सभी विश्वविद्यालय होंगे डिजिटल ; अनिवार्य होगी
नैक ग्रेडिंग : राज्यपाल श्री टंडन
भोपाल,
30 सितंबर 2019 ( एमपीपोस्ट ) । मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री लालजी
टंडन ने आज राजभवन में विश्वविद्यालयों की 97वीं राज्य स्तरीय समन्वय
समिति की बैठक ली। श्री टंडन ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के
क्षेत्र में नई व्यवस्था का प्रारंभ हो रहा है। इसमें जिम्मेदारियों का
सफलतापूर्वक पालन करने वाले पुरस्कृत होंगे और जिम्मेदारियों की उपेक्षा
करने वाले दण्ड के भागी होंगे। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था
में राज्यपाल से लेकर द्वारपाल तक सभी पदों की जिम्मेदारी निर्धारित
है। जिम्मेदारी का पालन नहीं करना असफलता है। राज्यपाल ने साफ शब्दों
में कहा कि हर स्तर पर जवाबदारी के साथ कार्य की मॉनीटरिंग होगी।
परिणाम नहीं देने वालों को सहन नहीं किया जायेगा।
सभी विश्वविद्यालय होंगे डिजिटल
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में इंटीग्रेटेड
मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। शीघ्र ही सभी विश्वविद्यालय और
महाविद्यालय डिजिटल हो जायेंगे। जानकारी दी गई कि आगामी 6 माह में
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में यह व्यवस्था लागू कर
दी जाएगी।
नैक ग्रेडिंग अनिवार्य
राज्यपाल ने कहा कि बदलती परिस्थितियों में केवल उन्हीं शिक्षा संस्थानों
का भविष्य है, जो नैक ग्रेडिंग प्राप्त होंगे। उन्होंने सचेत किया कि
अनिवार्य रूप से शिक्षा संस्थान नैक ग्रेडिंग प्राप्त करें। अभी इस
कार्य में उन्हें नैक का सहयोग भी दिलाया जा सकेगा। बाद में यह और अधिक
कठिन हो जायेगा। भविष्य में नैक ग्रेडिंग के बिना उच्च शिक्षण संस्थान
का संचालन संभव नहीं होगा।
न्यूनतम मूलभूत सुविधाओं का सर्वेक्षण करें विश्वविद्यालय
राज्यपाल ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शैक्षणिक पर्यावरण
आवश्यक है। पुस्तकालय, प्रयोगशाला, शैक्षणिक कैलेण्डर, हराभरा परिसर,
शौचालय और स्वच्छता आदि मूलभूत व्यवस्थाएँ संस्थान में होना आवश्यक है।
उन्होंने निर्देश दिये कि सभी विश्वविद्यालय सर्वेक्षण कराकर मूलभूत
सुविधाओं की पूर्ति करें।
राजभवन से होगी मानीटरिंग
श्री लालजी टंडन ने बैठक के निर्णयों के समयबद्ध पालन पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि कुलपति हर स्तर पर जवाबदारी के साथ कार्य व्यवस्था का
निर्माण करें। परिणाम नहीं मिलने पर उत्तरदायी के विरूद्ध कठोर
कार्रवाई की जायेगी। राजभवन द्वारा इसकी गहन मानीटरिंग भी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि परिणाम पहले दिन से ही दिखना चाहिये।
निजी और शासकीय विश्वविद्यालयों को समान रूप से करना होगा नई शिक्षा
नीति का पालन
राज्यपाल ने कहा कि शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति
का पालन अनिवार्यत: समान रूप से करना होगा। नीति निर्धारण वैश्विक
परिवर्तन और राष्ट्र की अपेक्षाओं के अनुरूप चिंतन के आधार पर किया जा
रहा है।
रोड मेप बनाने के निर्देश
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को बदलते परिवेश के अनुसार क्या
करना है, इसका नक्शा तैयार करें। जो परिवर्तन किये जाने हैं, उसका रोड
मेप बनाया जाये। व्यवस्थागत परिवर्तनों के साथ ही अनुशासन, नैतिकता,
शिक्षा का स्तर और परिसर पर्यावरण के लिये आवश्यक कार्य चिन्हित कर उसका
क्रियान्वयन करें।
जीने की कला सिखाना विश्वविद्यालय का दायित्व
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय भविष्य के नागरिक तैयार करते हैं।
इसलिए यह आवश्यक है कि विद्यार्थियों को सामाजिक दायित्वों और समस्याओं
का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए परिसर में ही तैयार कर दिया जाये।
स्वच्छता, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण आदि के संस्कार
छात्र-छात्रों के व्यवहार में शामिल हों, ऐसी व्यवस्थाएँ की जायें।
उन्होंने कहा कि ग्राम विकास की अनेक योजनायें संचालित हैं। इनके
अन्तर्गत विश्वविद्यालय गांव को गोद लें। शिक्षक गांव में काम करने के
लिए छात्र-छात्राओं को प्रेरित करें।
गांधी के नाम पर पीठ
राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा में शोध और अनुसंधान की व्यवस्था
आवश्यक है। उन्होंने गांधी जी के नाम पर शोध पीठ की स्थापना करने की
