आनंद शर्मा बोले – जनता की आवाज दबाना संविधान पर चोट
नई दिल्ली। राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने सरकार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि जनता की आवाज दबाना संविधान पर चोट है।
आनंद शर्मा ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि विरोध करना और असहमति व्यक्त करना प्रजातंत्र का मूल है लेकिन सरकार इसे राष्ट्रद्रोह कह रही है। सरकार का विरोध भारत का विरोध बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता की आवाज को दबाने नहीं देगा। संविधान भारतीय नागरिकों को अभिव्यक्ति और असहमति का अधिकार देता है और कोई सरकार या व्यवस्था इसे समाप्त नहीं कर सकती।
नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार को अफगानिस्तान, बंगलादेश और नेपाल को बदनाम नहीं करना चाहिए। सरकार के रुख पर इन सभी देशों ने नाराजगी जाहिर की है। सरकार को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि सेना की उपलब्धियों को सरकार और भारतीय जनता पार्टी अपना बता रही है जबकि सेना भारत की है और तिरंगे के नीचे लड़ती है। सरकारें आती जाती रहती है लेकिन सेना वही है और देश की है।
आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार देश की वास्तविक समस्याओं से मुंह मोड़ रही है। राष्ट्रपति के अभिभाषण में अर्थव्यवस्था, भूखमरी और उद्योग की स्थिति का जिक्र नहीं है। उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भूखमरी और भ्रष्टाचार में भारत की वरीयता लगातार बढ़ रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की वरीयता में भारत के सुधार को मखौल बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें केवल दिल्ली और मुंबई ही शामिल हैं। देश के 90 प्रतिशत उद्योग धंधे इसमें शामिल नहीं किये गये हैं।
आनंद शर्मा ने कहा कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है और इसके घोषित उद्देश्य पूरे नहीं हो पायें। सरकार राजस्व के संकट का सामना कर रही है और इसलिए सरकारी उपक्रमों बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को सहमति से चलना चाहिए और सबको भरोसे में लेना चाहिए।