15 अक्टूबर तक सभी बाढ़ प्रभावितों को मुआवजा
वितरित होगा- मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
30 हजार रुपए तक प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा प्रभावित किसानों को
पीड़ितों के पास मदद के लिए सरकार जाएगी
केंद्र से मदद नहीं मिली तो हम अपने बजट में कटौती कर राहत पहुँचाएंगे
संकट की घड़ी में सरकार पीड़ितों के साथ
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने नीमच जिले के बाढ़ प्रभावित ग्राम रामपुरा
के लोगों से राहत शिविरों में की मुलाकात
भोपाल,
23 सितंबर 2019 ( एमपीपोस्ट ) । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल
नाथ ने कहा है कि 15 अक्टूबर तक सभी बाढ़ प्रभावितों को मुआवजा वितरित
कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुआवजे के लिए पहले के समान भटकना नहीं
पड़ेगा। सरकार पीड़ितों के पास जाएगी, उन्हें सरकार के पास नहीं जाना
पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ के कारण पूरी
तरह नष्ट हो गई हैं उन्हें आरबीसी 6(4) के प्रावधानों के तहत 8 हजार से
लेकर 30 हजार रुपए तक की प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने
कहा कि केन्द्र सरकार मदद नहीं देगी तो सरकार अपने बजट में कटौती कर
बाढ़ प्रभावितों की मदद करेगी। श्री नाथ आज अतिवृष्टि से सर्वाधिक
प्रभावित नीमच जिले के ग्राम रामपुरा में बाढ़ राहत शिविर में बाढ़
प्रभावितों से चर्चा कर रहे थे।
22 सितम्बर से राहत प्रारंभ 15 अक्टूबर तक सभी को मिलेगी राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि मालवा, निमाड़, नीमच मंदसौर क्षेत्र में इस बार
इतिहास में सर्वाधिक भारी बारिश हुई है। इससे जो नुकसान हुआ है वह भी
बड़ा है हम इसका आकलन कर रहे है लेकिन सरकार केन्द्र की मदद का इंतजार
किए बिना राहत देने का काम 22 सितम्बर से शुरु कर दिया है और अगले 15
अक्टूबर तक हर प्रभावितों को मदद दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि
सरकार आपके साथ है आपके दु:ख दर्द पीड़ा और समस्या के साथ साझी है।
उन्होंने बताया कि बाढ़ की वीभीषिका के दौरान वे हर घंटे की स्थिति कि
जानकारी ले रहे थे और जिला प्रशासन से निरंतर संपर्क में थे।
8 हजार से लेकर 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा दिया जाएगा, बीज
भी दिया जाएगा
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने नीमच जिले के बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात
के दौरान चर्चा में कहा कि सरकार ने प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान
से लोगों को राहत पहुँचाने के लिए भारत सरकार से मदद देने की माँग की
है लेकिन हमें वहाँ से कोई मदद मिले या न मिले भले ही बजट में कटौती
करना पड़े हम किसानों और बाढ़ प्रभावितों को पूरी मदद देंगे। उन्होंने कहा
कि सोयाबीन, मूंग, उड़द और सब्जियों की फसल को जो नुकसान पहुँचा है उसमें
भी सरकार पूरी मदद देगी। श्री नाथ ने बताया कि आरबीसी 6(4) के प्रावधानों
के अनुसार 2 हेक्टेयर कम भूमि वाले और 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले
किसानों की सिंचित/असिंचित भूमि में 33 से 50 प्रतिशत फसल की क्षति होने
पर आठ हजार रुपए प्रति हेक्टेयर से लेकर 26 हजार रुपए प्रति हेक्टयर
मुआवजा दिया जाएगा। इसी तरह 50 प्रतिशत से अधिक फसल की क्षति होने पर
विभिन्न फसलों के लिए 16 रुपए प्रति हेक्टेयर से लेकर 30 रुपए प्रति
हेक्टेयर का मुआवजा दिया जाएगा। सभी प्रभावित किसानों के खातों में 15
अक्टूबर तक राशि पहुँच जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन किसानों का
पानी भर जाने के कारण गेहूँ, चना, सरसों, मटर, मसूर, अलसी आदि के बीजों
को भंडारण खराब हो गया है ऐसे किसानों को आगामी रबी फसल के लिए उच्च
गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवाएँ जाएंगे।
प्रभावितों के बिजली बिलों को सरकार चुकाएगी
मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ की विपदा से प्रभावित लोगों को बिजली बिलों