जरूरत बतायी।
निर्णयों की उपेक्षा कुलाधिपति की अवमानना
श्री लालजी टंडन ने कहा कि बैठक में कुलपतियों की सहभागिता से निर्णय
हुए हैं। उन्हें क्रियान्वित करने का समयबद्ध कार्यक्रम बनाया गया है।
इसमें विलंब को गंभीरता से लिया जायेगा। पालन में लापरवाही को कुलाधिपति
की अवमानना का दोषी मानकर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
उत्कृष्ट कार्यों के लिए चांसलर मेडल
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन द्वारा अच्छा कार्य करने वालों को
प्रोत्साहित और प्रेरित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि उत्कृष्ट कार्य
करने वाले छात्र, कर्मचारी, शिक्षक, कुलपति को चांसलर मेडल से सम्मानित
किया जायेगा।
भ्रष्टाचार अक्षम्य अपराध
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में भ्रष्टाचार अक्षम्य अपराध है।
गोपनीयता आदि किसी भी नाम पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा।
भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही होगी।
परीक्षा कार्य में उदासीनता वाले होंगे ब्लैक लिस्ट
राज्यपाल ने कहा कि परीक्षा कार्य विश्वविद्यालय की मौलिक जिम्मेदारी
है। परीक्षा कार्य विश्वविद्यालय के प्रत्येक कर्मचारी और प्राध्यापक
का दायित्व है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में असहयोग करने वालों को
ब्लैक लिस्ट कर कुलपति द्वारा कार्रवाई की जाये।
लंबित परीक्षा परिणाम 15 दिन में घोषित होंगे
राज्यपाल श्री टंडन ने विश्वविद्यालयों में परीक्षा परिणामों के लम्बित
होने पर नाराजगी व्यक्त की। बैठक में बताया गया कि सभी विश्वविद्यालय
आगामी 15 दिन में लंबित परीक्षा परिणाम अनिवार्यत: घोषित कर देंगे।
पेंशन की असमानताओं को दूर किया जाये
राज्यपाल ने कहा कि सेवानिवृत्ति के 6 माह पूर्व कर्मचारी की पेंशन
संबंधी कार्यवाही प्रारंभ कर उसे सेवानिवृत्ति के साथ ही समस्त स्वत्वों
का भुगतान किया जाये। उन्होंने पेंशन संबंधी असमानताओं को भी दूर करने
के निर्देश दिये।
नये सत्र में होगा नया पाठ्यक्रम
राज्यपाल ने कहा कि डिग्रीधारी विश्वविद्यालय के बाहर रोजगार के लिए
भटके नहीं, इसके लिए उन्हें हुनरमंद बनाना आवश्यक है। रोजगार मूलक
व्यवस्थाएँ पाठ्यक्रमों में शामिल करने के लिए आवश्यक संशोधन किये जाने
चाहिये। पाठ्यक्रम संशोधन का कार्य वर्तमान सत्र में पूर्ण कर लिया जाये।
नये सत्र में प्रवेश, नये पाठ्यक्रम के अनुसार हो।
वित्तीय अनुशासन अनिवार्य
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी आवश्यकताओं के लिए धन का
संग्रहण करें। धन का संचयन करना उचित नहीं है। उन्होंने विश्वविद्यालयों
को नियमित ऑडिट कराने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया है कि
विश्वविद्यालयों की ऑडिट कंडिका का निराकरण कराने के लिए उच्च शिक्षा
विभाग के अन्तर्गत शिविर लगाकर कार्यवाही की जा रही है।
रिक्त पदों की पूर्ति की पारदर्शी व्यवस्था
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति का
कार्य पारदर्शिता के साथ किया जाये। पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति का चयन
हो। उन्होंने चयन समिति में नैक और यू.जी.सी. के प्रतिनिधियों को शामिल
किये जाने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि पूर्व से कार्यरत व्यक्ति
को ग्रेस अंक दिया जा सकता है लेकिन अनुपयुक्त व्यक्ति की नियुक्ति नहीं
हो, यह सुनिश्चित किया जाये।
जल और ऊर्जा संरक्षण के मॉडल बनें विश्वविद्यालय
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति
स्वयं ऊर्जा उत्पादन से करें। जल आवश्यकताओं की भी पूर्ति स्वयं करें।
विश्वविद्यालय का कचरा भी विश्वविद्यालय में निष्पादित हो, ऐसी व्यवस्था
की जानी चाहिये।
शैक्षणिक कैलेण्डर से चलेगा आगामी सत्र
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि शैक्षणिक कैलेण्डर का पालन नहीं होना
विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इसे किसी भी हालत में
बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने प्रवेश परीक्षा और परिणाम के
कार्य तय समय-सीमा में सम्पन्न करने और ऑनलाइन प्रमाण-पत्र तथा अंकसूची
वितरण की व्यवस्था किये जाने पर बल दिया। राज्यपाल ने इसके लिए उच्च
शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित कर आवश्यक सुधार करने के
निर्देश दिये।
|