एमपी में वाणिज्यिक कर छापों में 92 करोड़ रूपये की कर चोरी पकड़ी
मौके पर ही 12 करोड़ 64 लाख रूपये जमा कराए गए
- शहडोल, इन्दौर, टीकमगढ़, नीमच में हुई कार्रवाई मध्यप्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग ने डाटा एनालिटिक्स, डाटा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और टैक्स रिसर्च एंड एनालिसिस विंग की रिपोर्ट का उपयोग करते हुए व्यवसायियों के यहाँ छापे की कार्रवाई कर टैक्स चोरी पकड़ी है। कई व्यापारियों से मौके पर कर जमा करवाया गया।
शहडोल, इन्दौर, टीकमगढ़, नीमच में हुई कार्रवाई
मध्यप्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग ने डाटा एनालिटिक्स, डाटा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और टैक्स रिसर्च एंड एनालिसिस विंग की रिपोर्ट का उपयोग करते हुए व्यवसायियों के यहाँ छापे की कार्रवाई कर टैक्स चोरी पकड़ी है। कई व्यापारियों से मौके पर कर जमा करवाया गया।
सभी छापों में लगभग 92 करोड़ रूपये की कर चोरी पाई गई। मौके पर ही 12 करोड़ 64 लाख रूपये कार्रवाई के दौरान जमा करवाये गये है। आयुक्त वाणिज्यिक कर श्री लोकेश कुमार जाटव के निर्देशन में शहडोल, इन्दौर, टीकमगढ़ एवं नीमच जिलों के आयरन एंड स्टील सेक्टर और पान मसाला के चिन्हित 11 व्यवसाइयों के 19 व्यवसायिक एवं निवास स्थल पर अलग-अलग समय पर छापे की कार्रवाई की गई।
टैक्स रिसर्च एन्ड एनालिसिस विंग (TRAW) इन्दौर एवं एंटी इवेजन ब्यूरो जबलपुर द्वारा जीएसटी पोर्टल, ई-वे बिल पोर्टल एवं चलित वाहनों की जाँच के अनुक्रम में ब्यौहारी जिला-शहडोल के एक व्यवसायी मेसर्स दुर्गा हार्डवेयर के 5 वाहनों पर अलग-अलग समय पर बिना ई-वे बिल के लोहा एवं सरिया परिवहन पर धारा 68 में शास्ति की कार्यवाही की गई।
गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर ब्यौहारी जिला शहडोल स्थित मेसर्स दीन दयाल गुप्ता, मेसर्स दुर्गा हार्डवेयर, मेसर्स पुरूषोत्तम दास आशीष कुमार गुप्ता एवं मेसर्स श्री दुर्गा ट्रेडर्स के चलित वाहनों की जाँच की गई। चारों व्यवसायी के यहाँ सर्च में कागजात जप्त किये गये और इनकी फर्मों से कुल 80 लाख रूपये से अधिक की राशि जमा करायी गयी।
“टैक्स रिसर्च एन्ड एनालिसिस विंग” (TRAW) इन्दौर के अनुसार नीमच स्थित व्यवसाई मेसर्स जी.आर. इंफ्राप्जेक्टस द्वारा एनएचएआई से वर्क्स कॉन्ट्रेक्ट प्राप्त कर रोड़ निर्माण का कार्य किया जाता है। फर्म द्वारा गलत तरीके से आईटीसी क्लेम कर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर निर्मित कर आईटीसी एकत्र की गई है। फर्म द्वारा अर्थ वर्क के कार्य में 5 प्रतिशत एवं 12 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत की दर से अधिक इनपुट लिया गया है। प्लांट एंड मशीनरी तथा केपिटल गुड्स के अंतर्राज्यीय स्टॉक ट्रांसफर पर न के बराबर मूल्यह्रास किया गया है। इस प्रकार पुरानी मशीनों पर भी अधिक आईटीसी प्राप्त की गई है।
इस आधार पर कार्यवाही कर 5 करोड़ 95 लाख रूपये एवं प्रथम सुनवाई के बाद 3 करोड़ 80 लाख रूपये कुल 9 करोड़ 75 लाख रूपये मौके पर जमा करवाये गये। “टैक्स रिसर्च एन्ड एनालिसिस विंग” (TRAW) एवं गोपनीय सूत्रों से प्राप्त शिकायत के आधार पर इन्दौर स्थित व्यवसाई मेसर्स राधा ट्रेडर्स, मेसर्स लक्ष्मी इंटरप्राईजेस, मेसर्स हनी ट्रेडर्स, मेसर्स गोल्डन पान मसाला एवं मेसर्स शिवम इंटरप्राइजेस, सियागंज इंदौर पर माह अगस्त, 2022 में इन्दौर सियागंज स्थित थोक बाजार में पान मसाला, सिगरेट के 5 व्यवसाइयों पर कर चोरी की संभावना के आधार पर एक साथ कार्यवाही की गई। कार्यवाही के दौरान मौके पर एक करोड़ 9 लाख रूपये जमा करवाए गए।
मेसर्स ग्वारा कंस्ट्रक्शन लिमिटेड टीकमगढ़ मुख्यतः वर्क्स कांट्रेक्टर है और सड़क निर्माण के क्षेत्र में कार्य करती है। शासकीय विभागों से प्राप्त ठेकों में से अधिकांश भाग सब-कांट्रेक्टर को सबलेट किया जाता है। साथ ही व्यवसायी सीमेंट, बिटुमिन एवं आयरन स्टील की अपने सब कांट्रेक्टर को सप्लाई भी करता है। इस आउटवर्ड सप्लाई के व्यवसायी द्वारा पृथक से बिल जारी किया जाता है और सब कांट्रेक्टर पृथक से इसका भुगतान व्यवसायी को करते हैं। व्यवसायी द्वारा सीमेंट, बिटुमिन एवं आयरन स्टील माल की अलग-अलग वर्षों में की गयी खरीद में से कुछ हिस्से के आउटवर्ड सप्लाई बिल जारी किये गये है, शेष बड़े भाग का न तो व्यवसायी द्वारा स्वयं किसी वर्क्स कांट्रेक्ट में उपभोग किया गया है, न ही आउटवर्ड सप्लाई की गयी है और न ही व्यवसायी के क्लोजिंग स्टॉक में माल शेष है। ई-वे बिल के परीक्षण से माल के डिलीवरी पते को चिन्हित करने पर पाया गया कि व्यवसायी द्वारा क्रय किये गये माल का अधिकांश भाग उन कंस्ट्रक्शन साइट पर डिलीवर किया गया, जहाँ सब कांट्रेक्टर काम कर रहे थे। व्यवसायी द्वारा बिना बिल जारी किए इन सब कांट्रेक्टर को माल सप्लाई किया गया है। इस आधार पर मौके पर 50 लाख रूपये जमा करवाए गए।
एंटी इवेजन ब्यूरो, इन्दौर-ए द्वारा जीएसटी पोर्टल पर मेसर्स ओमेक्स लिमिटेड के प्रकरण का परीक्षण किया गया। व्यवसायी रियल स्टेट का व्यवसाय करता है। परीक्षण के बाद आईटीसी त्रुटिपूर्ण रूप से ली गई तथा उनके द्वारा गलत आईटीसी लेकर उसका समायोजन आउटवर्ड सप्लाई की कर देयता से किया गया है। इस आधार पर कार्यवाही कर 50 लाख रूपये मौके पर जमा करवाए गए।