भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण को पूरी तरह समाप्त करने के लिए आगामी एक जुलाई से ‘किल कोरोना अभियान’ चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत डोर-टू-डोर सर्वे किया जाएगा, जिसमें कोरोना के साथ ही अन्य रोगों से संबंधित परीक्षण भी किया जाएगा। हमें प्रदेश के हर नागरिक का अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।
15 दिन में होंगे 2.5 से 3 लाख टेस्ट
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत 15 दिन में लगभग 2.5 से 3 लाख टेस्ट किए जाएंगे। प्रतिदिन लगभग 15 से 20 हजार सैम्पल लिए जाएंगे। वर्तमान में हमारी प्रति दस लाख टेस्टिंग लगभग 4 हजार है, जो बढ़कर लगभग दोगुनी हो जाएगी।
सागर जिले को सख्त चेतावनी
सागर जिले की समीक्षा में मेडिकल कॉलेज में लापरवाही पाए जाने पर मुख्यमंत्री ने सख्त चेतावनी देते हुए दोषी चिकित्सक के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। सागर जिले में कोरोना के 328 पॉजीटिव मरीज थे, जिनमें 240 स्वस्थ हो गए हैं, 68 एक्टिव हैं, 20 की मृत्यु हुई है।
रिकवरी रेट 76.9, ग्रोथ रेट 1.44
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश की कोरोना रिकवरी रेट 76.9 प्रतिशत हो गई है, जबकि भारत की 58.1 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश की कोरोना ग्रोथ रेट 1.44 है जो कि भारत की कोरोना ग्रोथ रेट 3.69 से आधी से भी कम है। मध्यप्रदेश की कोरोना पॉजिटिविटी दर 3.85 प्रतिशत है, जबकि भारत की 6.54 प्रतिशत है।
भोपाल उदाहरण बनेगा पूरे प्रदेश के लिए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भोपाल में सघन कोरोना सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। शनिवार एवं रविवार को भोपाल की 52 बस्तियों में सर्वे किया जा रहा है। भोपाल पूरे प्रदेश के लिए इस कार्य में उदाहरण बनेगा
कोरोना ने कुल प्रकरणों में मध्यप्रदेश 9 वें स्थान पर आया
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि कोरोना के एक्टिव प्रकरणों की दृष्टि से मध्यप्रदेश भारत में 13 वें स्थान पर चल रहा है। अब कुल प्रकरणों की संख्या की दृष्टि से मध्यप्रदेश 9 वें स्थान पर आ गया है। मध्यप्रदेश में कोरोना के कुल प्रकरण 26 जून की स्थिति में 12 हजार 798 हैं, जबकि हरियाणा में 12 हजार 884 हैं। पहले मध्यप्रदेश भारत में 8वें स्थान पर एवं हरियाणा 9वें स्थान पर था।