एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार संचालित हों- मंत्री श्री मरकाम
आदिम-जाति कल्याण मंत्री श्री मरकाम ने बैठक में की समीक्षा
भोपाल। मध्यप्रदेश के आदिम-जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के प्राचार्यों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि विद्यालय शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार संचालित हों। जिन विद्यालयों में सीटें रिक्त रह जायेंगी, उन विद्यालयों के प्राचार्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। आदिम-जाति कल्याण मंत्री श्री मरकाम आज मंत्रालय में प्रदेश में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालयों की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव आदिम-जाति कल्याण श्रीमती दीपाली रस्तोगी भी मौजूद थीं।
आदिम-जाति कल्याण मंत्री श्री मरकाम ने लोक निर्माण विभाग की परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) को निर्देश दिये कि आवासीय विद्यालयों के सभी अधूरे निर्माण कार्यों को हर हाल में इस वर्ष दिसम्बर तक पूरा किया जाये। मंत्री श्री मरकाम ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से महात्मा गांधी के स्मारक और देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों का भ्रमण करवाये जाने के निर्देश भी प्राचार्यों को दिये। मंत्री श्री मरकाम ने एकलव्य विद्यालयों के छात्रावासों की स्थिति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्राचार्य यह सुनिश्चित करें कि विद्यार्थियों को गणवेश, ब्लेजर एवं अन्य सामग्री गुणवत्तापूर्ण ही दी जाये। बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती रस्तोगी ने विद्यालयों में मोटिवेशनल स्पीच के सत्र अनिवार्य रूप से किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने विद्यालय परिसर में पौध-रोपण की स्थिति की भी जानकारी ली। प्रमुख सचिव ने कहा कि संस्था के प्राचार्य और अधीक्षक सुनिश्चित करें कि विद्यार्थियों को प्रतिदिन पोषणयुक्त भोजन मिले।
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश ट्राईबल वेलफेयर रेसीडेंशियल एण्ड आश्रम एजुकेशनल सोसायटी द्वारा 45 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 13 हजार 100 आदिवासी विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। बैठक में प्रत्येक विद्यालय प्राचार्य से पिछले 3 वर्षों में आवंटित बजट एवं व्यय राशि, छात्रों के प्रवेश की स्थिति तथा खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की जानकारी ली गई। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2019-20 में एकलव्य आदिवासी विद्यालयों के लिये करीब 107 करोड़ रुपये की राशि केन्द्र सरकार द्वारा मंजूर की गई है।