भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इंदौर में पुलिस, प्रशासन सहित पूरा अमला जन-प्रतिनिधियों, समाजसेवी, संगठनों, मीडिया एवं जनता के सहयोग से पूरी मुस्तैदी से कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में जी-जान से जुटा है। उन्होंने भरोसा जताया कि हम इस लड़ाई को जल्द ही जीतेंगे तथा इसके लिए इंदौर देश में आदर्श स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा के दौरान विशेष रूप से इंदौर में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, ए.सी.एस. हैल्थ श्री मोहम्मद सुलेमान, सचिव जनसंपर्क श्री पी. नरहरि आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इंदौर सहित प्रदेश के सभी जिलों में आईडेंटिफाई, आइसोलेट, टेस्ट एंड ट्रीट (आई.आई.टी.टी.) की रणनीति का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस रणनीति से हम शीघ्र ही कोरोना पर विजय पा लेंगे।
इंदौर में प्रति दस लाख व्यक्ति टेस्टिंग दर 2100
इंदौर की समीक्षा में बताया गया कि इंदौर में कोरोना टेस्टिंग की प्रति दस लाख व्यक्ति पर 2100 है, जबकि राज्य का औसत 200 टेस्ट प्रति लाख है। इंदौर में टेस्टिंग का रेट राज्य की दर से 10 गुना ज्यादा है। इंदौर में 5120 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 1000 सैंपल टेस्टिंग के लिए दिल्ली भेजे गए हैं।
489 टीम कर रही हैं सर्वे
कलेक्टर इंदौर ने बताया कि इंदौर में संक्रमित क्षेत्रों में कोरोना का गहन सर्वे कराया जा रहा है। इस कार्य में 489 टीम लगी हैं। अभी तक संक्रमित क्षेत्रों में 3.9 लाख व्यक्तियों का सर्वे हो गया है। पूरे शहर में कुल 12 से 13 लाख व्यक्तियों का सर्वे हो गया है। आगामी 7 दिन में 20 से 21 लाख व्यक्तियों का सर्वे कर लिया जाएगा।
राशन वितरण में ना हो विलंब
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलों को पर्याप्त मात्रा में उचित मूल्य राशन भिजवाया गया है। उन्होंने निर्देश दिये कि राशन के वितरण में विलंब नहीं होना चाहिए। यदि कहीं दुकान खोलने की स्थिति ना हो, तो घर-घर राशन बंटवाया जा सकता है। किसानों की सब्जियाँ एवं फल खराब ना हों, इसके लिए शहर के बाहर विकेन्द्रीकृत रूप से उनके फल एवं सब्जी खरीदकर सुरक्षात्मक रूप से वितरण की व्यवस्था की जा सकती है।
घर छोड़ा, तो अलर्ट आ जाएगा
पुलिस महानिरीक्षक इंदौर ने बताया कि यहां होम क्वॉरेंटाइन की निगरानी के लिए मैप आईटी के माध्यम से सिस्टम बनाया गया है। इसके अंतर्गत यदि कोई भी व्यक्ति, जो क्वॉरेंटाइन में है, अपना घर छोड़ता है, तो कंट्रोल रूम पर अलर्ट आ जाएगा। इंदौर जिले की सीमाएं तथा संक्रमित क्षेत्रों को पूरी तरह सील कर दिया गया है तथा 3 टियर नाकाबंदी की गई है।
इलाज के लिए थ्री-लेयर प्रोटोकॉल
संभाग आयुक्त इंदौर श्री आकाश त्रिपाठी ने बताया कि इंदौर में कोरोना के मरीजों को सर्वोत्तम इलाज की सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके लिए वहां डेडीकेटेड हॉस्पिटल में समस्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। चिकित्सकों द्वारा कोरोना के इलाज के लिए थ्री-लेयर प्रोटोकोल का उपयोग किया जा रहा है तथा मरीज अच्छे हो रहे हैं।
50 लाख का सुरक्षा कवच
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में कोरोना की लड़ाई में लगे हुए समस्त स्वास्थ्य कर्मी, पुलिसकर्मी तथा अन्य अमले के सुरक्षा कवच के रूप में सरकार ने 50 लाख रुपये की सहायता देने का निर्णय लिया है। यह सहायता किसी भी अनहोनी की स्थिति में संबंधित के परिवार को तुरंत प्रदाय की जाएगी।
खरगोन में 31 प्रकरण कोरोना पॉजिटिव
खरगोन जिले की समीक्षा में बताया गया कि वहां कोरोना के 31 प्रकरण पॉजिटिव आए हैं। जिले की सीमाओं को पूर्ण रूप से सील किया गया है। वहां किसी को नहीं आने-जाने दिया जा रहा। इसी के साथ, ड्रोन के माध्यम से निगरानी भी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसी भी कीमत पर संक्रमित क्षेत्रों से कोई भी व्यक्ति बाहर आए-जाए नहीं, यह सुनिश्चित किया जाए।
बड़वानी के 22 प्रकरणों में सेंधवा के 19
बड़वानी जिले की समीक्षा में बताया गया कि जिले में कुल 22 कोरोना के पॉजिटिव प्रकरण हैं, जिनमें 19 प्रकरण सेंधवा के हैं। इन क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुएँ और उचित मूल्य राशन का घर-घर वितरण करवाया जा रहा है। जिले के 26 में से 16 उपार्जन केंद्रों पर किसान समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने पहुँचे।
प्रभावी रूप से निगरानी करें 10 विशेष अधिकारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि जिन 10 अधिकारियों को कोरोना संबंधी कार्य के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों की मॉनिटरिंग का प्रभारी बनाया गया है, वे यह कार्य प्रभावी ढंग से करें। वे अपने जिलों की सतत निगरानी करें। साथ ही उन जिलों को आवश्यक मार्गदर्शन एवं मदद भी प्रदान करें। श्री चौहाने ने कहा कि अपने प्रभार के जिलों में कोरोना संबंधी सभी व्यवस्थाओं के लिए वे समन्वयक का कार्य करें।
सुनिश्चित करें बाहर के मजदूरों की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के मजदूर, जो दूसरे राज्यों में फंसे हैं, उनकी व्यवस्थाओं के लिए नियुक्त किए गए प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर उन्हें निर्देश दिए कि मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए वे मजदूर जहां रह रहे हैं, वहीं उनके खाने, रहने आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उनके नाम, मोबाइल नंबर, बैंक खाता आदि की जानकारी भी एकत्रित की जाए, जिससे उनके खाते में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रति मजदूर 1000 रुपये की राशि उनकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अंतरित की जा सके।