प्रदेश में 8 औद्योगिक इकाइयों में 6013.90 करोड़
रुपये पूँजी निवेश सुनिश्चित
रायसेन, धार और दमोह जिले में स्थापित होंगी नई औद्योगिक इकाइयाँ
उद्योग संवर्धन नीति अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों को मिलेंगी सुविधाएँ
भोपाल,
15 अक्टूबर 2019 ( एमपीपोस्ट ) । राज्य शासन ने प्रदेश के रायसेन, धार
और दमोह जिले में आठ नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और दो औद्योगिक
इकाइयों का विस्तार करने के लिये उद्योग संवर्धन नीति के अन्तर्गत
सुविधाएँ देने का निर्णय लिया है। इन औद्योगिक इकाइयों के जरिये प्रदेश
में 6013 करोड़ 90 लाख रूपये का पूँजी निवेश होगा। इन इकाइयों में से
रायसेन जिले में दो, धार जिले में तीन तथा दमोह जिले में एक औद्योगिक
इकाई स्थापित होगी। साथ ही, रायसेन जिले में दो औद्योगिक इकाइयों का
विस्तार होगा।
उद्योग संवर्धन नीति के अंतर्गत रायसेन जिले की गौहरगंज तहसील के ग्राम
सिमरई में 175 करोड़ रुपये के पूँजी निवेश से फर्मास्क्यूटिकल्स एवं
हेल्थ केयर प्रोटेक्ट परियोजना और 300 करोड़ रुपये के पूँजी निवेश से
पर्सनल केयर प्रोडक्ट परियोजना की स्थापना की जा रही है। धार जिले के
पीथमपुर स्मार्ट इण्डस्ट्रियल पार्क में 1788 करोड़ 50 लाख रुपये के
पूँजी निवेश से रेडियल टॉयर निर्माण इकाई, ग्राम करोंदिया में 425 करोड़
40 लाख रुपये के पूँजी निवेश से सीमेंट विनिर्माण परियोजना और 225 करोड़
रुपये के स्थाई पूँजी निवेश से बायर राड विनिर्माण परियोजना की स्थापना
की जा रही है। दमोह जिले में 1400 करोड़ रुपये के स्थाई पूँजी निवेश से
2.20 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता का इंटीग्रेटेड सीमेंट प्लांट स्थापित
किया जा रहा है। इसके अलावा रायसेन जिले में मेसर्स प्रोक्टर एण्ड
गेम्बल होम प्रोडक्ट प्रा.लि. की विद्यमान इकाई का 500 करोड़ रुपये के
पूँजी निवेश से विस्तार किया जा रहा है। इसी के साथ मण्डीदीप में
मेसर्स एचईजी लिमिटेड द्वारा 1200 करोड़ रुपये के पूँजी निवेश से
परियोजना का विस्तार किया जा रहा है।
उद्योग संवर्धन नीति-2014 (यथा संशोधित 2018) में औद्योगिक इकाइयों को
प्रथम चरण में भवन, प्लांट और मशीनरी पर स्थाई पूँजी निवेश पर 20 से 40
प्रतिशत तक प्रोत्साहन सहायता प्रदान की जायेगी। प्रोत्साहन सहायता राशि
अधिकतम 200 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगी। रोजगार एवं निर्यात गणक का
लाभ अलग से प्राप्त होगा।
औद्योगिक इकाई को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 5 से 7
वर्ष तक के लिये 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से विद्युत उपलब्ध कराई
जायेगी। विद्युत देयक की शेष राशि (यदि कोई हो) संबंधित विद्युत वितरण
कम्पनी द्वारा एम.पी.आई.डी.सी. से प्राप्त की जा सकेगी। विद्युत शुल्क
में 7 से 10 वर्ष तक के लिये छूट भी दी जायेगी।
मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को औद्योगिक इकाई में रोजगार प्राप्त होने
पर तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग द्वारा नेशनल स्किल्स
क्वालिफिकेशन्स फ्रेम वर्क के एलाइड पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण की
व्यवस्था की जायेगी।
सभी औद्योगिक इकाइयों को उद्योग संवर्धन नीति-2014 (यथा संशोधित 2019)
के अंतर्गत प्रावधानित अन्य सुविधाओं का लाभ शर्तों के अध्याधीन
प्राप्त होगा। औद्योगिक इकाइयों को लीज भूमि पर देय स्टाम्प शुल्क और
पंजीयन शुल्क की प्रतिपूर्ति औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग
द्वारा की जायेगी।
धार जिले के पीथमपुर स्मार्ट इण्डस्ट्रियल पार्क में रेडियल टॉयर
निर्माण इकाई को आदेश दिनांक से 4 वर्ष के भीतर वाणिज्यिक उत्पादन
प्रारंभ करने की शर्त पर उद्योग संवर्धन नीति के अंतर्गत सुविधाएँ
प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। शेष औद्योगिक इकाइयों के लिये
वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने की समय-सीमा 3 वर्ष निर्धारित की गई
है।
धार जिले में सीमेंट विनिर्माण परियोजना, रायसेन जिले में मेसर्स एचईजी
लिमिटेड मण्डीदीप की विस्तार परियोजना और दमोह जिले की हटा तहसील के
ग्राम गेसावाद में इंटीग्रेटेड सीमेंट प्लांट में सड़क परिवहन तथा अन्य
संबंधित सेवाओं के लिये मध्यप्रदेश राज्य में पंजीकृत वाहनों का उपयोग
सुनिश्चित करना अनिवार्य किया गया है।
धार जिले में स्मार्ट इण्डस्ट्रियल पार्क, पीथमपुर में रेडियल टॉयर
निर्माण इकाई को 100 एकड़ भूमि प्रचलित प्रीमियम के 25 प्रतिशत की दर पर
आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। कम्पनी से भूमि के लिये देय राशि 4
समान वार्षिक किश्तों में प्राप्त की जायेगी। |