मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की प्रधानमंत्री से 45
मिनिट चर्चा ; बाढ़ से हुए नुकसान का ज्ञापन सौंपा
9000 करोड़ की मदद की मांग की
मध्यप्रदेश में वर्षा से हुई भारी तबाही को गंभीर आपदा की श्रेणी में
रखा जाए
भोपाल,
4 अक्टूबर 2019 ( एमपीपोस्ट ) । मध्यप्रदेश केमुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर
प्रदेश में अति-वृष्टि के कारण किसानों की फसलों को हुए भारी नुकसान का
ज्ञापन सौंपा। श्री कमल नाथ ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे पुन:
केन्द्रीय अध्ययन दल प्रदेश में भेजें, जिससे क्षति का वास्तविक आकलन
हो सके। उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रदेश में वर्षा के कारण हुई भारी
तबाही को गंभीर आपदा की श्रेणी में रखने की माँग की।
केन्द्र तत्काल जारी करे 9 हजार करोड़ की सहायता
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से एनडीआरएफ से अधोसंरचना पुनर्निर्माण के
लिए लगभग 9 हजार करोड़ रुपये की मदद देने का आग्रह किया, जिससे किसानों
और आम लोगों को हुए नुकसान की तुरंत भरपाई की जा सके।
मध्यप्रदेश में खरीफ फसलों को हुए नुकसान से पूरा देश प्रभावित
श्री कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर खरीफ फसलों को जो
क्षति पहुँची है, उससे पूरा देश प्रभावित होगा क्योंकि मध्यप्रदेश में
उत्पादित फसलें पूरे देश की जरूरत पूरी करती हैं। उन्होंने कहा कि
अति-वृष्टि और बाढ़ के कारण प्रदेश को 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक का
नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री
कमल नाथ को मदद देने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से लगभग
45 मिनिट तक चर्चा हुई। उन्होंने राज्य में भारी वर्षा के कारण हुई
तबाही से किसानों, मकानों, भवनों तथा अन्य क्षति की जानकारी से
प्रधानमंत्री को अवगत कराया। श्री कमल नाथ ने प्रधानमंत्री को बताया कि
राज्य में अब तक सामान्य से 46 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। राज्य के 52
जिलों में से 20 जिलों में सामान्य से अधिक 60 प्रतिशत वर्षा हुई है।
उन्होंने बताया कि मालवा क्षेत्र के मंदसौर, नीमच और आगर-मालवा
अत्याधिक वर्षा के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। धान को छोड़कर सभी
फसलें प्रभावित हुई हैं। लगभग एक लाख मकानों को नुकसान पहुँचा है। श्री
कमल नाथ ने प्रधानमंत्री को बताया कि अति-वृष्टि के कारण 242 गाँवों को
पूर्ण अथवा आंशिक रूप से खाली कराया गया। लगभग 1100 किलोमीटर सड़क मार्ग
और 1700 से अधिक पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार, भारत सरकार और विभिन्न एजेंसियों
की मदद से 75 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों
में पहुँचाया गया। सभी प्रभावितों की रहने, खाने, कपड़ों, दवाई आदि की
व्यवस्था की गई। इसमें स्वयंसेवी संगठनों ने भी सरकार की मदद की है।
केन्द्रीय अध्ययन दल दोबारा करे प्रदेश का दौरा
श्री कमल नाथ ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि पूर्व में केन्द्रीय
अध्ययन दल आने के बाद से प्रदेश में अब तक बारिश का दौर जारी है। इसलिए
एक बार फिर से नुकसान का सर्वे करवाया जाए, जिससे जो क्षति हुई, उसका
वास्तविक आकलन किया जा सके। उन्होंने राष्ट्रीय राहत कोष (एनडीआरएफ) से
6621.28 करोड़ रुपये और अधोसंरचना पुनर्निर्माण के लिए 2285.88 करोड़
रुपये तत्काल उपलब्ध करवाने को कहा, जिससे किसानों और अन्य प्रभावितों
को तत्काल मदद दी जा सके।
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