में राहत दी जाएगी। नया सवेरा योजना के पात्र परिवारों के 3 माह के
बिजली बिलों को माफ किया जाएगा। उनके 300 रुपए के बिजली बिलों को सरकार
चुकाएगी। जो लोग नया सवेरा योजना में पात्र नहीं होंगे ऐसे प्रभावितों
के प्रति परिवार बिजली बिल में 1000 रुपए की राशि सरकार देगी जो उनके
खाते में पहुँचेगी।
बच्चों को दी जाएगी कॉपी-किताबें
बाढ़ के कारण हमारे बच्चे भी प्रभावित हुए है उनके पढ़ने की कॉपी-किताबें
भी पानी के कारण नष्ट हो गई है ऐसे सभी बच्चों को नई कॉपी-किताबें
सरकार उपलब्ध करवाएगी।
सड़कों, पुलों के मरम्मत कार्य प्राथमिकता पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों, पुलों और बिजली की व्यवस्थाएँ भी
प्रभावित हुई है। इन सभी विभागों को तत्काल मरम्मत कार्य शुरू करने के
निर्देश दिए है। सड़कों और पुलों की मरम्मत कार्य को प्राथमिकता पर लिया
गया है। ऐसे पुल जिनके कारण आवागमन रूका है उसके लिए तत्काल वैकल्पिक
व्यवस्था करके यातायात शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
नि:शुल्क राशन अगले छ: माह तक दिया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण हजारों परिवार का घर में संग्रहित
राशन खराब हो गया उनके सामने राशन का संकट है इसके लिए सभी बाढ़ पीड़ित
परिवारों को 50 किलो अनाज उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए है। यह राशन
लोगों तक पहुँच गया है। इसी तरह अगले छ: माह तक ऐसे परिवारों को 5 किलो
प्रति सदस्य के मान से खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जाएगा।
क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 1 लाख रुपए तक की सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि अति-वृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए
प्रति मकान एक लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। इसमें 5 हजार रुपए कपड़े आदि
के नष्ट होने का मुआवजा भी शामिल है। जिन लोगों के मकान पूरी तरह नष्ट
हो गए है उनको मुख्यमंत्री आवास योजना में शामिल कर मकान बनाने के लिए
डेढ़ लाख रुपए तक की राशि सरकार उपलब्ध करवाएगी।
पशु हानि पर 3 हजार से 30 हजार तक की मदद, पोस्टमार्टम जरूरी नहीं होगा
श्री नाथ ने कहा कि बाढ़ के दौरान बड़े पैमाने पर पशुओं की मृत्यु हुई
है। पशु मालिकों को राहत राशि दी जाएगी। गाय, भैंस, ऊँट इत्यादि की हानि
पर 30 हजार रुपए तक और भेड़-बकरी की हानि होने पर 3 हजार रुपए प्रति पशु
दिए जाएंगे। इसके अलावा गैरजुझारु पशु और गाय, भैंस की हानि के लिए भी
सहायता राशि दी जाएगी। पशुओं की हानि होने पर नियमानुसार पोस्टमार्टम
किया जाना आवश्यक है परंतु बाढ़ में कई किसानों के पशु बह गए है जिनका
पोस्ट मार्टम व्यवाहरिक रूप से किया जाना संभव नहीं है। इसलिए सरकार ने
निर्णय लिया गया है कि पशुक्षति पर राहत राशि पंचनामा के आधार पर ही दी
जाएगी।
50 हजार के ऋण माफ, 2 लाख तक के ऋण 15 अक्टूबर तक होंगे माफ
मुख्यमंत्री ने बताया कि नीमच जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना में
18 हजार 158 किसनों के 178 करोड़ से अधिक के ऋण माफ किए गए है। ऋण माफी
योजना में 50 हजार तक के ऋण माफी की सीमा को दो लाख रुपए तक बढ़ा दिया
गया है। यह ऋण अगले 15 अक्टूबर तक माफ कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने
बताया कि नीमच जिले में 54 हजार 361 किसानों का बीमा किया गया है। इन्हें
बीमा की दावा राशि दिलवाई जाए।
मुख्यमंत्री ने संकट के समय में स्थानीय नागरिकों, स्वयंसेवी संस्थाओं
और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पीड़ितों की मदद और उन्हें राहत पहुँचाने
का जो काम किया उसकी उन्होंने सराहना की।
मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन एवं प्रभारी मंत्री श्री हुकुम सिंह कराड़ा,
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्धन सिंह, विधायक श्री हरदीप
सिंह डंग और पूर्व सांसद सुश्री मीनाक्षी नटराजन उपस्थित थीं।
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