भोपाल । अमृत योजना में जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य नगरीय निकायों में, जहाँ प्रोजेक्ट में 60 प्रतिशत से कम प्रोग्रेस है, उसकी विस्तृत रिपोर्ट 7 दिन में दें। अगले सप्ताह उसकी फिर समीक्षा की जायेगी। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने यह निर्देश अमृत योजना (अटल मिशन फॉर रिज्युविनेशन एंड अर्बन ट्राँसफार्मेशन) के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये।
श्री सिंह ने कहा कि तारीख सहित जानकारी दें कि कौन सा प्रोजेक्ट कब पूरा होगा। उन्होंने कहा कि संचालनालय स्तर पर हर प्रोजेक्ट की सतत मॉनीटरिंग होनी चाहिए। संचालनालय स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं रहे। श्री सिंह ने अमृत योजना में 34 शहरों में चल रहे विभिन्न कार्यों की अलग-अलग समीक्षा की। अमृत योजना में जल प्रदाय, सीवेज, वर्षा जल निकासी, हरित क्षेत्र एवं पार्क विकास और शहरी परिवहन के कार्य करवाये जा रहे हैं। योजना में जून माह तक 199 परियोजनाएँ स्वीकृत की गयी हैं। इनमें से 99 पूरी हो चुकी हैं।
1080 सिटी बसें और चलेंगी
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि शहर के अंदर प्रदूषण मुक्त ट्रांसपोर्ट को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि अब आगे इंटर सिटी बसें नहीं बढ़ायी जायें, शहर के अंदर ही बसें योजनाबद्ध तरीके से चलायें, जिससे नागरिकों को सुविधाजनक ढंग से परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो।
बैठक में बताया गया कि भोपाल में 400, इंदौर में 400, जबलपुर में 200 और ग्वालियर में 80 बसें, इस तरह से कुल 1080 और बसों का संचालन किया जायेगा।
पीएम स्व-निधि योजना में लापरवाही पर सख्त कार्यवाही
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्व-निधि) योजना में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को दिये। उन्होंने कहा कि योजना में अभी हम देश में नंबर एक पर हैं और इसे आगे भी बरकरार रखना है। उन्होंने कहा कि पात्र स्ट्रीट वेंडर्स को जल्द 10 हजार का लोन दिलाया जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री नीतेश व्यास, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री निकुंज कुमार श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।