एमपी में काम के अनुसार दी जाएगी बेरोजगारों को ट्रेनिंग – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मेरी पहली प्राथमिकता प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में युवाओं को रोजगार के अनुसार ट्रेंनिंग दी जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास पर क्रिस्प के अधिकारियों के साथ प्रदेश में युवाओं को “रोजगार के अवसर” विषय के प्रस्तुतिकरण पर चर्चा कर रहे थे।

एक लाख युवाओं को प्रतिमाह रोजगार का लक्ष्य

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्रतिमाह एक लाख युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम होने पर 54 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि मेरा रोजगार से आशय केवल इंजीनियर या डाक्टर जैसे उच्च पदों से ही नहीं है बल्कि एक फल का ठेला लगाने वाले को यदि रोजगार के लिए हम ऋण उपलब्ध करवाते हैं और वो अपना काम करता है तो वह भी रोजगार की श्रेणी में आता है।

12 हजार युवाओं को ट्रेनिंग

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मेरे बुरहानपुर प्रवास के दौरान स्थानीय 12 हजार युवाओं ने स्वयं के लिए रोजगार के प्रस्ताव दिए हैं। मैं चाहता हूँ कि इनकी इच्छा के अनुसार इन्हें भी काम के अनुरूप ट्रेनिंग दी जाए, जिससे वे अपना स्वयं का रोजगार शुरू कर सकें।

ट्रायबल क्षेत्र में युवाओं को ट्रेनिंग

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ट्रायबल क्षेत्र में युवाओं को ट्रेनिंग उनकी “जरूरत और क्षमता” के अनुसार दी जाए। क्रिस्प द्वारा प्रदेश में युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षित करने के उददेश्य से पंचवर्षीय योजना का प्रस्ताव रखा था। एक वर्ष में 25 हजार युवाओं को ट्रेंड किया जाएगा और आगामी पाँच वर्षों में एक लाख 25 हजार युवाओं को रोजगार के अनुसार ट्रेनिंग दी जाएगी।

ग्रामीण उदयमी

प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि ग्रामीण उद्यमी योजना के अंतर्गत ग्रामीण युवाओं को स्थानीय कार्य की आवश्यकता के अनुसार छोटे बड़े कामों की ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें इलेक्ट्रीशियन, कारपेंटर, कृषि से जुडे कार्य आदि के संबंध में प्रशिक्षित किया जाएगा।

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