मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रयासों की
सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन एकानामी की रिपोर्ट गवाही दे रही
मैग्नीफिसेंट एमपी 2019- उभरता प्रदेश-खुशहाल निवेश
भोपाल,
16 अक्टूबर 2019 ( एमपीपोस्ट ) । मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के
उपाध्यक्ष अभय दुबे ने बुधवार 16 अक्टूबर 2019 को भोपाल में पत्रकार
वार्ता के माध्यम से बताया है कि मध्यप्रदेश की जनता यशस्वी मुख्यमंत्री
श्री कमलनाथ जी के प्रदेश के विकास के प्रयासों से अभिभूत है। आज जहां
समूचा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग जगत जब मध्यप्रदेश में निवेश
के लिए आतुर नजर आ रहा है, तब भारतीय अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाली
सबसे प्रतिष्ठित संस्था सेंटर फाॅर माॅनिटरिंग इंडियन एकानाॅमी की
रिपोर्ट मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ द्वारा प्रदेश की प्रगति
के लिए उठाये गये कदमों की गवाही दे रही है।
बढ़ते रोजगार के अवसर
मध्यप्रदेश के लिए बेहद उत्साहवर्धक रिपोर्ट सेंटर फाॅर माॅनिटरिंग
इंडियन एकानाॅमी ने अक्टूबर 2019 में जारी करते हुए बताया है कि
मध्यप्रदेश में दिसम्बर 2018 के बाद लगातार बेरोजगारी में कमी आ रही
है। एक ओर जहां पूरे देश में और देश के बडे़ राज्यों में बेरोजगारी बढ़
रही है, वहीं मध्यप्रदेश में माह-दर-माह बेरोजगारी का कम होना प्रदेश
की प्रगति का सूचक है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां दिसम्बर 2018 में मध्यप्रदेश की
बेरोजगारी दर 7 प्रतिशत थी, वह फरवरी 2019 में घटकर 4.8 प्रतिशत रह गयी
है और सितम्बर माह में 4.2 प्रतिशत हो गई। जहां देश की बेरोजगारी दर
सितम्बर 2019 में 7 प्रतिशत है, गुजरात की 6.2 प्रतिशत है, हरियाणा की
20.3 प्रतिशत है, हिमाचल की 15.6 प्रतिशत है, झारखंड की 10.9 प्रतिशत
है, दिल्ली की 20.4 प्रतिशत है, उत्तरप्रदेश की 8.2 प्रतिशत है। अर्थात
यह बात साफ है कि देश के और दूसरे बड़े राज्यों की अपेक्षा मध्यप्रदेश
अपेक्षाकृत प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इतना ही नहीं लेबर पार्टीसिपेशन रेट में भी लगातार वृद्धि हो रही है।
मई 2019 में एलपीआर 38.26 प्रतिशत था, जो अगस्त में बढ़कर 41.06 प्रतिशत
हो गया।
निवेश को आकर्षित करता मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी की साफ मान्यता है कि
औद्योगिक निवेश मांगने से नहीं आता है उसे आकर्षित करना होता है।
मध्यप्रदेश बीते दस माह में उद्योग जगत के लिए बडे़ आकर्षण का केंद्र
बना है। अब तक प्रदेश में 30 हजार करोड़ रूपयों का निवेश आ भी चुका है।
हम गर्व से कह सकते हैं कि मध्यप्रदेश का पीथमपुर बीते दस माह में देश
का सबसे बड़ा फार्मा हब बन गया है। हमें यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि
भारत सरकार के जारी आंकड़ों के अनुसार बीते नौ माह में फार्मा इंडस्ट्री
का मप्र से 10 हजार करोड़ रूपये का एक्सपोर्ट हुआ है।
सिपला फार्मा ने 600 करोड़ रूपये के निवेश की बुनियाद पीथमपुर में रखी
है। मप्र में जो बड़े निवेशक आये हैं, उनमें अजंता फार्मा ने 500 करोड़
का निवेश किया है, न्यूजर्सी की कंपनी पार फार्मा ने 400 करोड़ का निवेश
किया है। मेक्लाॅईड ने 400 करोड रूपये का निवेश किया है।
इसी प्रकार श्रीराम डीसीएम गु्रप ने 600 करोड़ रूपये, इंडिया सीमेंट
1800 करोड़ रूपये, एचईजी ग्रफाईट 1400 करोड़ रूपये, रालसन टाॅयर 1700
करोड़, पी एंड जी ने 500 करोड़, सद्गुरू सीमेंट 250 करोड़, कृष्णा फास्फेट
300 करोड़ इत्यादि कई कंपनियों ने मप्र में बीते नौ माहों में बड़ा निवेश
किया है।
मप्र के यशस्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने औद्योगिक निवेश को तीन भागों
में विभाजित कर उनकी अलग-अलग नीतियों का निर्धारण किया है।
पहली-एमप्लाईमेंट इंडस्ट्रीज जो रोजगार अधिक सृजित करती है।
दूसरी-केपिटल इंडस्ट्रीज, जिनमें बड़ा निवेश हो रहा है और तीसरी-सनराॅईस
इंडस्ट्रीज, जिनमें आॅर्टिफीशियल इंटेलीजेंस इंडस्ट्रीज होंगी। इसी
प्रकार मप्र की टूरिज्म पाॅलिसी, हेल्थ टूरिज्म पाॅलिसी और आईटी पाॅलिसी
