कमलनाथ जी का सक्षम नेतृत्व है , इंदौर में मेट्रो
भी चलेगी और इंदौर महानगर भी बनेगा- अभय दुबे
कैलाश जी ,जब पैरों तले ज़मीन न हो तो आसमानी बातें शोभा नहीं देतींि
भोपाल,
12 सितंबर 2019 ( एमपीपोस्ट ) । मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया
विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने जारी एक बयान में बताया कि इंदौर के
मेट्रो रेल का भूमि पूजन मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ जी
14 सितंबर 2019 को इंदौर में करने वाले हैं ,जिसका केंद्र से अनुबंध
हाल ही में 19 अगस्त 2019 को दिल्ली में हुआ है । भोपाल और इंदौर मेट्रो
रेल के लिए नई दिल्ली में हुआ एम.ओ.यू.नगरीय विकास मंत्री और केन्द्रीय
आवास और शहरी मामलों के मंत्री की उपस्थिति में हुआ ।
भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए नई दिल्ली में भारत सरकार,
मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन के बीच एम.ओ.यू.
हुआ। केन्द्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी और
प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्धन सिंह की उपस्थिति
में एम.ओ.यू. हुआ। प्रोजेक्ट केन्द्रीय मंत्री-मंडल द्वारा अनुमोदित
किया जा चुका है।
दुबे ने बताया कि भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में
दो कॉरिडोर बनेंगे। एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक 14.99 किलोमीटर
और दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहा तक 12.88 किलोमीटर का होगा।
इसकी कुल लागत रुपये 6941 करोड़ 40 लाख होगी। इसी प्रकार इंदौर मेट्रो
रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी। यह बंगाली चौराहा
से विजयनगर, भौंरासला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जायेगी। इसकी कुल
लागत 7500 करोड़ 80 लाख है।
प्रमुख बातें
भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश मेट्रो
रेल काॅर्पोरेशन द्वारा किया जायेगा। यह कंपनी अब भारत सरकार और
मध्यप्रदेश सरकार की 50:50 ज्वाइंट वेंचर कंपनी में परिवर्तित होगी।
कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) के रूप
में कार्य करेगी। कंपनी का एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा। इसमें 10
डायरेक्टर होंगे। भारत सरकार बोर्ड के चेयरमैन सहित 5 डायरेक्टर नामित
करेगी। प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी।
प्रोजेक्ट में प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण, पुर्नस्थापन और पुनर्वास
में आने वाला पूरा खर्च वहन करेगी। भोपाल मेट्रो के लिए यूरोपियन
इन्वेस्टमेंट बैंक और इंदौर मेट्रो के लिए एशियन डेव्हलपमेंट बैंक तथा
न्यू डेव्हलपमेंट बैंक से लोन भी लिया जायेगा। भारत सरकार इक्विटी शेयर
कैपिटल खरीदेगी, जिससे प्रोजेक्ट के लिये बहुपक्षीय और द्विपक्षीय लोन
की सुविधा मिल सके।
प्रोजेक्ट में आने वाली कठिनाइयों के जल्द निराकरण के लिए प्रदेश सरकार
द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनायी जायेगी। कमेटी
में संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव भी शामिल होंगे।
भारत सरकार प्रोजेक्ट के टेक्निकल स्टैण्डर्ड और स्पेसिफिकेशन्स को
एप्रूव करेगी। सुरक्षा का सर्टिफिकेट मेट्रो रेलवे सेफ्टी के कमिश्नर
देंगे।
दुबे ने कहा कि कैलाश जी , आपके आज के दावे की पोल भाजपा के वरिष्ठ नेता
स्वर्गीय बाबूलाल गौर जी ने 2016 मे ही विधानसभा में खोल दी थी ।आपके
और माया सिंह जी के कार्यकाल को कठघरे खड़े करते हुए उन्होंने कहा था कि
"सात साल में मेट्रो नहीं चला सके, यह सरकार की क्षमता पर सवाल है।"
उन्होंने कहा था कि इससे लोगों में रोष है। विधानसभा में गौर ने
भोपाल-इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट पर ध्यानाकर्षण रखा था। बोले, विभाग की
उदासीनता और लालफीताशाही के कारण जनता मेट्रो से वंचित है। इस पर नगरीय
प्रशासन मंत्री माया सिंह ने मेट्रो प्रोजेक्ट के अब तक के काम बताए तो
गौर ने कटाक्ष करने में देरी नहीं की। उन्होंने भरे सदन में मंत्री के
जवाब पर असंतुष्टि जताते हुए कहा - 'इस उत्तर पर दया आती है'। इतना ही
नहीं उन्होंने सदन में कहा था कि भोपाल मेट्रो कंपनी के इंजीनियर इन
चीफ़ का रेल के क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है। वो वेयर हाउस
कार्पोरेशन के अधिकारी हैं, अरे यह क्या रेल चलायेंगे? विधानसभा
अध्यक्ष ने उन्हें पूरा उत्तर सुनने के लिए बोला तो गौर नाराज़ होकर
बोले, क्या उत्तर ले लें। सरकार मेट्रो चलाना ही नहीं चाहती। इस जवाब
से संतुष्ट नहीं हूँ ।
कैलाश जी, इंदौर में मेट्रो भी चलेगी। इंदौर में मेट्रोपोलिटीयन अथॉरिटी
भी बनेगी । कैलाश जी सरकार के काम की समालोचना कीजिए, मगर अपनी निराशा
यूँ न प्रदर्शित कीजिए । इंदौर के विकास में बाधा मत बनिए ।
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