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उच्चादर्शों के प्रति निष्ठा, जीवन का आधार – मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल

विचारों में सकारात्मकता जरूरी
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह सम्पन्न

मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि संकल्प से सब संभव है। जरूरत विचारों और भावनाओं में सकारात्मकता की है। अच्छे भाव से किये गये काम का फल भी सदैव सुखद और आनन्ददायी होता है। जीवन में उच्च आदर्शों के प्रति निष्ठा बनाये रखते हुए, विकास पथ पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति में अपार संभावनाएँ होती है। जरूरत संकल्प के साथ प्रयासों की है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आव्हान किया कि दीक्षांत समारोह में जो शपथ उन सब ने ली है। उसका सम्पूर्ण जीवन में पालन करें। यही जीवन की सार्थकता का मार्ग है।

राज्यपाल श्री पटेल बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा मिन्टो हॉल में आयोजित दीक्षांत कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में 22 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक, 66 को पी.एच.डी. और 50 छात्र-छात्राओं को स्नातकोत्तर उपाधियाँ प्रदान की गई। दीक्षांत कार्यक्रम में स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि बढ़ते बाजारवाद के प्रभाव से समाज भौतिकतावादी हो रहा है। सोच और सम्पर्क का आभासी दायरा बढ़ रहा है, लेकिन व्यवहार व्यक्तिवादी होता जा रहा है। समाज को, जीवन शैली में भाईचारा, सहयोग, दूसरों की खुशियाँ और आत्म-संतोष के महत्व में कमी के कारणों पर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने सारी दुनिया में तकनीक और उन्नति को असहाय कर दिया था। इससे सबक लेना होगा। शिक्षा केवल तकनीक का ज्ञान नहीं है। केवल वैज्ञानिकता और आधुनिकता से व्यक्ति का समग्र विकास नहीं होता है। जीवन में आदर्शों, संस्कारों और विवेक का होना जरूरी है। संस्कृति और परम्पराओं के साथ जुड़ाव ही समग्र विकास है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि शिक्षा से व्यक्ति में ज्ञान, संस्कार, कौशल, समाजबोध और व्यक्तित्व में विनयशीलता आती है। उन्होंने कहा कि समाज के हर सदस्य के लिए आदर, समन्वय और सहयोग की भावना का विकास शिक्षा से होना चाहिए। विद्यार्थियों से अपेक्षा की है कि जीवन में जो ज्ञान, जीवन मूल्यों के संस्कार प्राप्त किए गए हैं, उनसे जिस क्षेत्र में भी वे जायें, वहाँ अपने परिवार और समाज की विशिष्ट पहचान बनाए। उन्होंने विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ देते हुए शिक्षा प्राप्त कर रही छात्राओं की संख्या अधिक होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। छात्रों को बालिकाओं के समान बेहतर प्रदर्शन के लिए राज्यपाल श्री पटेल ने प्रोत्साहित किया।

भारतीय विश्वविद्यालय महासंघ की महासचिव प्रोफेसर श्रीमती पंकज मित्तल ने कहा कि भविष्य, ज्ञान आधारित शिक्षा का है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रूप में वर्तमान पीढ़ी को अभूतपूर्व और सर्वश्रेष्ठ अवसर उपलब्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि जीवन में निरंतर प्रगति के लिए सतत् सीखतें रहना जरूरी है। नई शिक्षा नीति इसका सुलभ सुअवसर है। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग तेजी से परिवर्तनशील है। जरूरी है कि शिक्षा और शिक्षण को निरंतर अद्यतन किया जाए। उन्होंने कहा कि नई नीति में विश्वविद्यालयों को पाठ्यक्रम निर्माण में स्वायत्तता दी गई है। इसका सार्थक उपयोग किया जाए। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि उन्हें शिक्षण के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की गई है। शिक्षा में नये प्रयोगों के अवसर दिए गए है।

राज्यपाल श्री पटेल ने दीप प्रज्‍ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। राज्यपाल श्री पटेल का कुलपति द्वारा शॉल, तुलसी के पौधे से सम्मान किया गया। स्वागत उद्बोधन में कुलपति प्रो. श्री आर.जे.राव ने विश्वविद्यालय से संबंधित जानकारी दी। संचालन कुलसचिव श्री आई.के.मंसूरी ने किया।

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