अलग-अलग निर्धारित की गई है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने
लैंड पूलिंग पाॅलिसी बनायी है, जिसमें किसानांे को स्टेक होल्डर बनाया
गया है।
मप्र में 20 हजार एकड़ का इंडस्ट्रीयल जोन बनाया जायेगा, जो
भोपाल-देवास-इंदौर पर बनने वाले काॅरिडोर पर होगा। जो आने वाले 25 वर्षों
तक मप्र की औद्योगिक आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति करेगा। वहीं पीथमपुर
में 1200 एकड़ का इंडस्ट्रीयल पार्क बनकर तैयार है।
मध्यप्रदेश में निवेश क्यों:-
मध्यप्रदेश क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है।
मध्यप्रदेश एक मात्र राज्य है जो हीरा उत्पादित करता है। मध्यप्रदेश
में एशिया का सबसे मोटी कोल परत पायी जाती है। मध्यप्रदेश में स्किल्ड
मेन पाॅवर की उपलब्धता बहुत अधिक है, लगभग एक लाख इंजीनियर ग्रेज्यूट
होकर हर साल निकलते हैं। उद्योग जगत के लिए 900 एमसीएम पानी की पृथक से
उपलब्धता है। मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है, जिससे लगे हुए राज्यों की
कुल आबादी देश की 50 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश देश में सोयाबीन, चना,
लहसुन और दालें उत्पादित करने वाला देश का पहला नंबर का राज्य है।
वहीं गेहूं उत्पादन, मक्का, प्याज इत्यादि में दूसरे नंबर पर है।
फ्लोरीकल्चर के उत्पादन में देश में तीसरे नंबर पर है। भारत की कुल
जैविक खेती में से 40 प्रतिशत का योगदान मध्यप्रदेश का है।
मध्यप्रदेश से 425 टेªन गुजरती हैं औंर 20 से 25 बड़े रेल्वे जक्शन हैं।
पांच कामर्शियल एयरपोर्ट हैं जिनमें लगभग 100 से अधिक फ्लाईट आपरेट होती
हैं। इंटरनेशनल एयरकार्गो फैसलिटी इंदौर हवाई अड्डे पर उपलब्ध है। छह
इन-लैड़ कंटेनर डिपो हैं। ईस्ट-वेस्ट और नार्थ-साउथ काॅरिडोर मध्यप्रदेश
से होकर गुजरता है। इंदौर और भोपाल देश के सर्वाधिक स्वच्छ शहरों में
शुमार किये जाते हैं। देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान मध्यप्रदेश
में उपलब्ध हैं। जैसे एम्स भोपाल, एनआईडी भोपाल, एनएलआईयू भोपाल,
आईआईटीएम ग्वालियर, सीआईपीईटी भोपाल इत्यादि। इंदौर देश का एक मात्र ऐसा
शहर है, जहां आईआईटी और आईआईएम स्थापित किये गये हैं।
मध्यप्रदेश में विद्युत की उपलब्धता:-
मध्यप्रदेश की विद्युत उपलब्ध क्षमता 20408 मेगावाॅट है, मध्यप्रदेश के
सभी उद्योगों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है। कमलनाथ सरकार आने
के बाद इस क्षेत्र में विशेष रूप से ध्यान दिया गया है। आठ अति उच्च
दाब उपकेंद्र स्थापित किये गये हैं, अति उच्च दाब लाईनें 1342 सर्किट
किलोमीटर स्थापित की गई है, 23 केबी की 1233 किलोमीटर की और 11 केबी की
28408 किलोमीटर की लाईनें स्थापित की गई हैं, 33/11 किलोवाॅट के 90 नये
उपकेंद्र स्थापित किये गये हैं। कांगे्रस सरकार बनने के बाद ट्रांसमीशन
लाॅसेस मात्र 2.71 प्रतिशत रह गये हैं। जनवरी 2019 से अगस्त तक की अवधि
में कुल 5096 करोड़ यूनिट विद्युत प्रदाय की गई है, जो पिछले वर्ष की
तुलना में 572 करोड़ यूनिट अधिक है।
मध्यप्रदेश में अधोसंरचना विकास:-
मध्यप्रदेश में 8858 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग है, 11389
किलोमीटर का राज्य राजमार्ग है, 22129 किलोमीटर मुख्य जिला मार्ग है,
ग्रामीण एवं अन्य जिला मार्ग 28623 किलोमीटर है। यशस्वी मुख्यमंत्री
श्री कमलनाथ जी ने 2019-20 की अवधि के लिए 3000 किलोमीटर के मार्गों का
नवीनीकरण, 352 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण, जिसकी
लागत 1839 करोड़ रूपये है, 2000 किलोमीटर नयी सड़कों का निर्माण, जिसकी
लागत 1957 करोड़ रूपये है। इसी प्रकार अगले पांच वर्षों के लिए बड़े और
छोटे कुल 400 पुलों का निर्माण, जिनकी लागत 2000 करोड़ रूपये आयेगी, 55
ओवर ब्रिज जिनकी लागत 1600 करोड़ रूपये है, 17 बडे़ फ्लाई ओवर ब्रिज,
जिनकी लागत 1940 करोड रूपये का लक्ष्य निर्धारित कर अधोसंरचना विकास के
लिए बड़ा कदम उठाया है।
मध्यप्रदेश में निवेश का फोकस एरिया:-
एग्री बिजनेस और फूड प्रोसेसिंग, आटो मोबाईल, फार्मासिटीकल, वेयर
हाउसिंग और लाॅजिस्टिक रिन्यूएबल एनर्जी, टेक्सटाईल एंड गारमेंटिंग,
अर्बन डेवलपमेंट, आईटी, आईटीईएस टूरिज्म इत्यादि। |