ. डी.एस. चौहान , मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज गोविल आदि उपस्थित थे।

24 प्रतिशत तक कृषि विकास दर

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ने कृषि विकास में 24 प्रतिशत तक विकास दर हासिल की है। इसका एक प्रमुख कारण सिंचाई के क्षेत्र में विशेष प्रयास है। इस विकास दर को हासिल करने में नाबार्ड का विशेष सहयोग रहा है। नाबार्ड द्वारा कृषि, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास एवं कृषि अधोसंरचना विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है।

स्व-सहायता समूह बनाएंगे लोकल को वोकल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को सशक्त करने के लिए प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। सरकार अब इन्हें 4 प्रतिशत ब्याज दर पर आर्थिक गतिविधियों के लिए ऋण उपलब्ध कराएगी। नाबार्ड की ई-शक्ति योजना पर पूरा अमल किया जाएगा। महिला स्व-सहायता समूह लोकल को वोकल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

आपकी चादर मुझे भी देखना है

मुख्यमंत्री श्री चौहान वी.सी. के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संघों के प्रतिनिधियों, प्रगतिशील किसानों से बातचीत की। रतलाम जिले की गंगा स्व-सहायता समूह की छपली बाई ने बताया कि उनका समूह ब्लॉक प्रिंटिंग, पंजाबी सूट बनाने, चूड़ी निर्माण आदि का कार्य करता है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी चादर की बहुत तारीफ होती है मुझे भी आपकी चादर देखनी है। इस पर छपली बाई ने प्रसन्न होकर मुख्यमंत्री को अपनी ब्लॉक प्रिंटिंग से बनाई चादर दिखाई। मुख्यमंत्री ने कार्य की सराहना की। उन्होंने संगम स्व-सहायता समूह देवास की श्रीमती नंदिनी वर्मा, दुर्गा स्व-सहायता समूह धार की धापू बाई तथा ओम जय जगदीश हो स्व-सहायता समूह की उमा रजक से भी बातचीत कर उनके स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों की जानकारी ली।

71.69 लाख का वार्षिक टर्न ओव्हर

मुख्यमंत्री श्री चौहान को रेवा किसान उत्पादन संगठन सीहोर के श्री प्रकाश मीना ने बताया कि उनका संगठन जैविक खेती, बीज उत्पादन, सब्जी उत्पादन, दूध संग्रहण, मवेशी उपलब्ध कराने का कार्य करता है तथा उनका वार्षिक टर्न ओव्हर 71.69 लाख रूपये है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्य की सराहना की।

देवास मॉडल देशभर में प्रसिद्ध

देवास के कृषि विशेषज्ञ डॉ. सुनील चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिले में रूफ वॉटर हारर्वेस्टिंग तकनीक को विकसित किया गया, जिससे आसपास के क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता एवं भू-जल स्तर वृद्धि में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारा “देवास मॉडल” देशभर में प्रसिद्ध है।

2381 लाख की अनुदान सहायता परियोजनाओं का शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा नाबार्ड की 2381.69 लाख रूपये की अनुदान सहायता परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया। इनसे प्रदेश के 10.82 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। इनमें मुख्यत: स्व-सहायता समूहों संबंधी ई-शक्ति परियोजना (प्रदेश के सभी जिलों में) 1587 लाख, प्रवासी मजदूरों के लिए आजीविका कार्यक्रम 275.67 लाख, वित्तीय साक्षरता एवं समावेशन कार्यक्रम 321.89 लाख, कृषि उत्पादक संघ, वाटरशेड परियोजना 196.89 लाख रूपये की है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों के रोजगार के‍ लिए कृषि क्षेत्र के 5 मॉडल प्रोजेक्ट्स और प्रदेश में नाबार्ड के योगदान की किताबों का विमोचन भी किया।

एच.डी.एफ.सी बैंक की एफएमएस प्रणाणी का शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा एच.डी.एफ.सी बैंक की राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) द्वारा विकसित स्वयं सहायता समूहों के लिए वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (FMS) का शुभारंभ भी किया।

गत 10 वर्षों में एक लाख करोड़ के कार्य

नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती टी.एस. राजी गैन ने वी.सी. के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में नाबार्ड कृषि रोजगार, कृषि अधोसंरचना विकास आदि के क्षेत्र में कार्य कर रही है। गत 10 वर्षों में लगभग एक लाख करोड़ के कार्य किए गए हैं।

कृषि विकास दर में मध्यप्रदेश निरंतर आगे

नाबार्ड के अध्यक्ष श्री जी.आर. चिंताला मुंबई से वी सी में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि गत 15 वर्षों में मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर 10 प्रतिशत से भी काफी अधिक रही है, जबकि देश की 4 प्रतिशत के लगभग रही। मध्यप्रदेश में सिंचाई सेवाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। इसके लिए मध्यप्रदेश बधाई का पात्र है।

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