अतिवृष्टि एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया हवाई निरीक्षण

भोपाल । मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि के कारण कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति से निपटने और आमजन को सुरक्षित जगह पहुँचाने के लिये युद्ध स्तर पर राहत कार्य किये जा रहे है। राहत एवं बचाव कार्यों के लिये सीहोर में 2 हेलीकाप्टर और एनडीआरएफ की टीम, छिन्दवाड़ा में एक हेलीकाप्टर और एक सैनिक यूनिट कम्पनी तथा होशंगाबाद में भी एक सैनिक यूनिट कम्पनी पहुँच चुकी है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकाप्टर से जायजा भी लिया।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सुबह प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सभी संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों में प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर अतिवृष्टि एवं बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य शुरू कर दिये हैं। जिलों का मैदानी शासकीय अमला भी राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गया है।

बाढ़/अतिवृष्टि की जानकारी

क्र

जिले का नाम

बाढ़ राहत हेतु संचालित शिविरों की संख्या

राहत शिविरों में रखे गये व्यक्तियों की

1

छिंदवाड़ा

59

4563

2

बालाघाट

42

890

3

रायसेन

8

788

4

होशंगाबाद

26

970

5

सीहोर

18

860

6

विदिशा

5

275

7

देवास

3

532

8

सिवनी

9

430

कुल

170

9308

विगत 24 घंटों में 13 जिलों के 394 ग्रामों में लगभग 4777 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला गया है। छिन्दवाड़ा जिले में हवाई ऑपरेशन के माध्यम से 5 व्यक्तियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला गया। एक अन्य व्यक्ति के बचाव का ऑपरेशन जारी है। प्रभावित जिलों में 170 राहत शिविर संचालित हैं, जिनमें 9308 व्यक्तियों को ठहराया गया है।

होशंगाबाद : जिले में हो रही लगातार भारी बारिश और तवा, बारना एवं बरगी बांध से पानी छोड़े जाने से नर्मदा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से बाढ़ की स्थिति निर्मित हो रही है। बाढ़ आपदा नियंत्रण हेतु जिला प्रशासन की टीम पूरी तरह मुस्तैद है। जिले में निचली बस्तियों में जहां जलभराव की स्थिति निर्मित हो रही है वहां प्रशासन, पुलिस व होमगार्ड की टीम द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों/राहत पुनर्वास केंद्रों पर पहुंचाने का कार्य लगातार किया जा रहा है। होशंगाबाद शहर की निचली बस्ती मालाखेड़ी में जलभराव के कारण फंसे लोगो को मोटर बोट से एनडीआरएफ व होमगार्ड की टीम ने रेस्क्यू किया।

बचाव कार्य एवं प्रबंधन

अतिवृष्टि से उत्पन्न हुई स्थिति से निपटने के लिये राज्य में बचाव कार्यों के लिये 6300 होमगार्ड के जवान और 150 मोटरवोट विशेष रूप से तैनात हैं। सीहोर और होशंगाबाद के लिये एयरफोर्स के 2 हेलीकाप्टर कल सुबह पहुँच जायेंगे। छिंदवाड़ा में एयरफोर्स का तीसरा हेलीकाप्टर पहले से ही तैनात है। एनडीआरएफ की एक-एक टीम होशंगाबाद, सीहोर और नरसिंहपुर में लगी हुई है। बनारस से एक एनडीएफ की टीम और आ रही है। सभी जिलों में एसडीआरएफ की टीमें पहले से ही तैनात हैं और बचाव कार्य कर रही हैं। अलर्ट सेना के 20 स्तंभ रखे गये हैं। राज्य शासन की एक उच्च-स्तरीय बैठक में पुलिस एवं सेना के अधिकारियों द्वारा यह निर्णय लिया गया कि बांध के गेट खोलने और बाढ़ की स्थिति के बारे में रेलवे, जिला प्रशासन सहित सीमावर्ती राज्यों के जिलों के साथ जानकारी साझा की जाये।

