भोपाल । अनुसूचित-जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अनुसूचित-जाति वर्ग के विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि उनके बैंक खातों में समय पर पहुँचे, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग के लोगों के कल्याण की योजनाओं में धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जायेगा। सुश्री मीना सिंह आज मंत्रालय में हुई बैठक में अनुसूचित-जाति वर्ग की विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर रही थीं। बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती पल्लवी जैन गोविल भी मौजूद थीं।
अनुसूचित-जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कहा कि सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना में जिन चयनित युवाओं को मदद दी जा रही है, उन्हें यूपीएससी, पीएससी सेवा परीक्षा के अलावा अन्य शासकीय सेवाओं की परीक्षा में शामिल होने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति के संबंध में मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कहा कि जिन युवाओं को यह छात्रवृत्ति दी गई है, उन्हें उसके अनुरूप रोजगार मिले, यह भी सुनिश्चित किया जाये। बैठक में बताया गया कि पिछले वर्ष अनुसूचित-जाति वर्ग के 47 विद्यार्थियों का चयन विदेश में उच्च अध्ययन के लिये किया गया था। इस वर्ष 50 विद्यार्थियों को चयनित कर उच्च अध्ययन के लिये विदेश भेजे जाने के लिये प्रक्रिया की जा रही है। पिछले 2 वर्षों में विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति में 68 विद्यार्थियों को 14 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई गई है।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार योजना
बैठक में बताया गया कि अनुसूचित-जाति वर्ग के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को कक्षा-10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर डॉ. भीमराव अम्बेडकर पुरस्कार दिये जा रहे हैं। कक्षा-12वीं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र को 51 हजार और कक्षा 10वीं की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र को 30 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई।
आवासीय विद्यालयों का संचालन
प्रदेश के 10 संभागीय मुख्यालयों में ज्ञानोदय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इन विद्यालयों में अनुसूचित-जाति वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश दिये जाने की क्षमता को प्रति विद्यालय 280 से बढ़ाकर 640 किया गया है। विभाग की अनुसूचित-जाति बस्ती विकास योजना में पिछले वर्ष 755 कार्यों को स्वीकृति दी गई। इनमें से 522 कार्य पूर्ण कराये गये हैं और इन पर करीब 51 करोड़ की राशि खर्च की गई है। इस वर्ष 80 करोड़ रुपये की राशि अनुसूचित-जाति बस्ती के विकास पर खर्च की जायेगी। प्रमुख सचिव श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने बताया कि मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में पिछले वर्ष अनुसूचित-जाति वर्ग के 3602 हितग्राहियों को 150 करोड़ रुपये ऋण के रूप में दिये गये। इसके साथ ही करीब 43 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में चयनित युवाओं को अपना रोजगार शुरू करने के लिये उपलब्ध कराये गये।
आयुक्त, आदिम जाति कल्याण श्री बी. चन्द्रशेखर ने बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में इस वर्ष चयनित गाँव में 40 करोड़ रुपये पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, ग्रामीण सड़कों, कौशल विकास आदि पर खर्च किये गये हैं। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के क्रियान्वयन के लिये 51 जिलों में विशेष पुलिस थाने कार्य कर रहे हैं। विधि एवं विधायी कार्य विभाग के अंतर्गत 50 जिलों में विशेष न्यायालय कार्य कर रहे हैं। बैठक में निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की गई।