जिले में निचली बस्तियों एवं तटीय इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई है। वहां पर प्रशासन, होमगार्ड, एनडीआरफ व एसडीआरएफ की टीम द्वारा लोगों को रेस्क्यू कर राहत पुनर्वास केंद्रों पर पहुंचाने का कार्य लगातार किया जा रहा है। होमगार्ड के 110 जवान एवं एसडीआरएफ के 28 जवानों की टीम द्वारा महिमा नगर से लगभग 400 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसी तरह विकासखंड बाबई के ग्राम बलाभेंट छोटा और बड़ा, चपलासर, पीलीकरार, कीरपुरा से लगभग 70 लोगों को, होशंगाबाद के ग्राम जासलपुर से 4 एवं जासलपुर टील से 14 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। भोपाल से आयी एनडीआरएफ के 30 जवानों की टीम द्वारा होशंगाबाद के ग्राम बांद्राभान, देवबसेरा, घानाबड, रामजीबाबा पर फंसे लगभग 80 लोगों को एवं होशंगाबाद के संजय नगर कॉलोनी में लगभग 20 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इटारसी के ग्राम पहानबर्री में डीआरसी केंद्र एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा लगभग 20 लोगों को रेस्क्यू किया गया। जिले में निचली बस्ती एवं तटीय इलाकों में राहत एवं बचाव का कार्य लगातार जारी है। साथ ही निचली बस्तियां एवं ग्रामों जहां जलभराव की स्थिति निर्मित हो रही है वहां के लोगों को नजदीकी राहत पुनर्वास केंद्र में त्वरित रूप से शिफ्ट किया जा रहा है। राहत पुनर्वास केंद्रों में राशन, बिजली स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा सुविधा आदि की समुचित व्यवस्था की गई है।

सीहोर : जिले के बुदनी विकासखण्ड के सोमलवाड़ा गाँव में बचाव एवं राहत के कार्य निरंतर जारी है। इस गाँव में एक व्यक्ति को एयर लिफ्ट किया गया। बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का कार्य  किया जा रहा है। अतिवृष्टि से निर्मित हुई स्थिति में संभाग आयुक्त श्री कवींद्र कियावत और आईजी श्री उपेंद्र जैन पानी से घिरे हुए गाँव में बोट से पहुँचे। गाँव में फंसे हुए सभी आमजनों को स्थिति सामान्य होने और प्रशासन द्वारा हर संभव मदद उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया। अतिवृष्टि और जलभराव की स्थितियों का जायजा लेने संभागायुक्त सुबह से पूरे संभाग के भ्रमण पर है।  

 संभागायुक्त श्री कियावत और आई जी भोपाल श्री उपेन्द्र जैन कई नदी नाले पार कर इस गांव तक पहुँचे। लगभग 250 आबादी वाला गाँव पूरी तरह पानी से घिरा हुआ है। पुलिस, होमगार्डस और स्थानीय प्रशासन ग्रामीणों को नाव से निकालने के लगातार प्रयास कर रहे है। नाव और गोताखोर बचाव कार्य मे लगे हुए है प्रशासन द्वारा भोजन सहित हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है।

विदिशा : ग्राम कुंआखेड़ी का आश्रित मजरा उस्नापुर में नेवन नदी में आई बाढ़ के कारण लगभग 250 लोग पानी में फंस गये, जिन्हें जिला एवं पुलिस ने होमगार्ड की सहायता से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थलों पर लाया गया।

नरसिंहपुर : तहसील साईंखेड़ा के ग्राम बमोरी में रेस्क्यू टीम द्वारा 23 लोगों को नांवों के माध्यम से सुरक्षित बाहर निकाला। इसी प्रकार ग्राम बगदरा में बाढ़ में फंसे करीब 200 लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित निकला गया। ग्राम सांगई और चिरहकलां से करीब 50 लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। बाढ़ के कारण पेड़ों और मकानों की छतों से भी लोगों को रेस्क्यू किया। ग्राम कीरटोला, कड़ियाटोला सहित शक्कर नदी के निचले इलाके के गाँवों में राहत और बचाव के कार्य किये गये। प्रभावित लोगों के लिये राहत शिविर लगाकर भोजन, पेयजल एवं आवास की समुचित व्यवस्था की गई।

छिन्दवाड़ा : जिले में अतिवृष्टि के कारण जल भराव से जो क्षेत्र प्रभावित हुए वहाँ प्रशासन एवं एनडीआरएफ की टीम ने सक्रियता से राहत एवं बचाव कार्य किये। ग्राम बेलखेड़ा में 150 लोगों को सुरक्षित कैम्प पहुँचाया गया। बाढ़ में फँसे मधु कहार को हेलीकाप्टर से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया।

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